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कोरोना के खौफ में खूब बिक रही ‘आर्सेनिक एलबम-30’ Jamshedpur News

वायरस से लड़ने को एलोपैथ में कोई दवा नहीं होम्योपैथ दवा पर लोग कर रहे भरोसा बिना सलाह के दवा ले रहे लोग।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Sat, 07 Mar 2020 06:31 PM (IST)Updated: Sat, 07 Mar 2020 07:31 PM (IST)
कोरोना के खौफ में खूब बिक रही ‘आर्सेनिक एलबम-30’ Jamshedpur News

जमशेदपुर (अमित तिवारी)। कोरोना वायरस से घबराने की नहीं बल्कि जागरूक होने की जरूरत है। शहरवासियों में इस वायरस को लेकर खौफ इतना हावी है कि वे इससे बचने को हर उपाय तलाशने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

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एलोपैथ से लेकर होम्योपैथ व आयुर्वेद चिकित्सकों के पास लोग इस वायरस के बारे में जानने और इससे बचने का उपाय जानने, सुझाव लेने पहुंच रहे हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर प्रचारित की गई ‘आर्सेनिक एलबम-30’ की ब्रिकी बढ़ गई है। लोग बिना चिकित्‍सक की सलाह लिए अपने मन से ही इस दवा को खरीदकर खा रहे हैं। होम्योपैथी दवा के दुकानदारों का कहना है कि पहले चिकित्सकों की सलाह पर इस दवा को लोग खरीदकर ले जाते थे लेकिन अब हर किसी की जुबान पर यह दवा है।

वे सीधे आकर ‘आर्सेनिक एलबम-30’ मांग रहे हैं। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इस दवा की खरीद-ब्रिकी कोरोना वायरस को खत्म करने के नाम पर हो रही है तो यह गलत है। यह दवा रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के काम आती है। सामान्‍य तौर पर सर्दी-खांसी, जुकाम व सांस लेने में परेशानी, बॉडी पेन होने पर ‘आर्सेनिक एलबम-30’नाम कीदवा का उपयोग किया जा सकता है।

नेचुरोपैथी सुझाव 

नेचुरोपैथी विशेषज्ञ अनिल रॉय का कहना है कि कोरोना वायरस से बचने के लिए प्राकृतिक चिकित्‍सा में इलाज के तहत शरीर का शुद्धीकरण (नेति, कुंजल, बस्ति-क्रिया, वाष्प, स्नान आदि) करना चाहिए। साथ ही संतुलित आहार विशेषकर रसाहार ज्यादा लेना ठीक रहता है। वहीं प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए विटामिन सी (आंवला, नींबू, संतरा आदि), तुलसी, गिलोय, हल्दी, लहसून, डाब का सेवन करना उचित रहता है। अनिल रॉय ने कहा कि हर किसी को व्यक्तिगत स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। शरीर के प्रत्येक अंग की सफाई तो करनी ही चाहिए विशेषकर हाथ, मुंह, नाक, चेहरे पर ध्यान देने की जरूरत है। सार्वजनिक स्‍थलों जहां गंदगी हो वहां बिल्‍कुल नहीं ठहरना चाहिए। वायरस से बचाव के लिए चेहरे पर मास्क लगाना चाहिए। इससे वायरस को मुंह में प्रवेश करने से रोकने में काफी मदद मिलेगी। इस बात पर ध्‍यान देते रहना चाहिए कि अपने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाए। 

एलोपैथी सुझाव

महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पूर्व प्रोफेसर डॉ. निर्मल कुमार का कहना है कि कोरोना वायरस को लेकर ज्‍यादा डरने की नहीं, सतर्क रहने की जरूरत है। इस वायरस को लेकर कुछ लोग भयभीत जरूर हैं लेकिन उन्हें इसके बारे में पहले पूरी तरह जागरूक होना चाहिए। कोरोना वायरस नया होने के कारण अबतक इसकी दवा उपलब्‍ध नहीं है।

कुछ सावधानी बरतते हुए इससे बचा जा सकता है। खासतौर से बाहर से आने वाले लोगों को विशेष ध्यान देना चाहिए। इस वायरस के किसी तरह के लक्षण मिलें तो तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें ताकि समय पर समूचित इलाज हो सके। वायरस से बचने के लिए अपने हाथों को बार-बार साफ करते रहना चाहिए। बचाव ही सबसे कारगर उपाय है।

आयुर्वेद सुझाव

आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. मनीष डूडीया का कहना है कि डर एवं नकारात्मक सोच से रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आती है। कोरोना वायरस की कोई विशिष्ट चिकित्सा अभी तक उपलब्ध नहीं हो सकी है। संक्रमित होने से बचने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के उपाय करें ताकि संक्रमण न हो। संक्रमण के सीधे संपर्क में आने की स्थितियों से बचा जाए। हाथ मिलाने अथवा गले मिलने से अच्छा है हाथ जोड़कर अभिवादन किया जाए। प्राणायाम करें। घर में बना ताजा, शाकाहारी भोजन करें। विटामीन सी का सेवन ज्‍यादा करें। नींबू का रस गरम पानी में मिलाकर पीएं। आंवला और  गिलोय का सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में लाभप्रद माना जाता है।

होम्योपैथी सुझाव

साकची शिव होम्यो हॉल के होम्योपैथी विशेषज्ञ डॉ. विजय कुमार चौधरी ने बताया कि हाल के दिनों में सर्दी-खांसी व जुकाम से पीडि़त मरीजों की संख्या बढ़ी है। इसका मुख्य कारण कोरोना वायरस को माना जा रहा है। पहले लोग सर्दी-खांसी होने पर घर में ही रहकर बर्दाश्त करते या फिर दवा खाते थे। अब तुरंत डॉक्टर के पास पहुंच रहे है।

 

वहीं होम्योपैथी विशेषज्ञ डॉ. एमएन अख्तर सुझाव देते हैा कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए ‘आर्सेनिक एलबम-30’ दवा तीन दिन तक ली जा सकती है।  अगर ज्यादा परेशानी बढ़ रही है तो हिफर सल्फ-30 का सेवन किया जा सकता है।


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