घाघीडीह सेंट्रल जेल में 16 एचआइवी पॉजीटिव कैदी मिलने से हड़कंप, एआरटी सेंटर खोलने की Jamshedpur News
घाघीडीह सेंट्रल जेल में 16 एचआइवी पॉजीटिव कैदी मिलने से हड़कंप मच गया है। जेल में जल्द ही लिंक एआरटी सेंटर खोलने की तैयारी हाे रही है।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। पूर्वी सिंहभूम जिले के जमशेदपुर में स्थित घाघीडीह सेंट्रल जेल में अब तक कुल 16 कैदी एचआइवी पॉजीटिव पाए गए हैं। जिसमें से चार कैदी जेल से रिहा हो गए, आठ एचआइवी पीडि़त कैदियों का दवा शुरू हो गयी है जबकि चार कैदी दवा लेने की प्रक्रिया में है। कैदियों का जांच प्रक्रिया जिले के सिविल सर्जन डा. महेश्वर प्रसाद द्वारा गठित टीम द्वारा की गयी। इसके बाद पीडि़त लोगों को एआरटी (एंटी रेट्रोवायरल ट्रीटमेंट) सेंटर भेजा गया।
जेल में एचआइवी पीडि़त कैदियों के बारे में जानकारी मिलने से जेल के अंदर खलबली मच गयी। हालांकि जेल अधीक्षक सत्येंद्र चौधरी ने बताया कि इससे किसी को घबराने की जरुरत नहीं है। इसके लिए आवश्यक दवाएं उपलब्ध है। जानकारी हो कि सोमवार को जेल अधीक्षक सत्येंद्र चौधरी ने बताया था कि घाघीडीह सेंट्रल जेल के सभी कैदियों का पिछले एक महीना से महात्मा गांधी मेमोरियल अस्पताल स्थित एआरटी सेंटर में एचआइवी जांच कराई गयी। जिसमें अबतक लगभग 2000 कैदियों की जांच हुई है। इनमें 1300 कैदियों की जांच रिपोर्ट जेल प्रशासन को मिल चुकी है। इनमें से 16 कैदी एचआइवी पॉजीटिव पाए गए हैं। इन कैदियों में संक्रमण कैसे हुआ, अभी इसका खुलासा नहीं हुआ है। जेल प्रशासन काउंसिलिंग के जरिए यह जानने की कोशिश में जुटा है कि संक्रमण की वजह क्या है।
घाघीडीह जेल में बनेगा लिंक एआरटी सेंटर
घाघीडीह सेंट्रल जेल में जल्द ही लिंक एआरटी सेंटर खुलेगा। इस संबंध में जानकारी देते हुए एमजीएम एआरटी सेंटर के पदाधिकारी ने बताया कि जेल में लिंक एआरटी सेंटर खोलने के लिए झारखंड एड्स कंट्रोल सोसायटी को पत्र भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही जेल में लिंक एआरटी सेंटर खोल दिए जाएंगे। जेल के अंदर एआरटी सेंटर खुल जाने से कैदियों को दवा के लिए एमजीएम अस्पताल नहीं आना पड़ेगा, बल्कि उन्हें जेल में ही दवा मिल जाएगी। इससे कैदियों की सुरक्षा व अन्य संसाधन पर होने वाले खर्च से निजात मिल सकेगी।
एचआइवी पीडि़तों 1000 पेंशन
एमजीएम एआरटी सेंटर से मिली जानकारी के अनुसार एचआइवी मरीजों के लिए सरकार ने एचआइवी/एड्स पेंशन योजना चालू की है। इस योजना के तहत अब तक एमजीएम में रजिस्टर्ड 2200 मरीजों में से 700 एचआइवी पीडि़त कैदियों को प्रतिमाह 1000 रुपये का पेंशन दिया जा रहा है। बाकि अन्य पीडि़तों को एक माह के अंदर पेंशन से जोड़ दिए जाएंगे।
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