Jharkhand Auto ऑटो सेक्टर में तेजी से बढ़ी टाटा स्टील की बिक्री Jamshedpur News
ऑटो सेक्टर में आई तेजी से तीसरी तिमाही में टाटा स्टील की बिक्री बढ़ी है। दूसरी तिमाही में 4.13 मिलियन टन की तुलना में तीसरी तिमाही में बिक्री बढ़कर 4.84 मिलियन टन हो गई है।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। ऑटो सेक्टर में आई तेजी से तीसरी तिमाही में टाटा स्टील की बिक्री बढ़ी है। बीते दूसरी तिमाही में कंपनी की बिक्री 4.13 मिलियन टन की तुलना में तीसरी तिमाही में बढ़कर 4.84 मिलियन टन हो गई है।
टाटा स्टील प्रबंधन ने इसकी जानकारी पिछले दिनों बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) को दी है जिसमें तीसरी तिमाही के उत्पादन और बिक्री की जानकारी दी गई है। कंपनी प्रबंधन का मानना है कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में आई नरमी। हालांकि चीनी इस्पात की मांग अधिक होने से स्टील उत्पादन के बावजूद उत्पादन में उछाल आई।
निर्यात एक माह में लगभग पांच मिलियन टन पर स्थिर रहा। अमेरिका द्वारा चीन को दी गई व्यापारिक ढ़ील से स्टील की वैश्विक मांग और कीमत को समर्थन मिला। हालांकि भौगोलिक राजनीतिक जोखिम का असर भी स्टील की डिमांड पर पड़ा। टाटा स्टील के भारतीय बाजार में पिछली तिमाही की तुलना में बिक्री में 17 प्रतिशत का उछाल आया।
ब्रांडेड उत्पाद व खुदा बाजार में भी 23 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। जबकि औद्योगिक उत्पाद और परियोजनाओं के शुरू होने से कंस्ट्रक्शन स्टील की बिक्री में 12 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। हालांकि उत्पादन के मामले में पिछली तिमाही के अनुसार तीसरी तिमाही में उत्पादन 4.50 एमटी के अनुपात में 4.46 एमटी ही रहा। टाटा स्टील यूरोप में 2.45 एमटी की तुलना में उत्पादन 2.50 एमटी जबकि बिक्री 2.28 एमटी की अपेक्षा 2.31 एमटी सुखद रहा।
वहीं, साउथ ईस्ट एशिया में उत्पादन 0.57 एमटी की तुलना में उत्पादन 0.49 एमटी और बिक्री 0.60 एमटी की अपेक्षा 0.59 एमटी से हल्की नरमी देखी गई। टाटा स्टील इंडिया में वर्ष 2019 की तीसरी तिमाही में 12.90 एमटी उत्पादन की तुलना में 2020 की तीसरी तिमाही में यह बढ़कर 13.46 एमटी रहा। जबकि आलोच्य अवधि में 12.02 एमटी की तुलना में बिक्री 12.04 एमटी रहा।
कच्चे माल में रही नरमी
कंपनी प्रबंधन का मानना है कि यूरोप में मौसमी कमजोरी के साथ समग्र मंदी ने स्टील इंडस्ट्री के दबाव को कम कर दिया। स्टील की कीमतों में आई गिरावट से कच्चे माल की कीमतों में भी नरमी का लाभ मिला।
कमजोर भी भारतीय अर्थव्यवस्था
कंपनी प्रबंधन का मानना है कि कम निवेश और भारतीय अर्थव्यवस्था में आई कमजोरी का असर भी स्टील इंडस्ट्री पर पड़ा। नवंबर 2019 के बाद से व्यापार में सुधार हुआ। मजबूत खुदरा मांग और कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में आई तेजी का असर स्टील बाजार के लिए सकारात्मक पहल लेकर आया।