इसलिए हमारे दिल में बसते थे अटल बिहारी वाजपेयी
जमशेदपुर के युवाओं के दिलों पर भी अटल बिहारी वाजपेयी राज करते थे। उनके निधन पर युवाओं ने जागरण से की दिल की बात।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : कवि, पत्रकार और प्रधानमंत्री रह चुके अटल बिहारी वाजपेयी जमशेदपुर के युवाओं के बीच भी हमेशा लोकप्रिय रहे। उनके निधन से यहां के युवा भी दुखी हैं। निधन की खबर मिलते ही शहर के युवाओं ने दैनिक जागरण से अपने अनुभव और भावनाएं शेयर कीं।
बागबेड़ा के संदीप सिंह ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जैसे राजनेता भारतीय राजनीति में बहुत कम हैं। वे सबके चहेता थे। उनका जीवन हमेशा प्रेरणास्रोत रहेगा। प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने भारत को नई ऊंचाई प्रदान की।
एग्रिको की किरण कुमारी ने कहा कि मैं अटल बिहारी वाजपेयी की कविता की फैन रही हूं। उन्हें कवि के रूप में ज्यादा पसंद करती हूं। उनकी कविताएं आगे बढ़ने के लिए हमेशा प्रेरित करती हैं। कविता पढ़ने का अंदाज निराला था।
केबुल टाउन की शिल्पा कुमारी ने कहा कि भारत के वर्तमान नेताओं को अटल बिहारी वाजपेयी से सीख लेनी चाहिए। उनके देश सेवा का तरीका अनूठा था। वे हर वर्ग व तबके के बीच लोकप्रिय थे। हर कोई सम्मान देता था।
टिनप्लेट की कविता कुमारी ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी का संपूर्ण जीवन देश के लिए समर्पित रहा। वे कभी विवादों में नहीं रहे। समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने की उनमें अद्भाुत क्षमता थी। उनका गुण सबको अपनाना चाहिए।
केबुल गोलमुरी की रहने वाली अनुजा कुमारी ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत का नाम दुनिया में रोशन किया। सर्वमान्य नेता रहे। सभी ने उन्हें सम्मान दिया। उन्होंने राजनीति की नई परिभाषा गढ़ी है। उस पर अमल जरूरी है।
सोनारी के रहनेवाले अमित शर्मा ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी देश के सच्चे हीरो रहे हैं। कवि के रूप में, राजनेता के रूप में और पत्रकार के रूप में। हर क्षेत्र में लीक से हटकर थे। हमसब को उनसे सीखना चाहिए।
गोलमुरी निवासी कुलदीप वर्मा ने कहा कि अटल बिहार वाजपेयी ने राजनीति की जो नई परिभाषा दी है, उस पर देश को अमल करना चाहिए। दुनिया में भारत कैसे ऊंचाई हासिल कर सकता है, यह उनसे सीखा जा सकता है।
मानगो क्षेत्र के निवासी रणदीप सिंह ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी सच्चे अर्थो में भारत रत्न थे। उनके निधन से एक परंपरा का अंत हो गया। अब उनकी तरह राजनीति में कोई नहीं दिखता। हमारे नेता उनके पदचिह्नों पर चलें, यही कामना है।