नन्हीं अंकिता की बड़ी उड़ान: इसरो से आमंत्रण पाने वाली घाटशिला की दूसरी छात्रा
झारखंड की बेटी की उड़ान । धालभूमगढ़ कस्तूरबा विद्यालय की मांतू पाणि के बाद घाटशिला के संत नंदलाल स्मृति विद्या मंदिर की 9वीं कक्षा की छात्रा अंकिता को इसरो से आमंत्रण मिला हैै।
घाटशिला (पूर्वी सिंहभूम), राजेश चौबे। झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला अनुमंडल की एक और छात्रा इसरो जाएगी। पहले धालभूमगढ़ स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की मांतू पाणि का चयन इसरो भ्रमण के लिए हुआ था। अब दूसरी छात्रा अंकिता का चयन हुआ है।
घाटशिला की संत नंदलाल स्मृति विद्या मंदिर की 9वीं कक्षा की छात्रा अंकिता को इसरो हरिकोटा से आमंत्रण मिला है। इसकी जानकारी मिलते ही पूरे परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। इस उपलब्धि से न कि सिर्फ परिवार में खुशी है बल्कि क्षेत्र में हर्ष का माहौल है। अंकिता के पिता शिक्षक दीप नारायण महतो ने बताया कि इसरो द्वारा अगस्त माह में ऑनलाइन स्पेस क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इसमें अंकिता ने भी भाग लिया था। उसे उम्मीद थी कि इस प्रतियोगिता में उत्तीर्ण होगी पर उसे यह उम्मीद नहीं थी कि इसराे से बुलावा मिलेगा।बुधवार की शाम जैसे ही उनके ई मेल पर इसरो से मैसेज आया पूरा परिवार खुशी से झूम उठा। उन्होंने बताया कि ई मेल पर इतना ही संदेश मिला है कि जनवरी व फरवरी 2020 द्वारा इसरो की ओर से रॉकेट लांच किया जाएगा। उस दौरान वैसे सभी छात्र अपने अभिभावक के साथ उपस्थित रहेंगे।
अंकिता का पूरा परिवार ही शिक्षक
कक्षा 9वीं की छात्रा अंकिता को यह उपलब्धि कहीं और से नहीं बल्कि अपने ही परिवार से मिली है। अंकिता के दादा स्व. काली चरण महतो महुलिया बंगला विद्यालय से प्रधानाध्यापक के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। यह सिलसिला वही रुका नहीं। उसकी दादी वीणा पाणि महतो पावड़ा मिडिल स्कूल से प्रधानाध्यापिका के पद से सेवानिवृत्त हुई । अंकिता के माता-पिता भी कई वर्ष तक पारा शिक्षक के रूप में डुमरिया प्रखंड में कार्यरत थे। इसके बाद पिछले कुछ वर्ष पूर्व उन दोनोंं का चयन शिक्षक के रूप में हुआ। माता बबिता महतो उत्क्रमित विद्यालय हाड़दा में तो पिता दीप नारायण महतो उत्क्रमित मध्य विद्यालय मोंदा में सहायक शिक्षक के रूप में पदस्थापित है।
वैज्ञानिक बनने का है सपना
संत नंदलाल स्मृति विद्यालय की कक्षा 9वीं की छात्रा अंकिता से इस उपलब्धि के बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि माता-पिता व दादी का पढ़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। इसके कारण जब भी समय मिलता है तो इस तरह के प्रतियोगिता में शामिल होती है। अंकिता ने बताया कि बचपन से इच्छा है कि आगे चलकर वैज्ञानिक बने। इसी वजह से शुरू से ही इस क्षेत्र में ध्यान रहता है।
सपना हो रहा पूरा : दादी
दादी वीणा पाणि महतो ने इतनी खुश है कि उम्र के अंतिम पड़ाव में पोती ने जो खुशी दी है वह कभी नही मिली। उन्होंने बताया कि अंकिता यह सच कर दिखा रही है कि बेटा ही नही बल्कि बेटी भी कहीं भी किसी से कम नही है। हालांकि पोता भी अच्छी पढ़ाई कर रहा है।