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झारखंड के उद्यमियों का सबसे बड़ा संगठन है एसिया, सात उद्यमियों ने मिलकर रखी थी इसकी नींव

Asia एसिया का निबंधन वर्ष 1982 में बिहार सरकार से किया गया था। उस समय भी संगठन में 30 सदस्य ही जुड़े थे। निबंधन होने के बाद संगठन को मानों पंख लग गए। आज इससे करीब 1000 सदस्य जुड़ गए हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 05:31 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 05:31 PM (IST)
झारखंड के उद्यमियों का सबसे बड़ा संगठन है एसिया, सात उद्यमियों ने मिलकर रखी थी इसकी नींव
एसिया की स्थापना वर्ष 1981 में सात उद्यमियों ने की थी।

आदित्यपुर (चंदन)। आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमियों की सबसे बड़ी संस्था एसिया (आदित्यपुर स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन) की स्थापना वर्ष 1981 में सात उद्यमियों ने की थी। उस वक्त से लेकर आज तक इसने निरंतर प्रगति की, जिसका नतीजा है कि यह ना केवल कोल्हान, बल्कि पूरे झारखंड का सबसे बड़ा उद्यमी संगठन है।

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एसिया के ट्रस्टी सह ऑटो क्लस्टर के एमडी एसएन ठाकुर ने बताया कि 1980 के दौर में आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में इंजीनियर उद्यमी एसोसिएशन और आदित्यपुर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन नामक संगठन चल रहा था। उस समय छोटे-छोटे उद्योगों की समस्या का निदान करने के लिए एक संगठन बनाने की आवश्यकता महसूस हुई। उस समय एसिया का गठन करने के लिए पुरूषोत्तम सर्राफ, एसएन ठाकुर, बालेश्वर महतो, विक्टर सिंह, एसपी गुप्ता, एनई मकवाना व आरके बेहरा आगे आए। उस समय संगठन से महज 25 उद्यमी सदस्य बने थे। इसके बाद संगठन को मजबूत करने में श्याम सुंदर गुटगुटिया, विजय मेहता, डा. महावीर राम आदि ने महत्वपूर्ण भागीदारी निभाई। इसके बाद भी कई उद्यमी इससे जुड़ते गए, जिन्होंने अपनी-अपनी क्षमता-योग्यता के मुताबिक संगठन को मजबूती प्रदान की। सदस्यों की बदौलत एसिया की पहचान जमशेदपुर, कोल्हान या झारखंड तक ही नहीं, दिल्ली तक बनी। राज्य सरकार भी एसिया की बातों को गंभीरता से सुनती है।

1982 में हुआ था निबंधन

एसिया का निबंधन वर्ष 1982 में बिहार सरकार से किया गया था। उस समय भी संगठन में 30 सदस्य ही जुड़े थे। निबंधन होने के बाद संगठन को मानों पंख लग गए। आज इससे करीब 1000 सदस्य जुड़ गए हैं। सदस्य संख्या बढ़ने के बाद संगठन को बल मिला और विभिन्न मांगों के लिए जोरदार आंदोलन चला। सदस्यता अभियान भी चलाया गया। उद्यमियों की समस्या का निदान होने से ज्यादा से ज्यादा उद्यमी इससे जुड़ने लगे। यही वजह है कि आज यह झारखंड का सबसे बड़ा उद्यमी संगठन बन चुका है। इसके चुनाव की अभी प्रक्रिया चल रही है।


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