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Ayodhya Demolition Case: पिता धुरंधर सिंह के साथ अयोध्‍या गए थे निर्भय, ढाई महीने बाद कोर्ट से जमानत लेकर लौटे थे

Ayodhya Demolition Case. अयोध्‍या में जिस दिन ढांचा ध्वंस हुआ उस दिन का माहौल याद आने पर आज भी रोंगटे खड़े कर देता है। पांच दिन तक हमलोग सीताजी के मंदिर में पुजारी जगदानंद पांडेय के संरक्षण में रहे। वे प्रतापगढ़ के रहने वाले थे इसलिए हमें जानते थे।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 09:49 AM (IST)Updated: Fri, 02 Oct 2020 09:08 AM (IST)
Ayodhya Demolition Case: पिता धुरंधर सिंह के साथ अयोध्‍या गए थे निर्भय, ढाई महीने बाद कोर्ट से जमानत लेकर लौटे थे
अयोध्या में कार सेवा करने जमशेदपुर के ठाकुर धुरंधर सिंह के साथ उनके पुत्र निर्भय सिंह भी गए थे।

जमशेदपुर, जासं। अयोध्या में कार सेवा करने जमशेदपुर के काशीडीह निवासी ठाकुर धुरंधर सिंह के साथ उनके पुत्र निर्भय सिंह भी गए थे। निर्भय बताते हैं कि जमशेदपुर से कई लोग गए थे, लेकिन ढांचा ध्वंस करने में वह भी अपने पिता के साथ पांच दिन पहले अयोध्या पहुंच गए थे। इसमें हमारी मारुति वैन का चालक बबुआ सिंह भी था।

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जिस दिन ढांचा ध्वंस हुआ, उस दिन का माहौल याद आने पर आज भी रोंगटे खड़े कर देता है। पांच दिन तक हमलोग सीताजी के मंदिर में पुजारी जगदानंद पांडेय के संरक्षण में रहे। वे प्रतापगढ़ के रहने वाले थे, इसलिए हमें जानते थे। पुआल पर सोते थे। खाने-पीने का ठिकाना नहीं था। हमने राजमाता विजया राजे सिंधिया व उमा भारती को देखा, जो हमें लौट जाने को कह रही थीं। लेकिन माहौल ऐसा बन गया था कि कोई लौटने को तैयार नहीं था। खैर ढांचा ध्वंस हो गया तो उसके बाद ऐसी भगदड़ मची कि हमलोग मारुति वैन वहीं छोड़कर बस से कानपुर निकल गए। फिर वहां से रीवां होते हुए भोपाल गए।

दैनिक जागरण से मिली केस की जानकारी

13 दिसंबर 1992 को फैजाबाद के दैनिक जागरण में छपा कि ध्वंस मामले में जमशेदपुर से हम तीनों भाई (अभय सिंह, निर्भय सिंह व दिलीप सिंह) और पिता स्व. धुरंधर सिंह पर केस दर्ज हो गया है। हमने जब घर पर फोन किया, तो फोन साकची के थाना प्रभारी सदन कुमार श्रीवास्तव ने उठाया। हमलोग माजरा समझ गए। अभय सिंह भी घर से फरार थे। उन्होंने फोन करके हमें बताया कि अभी जमशेदपुर मत लौटना। हमलोग ढाई महीने तक भटकते रहे। अंत में इलाहाबाद हाईकोर्ट जमानत लेकर करीब ढाई माह बाद जमशेदपुर लौटे। हमलोगों के घर पहुंचते ही पुलिस ने धावा बोल दिया, लेकिन जब जमानत का कागज दिखाया तो पुलिस लौट गई। बाद में पता चला कि यहां से एसपी परवेज हयात ने हमलोगों का नाम डलवाया था। 

अमरेंद्र प्रताप सिंह समेत कई लोग गए थे 

बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष रहे आरा के पूर्व विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह भी जमशेदपुर से अयोध्या जाने वालों में शामिल थे। इनके अलावा पूर्व विधायक स्व. दीनानाथ पांडेय, मानगो के बीके त्रिवेदी, कदमा से नरेश ठाकुर व अमरेंद्र मल्लिक, साकची से सुमन अग्रवाल आदि हमलोगों के साथ अयोध्या गए थे। तब स्व. ठाकुर धुरंधर सिंह विश्व हिंदू परिषद जमशेदपुर के अध्यक्ष थे।


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