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हड़ताल की घोषणा, एक अगस्त से नहीं चलेंगे ट्रक-ट्रेलर Jamshedpur News

जमशेदपुर ट्रक एंड ट्रेलर ऑनर्स एसोसिएशन के फैसले से ओडिशा और आसपास के एरिया में चलनेवाले करीब 900 भारी वाहनों के पहिये एक अगस्त से थम जाएंगे।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Tue, 28 Jul 2020 11:02 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2020 11:02 PM (IST)
हड़ताल की घोषणा, एक अगस्त से नहीं चलेंगे ट्रक-ट्रेलर Jamshedpur News
हड़ताल की घोषणा, एक अगस्त से नहीं चलेंगे ट्रक-ट्रेलर Jamshedpur News

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। जमशेदपुर ट्रक एंड ट्रेलर ऑनर्स एसोसिएशन ने एक अगस्त से हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। पूर्वी सिंहभूम के जमशेदपुर के डिमना रोड स्थित ट्रांसपोर्ट नगर में मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष जसबीर सिंह सिरे ने यह बात कही।

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उन्होंने कहा कि ओडिशा और आसपास के एरिया में चलनेवाले करीब 900 भारी वाहनों के पहिये एक अगस्त से थम जाएंगे। एसोसिएशन बहरागोड़ा में चेकपोस्ट बनाकर ओडिशा की ओर से आनेवाली एक हजार से अधिक गाडिय़ों को भी जबरन रोकेगा।

खडग़पुर की रश्मि मेटालिक व ओडिशा मेटालिक द्वारा झारखंड के ट्रक मालिकों को ओडिशा के ट्रकों की तुलना में 500 रुपये प्रति टन कम दिया जा रहा है, जबकि कोल्हान के चालकों को इससे काफी अधिक राशि का खर्च माल को गंतव्य तक पहुंचाने में लग रहा है। डीजल के दाम में 15 रुपये लीटर की वृद्धि हो गई है। राजनगर के पास मुरुडीह पुलिया के क्षतिग्रस्त होने के कारण 60 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करना पड़ रहा है। नया टोल टैक्स लागू होने से अप-डाउन में 740 रुपये अतिरिक्त देने पड़ रहे हैं। एसोसिएशन ने सरकार से न्यूनतम भाड़ा निर्धारित करने की अपील की है। जहां भी आयरन ओर या कोलियरी माइंस है, वहां स्थानीय गाड़ी मालिक को यूनियन द्वारा तय भाड़ा दिया जाता है। 10 माह से चाईबासा-हाता मार्ग को प्रशासन द्वारा बंद कर दिया गया है। इसकी वजह से गाडिय़ों को 60 किलोमीटर घूम कर जाना पड़ता है, जिसमें तीन-तीन टोल ब्रिज आते हैं। आरोप है कि टोल ब्रिज वालों की मिलीभगत से हाता मार्ग को चालू नहीं किया जा रहा है, जबकि 100 करोड़ की लागत से उच्च गुणवत्ता की सड़क बनाई गई है।

ट्रक मालिकों ने अपने पैसे से डायवर्सन बनाने का प्रस्ताव दिया, लेकिन उसे भी खारिज कर दिया गया। यह भी आरोप है कि स्थानीय वाहन मालिकों का टाटा स्टील के निबंधित ट्रांसपोर्टर शोषण कर रहे हैं। नियम के मुताबिक निबंधित वेंडरों को 50 प्रतिशत ढुलाई स्थानीय वाहनों को देनी है, लेकिन टाटा स्टील ने मात्र 13 स्थानीय और 12 अन्य राज्यों के ट्रांसपोर्टरों को नियुक्त कर रखा है, जिन्होंने अपनी पांच-पांच सौ गाडिय़ां ले रखी हैं। इस कारण स्थानीय को काम नहीं मिल रहा है। संवाददाता सम्मेलन में संरक्षक धनंजय राय, सचिव मनीष कुमार समेत कई गाड़ी मालिक मौजूद थे।


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