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Andhra association Kadma : ट्रस्टियों एवं पूर्व महासचिव की पोल पट्टी खोलने में जुटी वर्तमान कमेटी, आंध्र एसोसिएशन के सभी सदस्यों को भेजा जा रहा पत्र

Andhra association Kadma. आंध्र एसोसिएशन में कार्यरत वर्तमान कमेटी द्वारा जारी पत्र में यह भी बताया गया कि पिछली कमेटी बिना आमसभा का अनुमोदन लिए ही ट्रस्टियों को ढोते रही। नए ट्रस्टी के चुनाव को लेकर विगत दस वर्षो तक कोई चर्चा तक नहीं है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Mon, 01 Mar 2021 08:56 PM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 09:51 AM (IST)
Andhra association Kadma : ट्रस्टियों एवं पूर्व महासचिव की पोल पट्टी खोलने में जुटी वर्तमान कमेटी, आंध्र एसोसिएशन के सभी सदस्यों को भेजा जा रहा पत्र
10 साल से नहीं हो पाया नए ट्रस्टी का चुनाव।

जमशेदपुर, जासं। आंध्र एसोसिएशन कदमा प्रबंधन समिति ने बर्खास्त ट्रस्टियों एवं पूर्व महासचिव की पोल पट्टी खोलने का अभियान सदस्यों के बीच प्रारंभ कर दिया गया है। इस संबंध में अध्यक्ष पीवीटी राव तथा महासचिव ए भास्कर राव ने बताया कि सारे सदस्यों को तीन पन्नों का पत्र कुरियर एवं विभिन्न माध्यमों से भेजा रहा है। इसमें बर्खास्त पदाधिकारियों द्वारा अब तक की गई वित्तीय अनियमितता तथा वर्तमान कमेटी के क्रियाकलापों को बताया गया है।

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पत्र में बताया गया कि ट्रस्टियों की विशेष बैठक का कोई अभिलेख उपलब्ध नहीं है। संस्था के संविधान के अनुसार सदस्यता शुल्क प्रति व्यक्ति 501 रुपये निर्धारित है, लेकिन पूर्व की कमेटी द्वरा बिना आमसभा की स्वीकृति के ही प्रति सदस्य 1000 रुपया की राशि एकत्र की गई। तीनों ट्रस्टियों और पूर्व महासचिव ने बिना कमेटी के अनुमोदन लिए ही हिंदी विद्यालय के सात शिक्षकों को 2,10, 0000 की राशि ऋण के रूप में एक मुश्त दे दिया गया। शिक्षा विभाग के आदेश की अवहेलना करते हुए सात शिक्षकों की सेवा समाप्त नहीं की। वर्तमान कमेटी ने ट्रस्टियों की अनुमति से ही सात शिक्षकों की सेवा को समाप्त करने का निर्णय लिया गया। पत्र में यह भी लिखा गया कि 07 जून 2020 की प्रबंधन कमेटी की बैठक में तीनों ट्रस्टी उपस्थित हुए। इस बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार कंप्यूटर शिक्षक कृष्णा राव, पीवीएस प्रकाश राव के मामलों पर चर्चा हुई और पूर्व उपाध्यक्ष वीपी रघु कुमार ने दोनों के विरूद्ध कार्रवाई प्रारंभ किया। सिर्फ यही नहीं 22 नवंबर 2019 में ट्रस्टियों के साथ संयुक्त बैठक में ट्रस्टी एम भास्कर राव ने प्रस्ताव रखा कि यदि कोई भी निर्वाचित प्रबंध समिति तीन साल का कार्यकाल पूरा करने में विफल रहती है और पूरी तरह से भंग हो गई है तो पूरी कमेटी को दो टर्म तक चुनाव लड़ने के लिए बर्खास्त कर देना चाहिए। इसके अलावा पूर्व महासचिव पर कई तरह की वित्तीय अनियिमतताओं का पुलिंदा इस पत्र में है।

10 साल से नहीं हो पाया नए ट्रस्टी का चुनाव

आंध्र एसोसिएशन में कार्यरत वर्तमान कमेटी द्वारा जारी पत्र में यह भी बताया गया कि पिछली कमेटी बिना आमसभा का अनुमोदन लिए ही ट्रस्टियों को ढोते रही। नए ट्रस्टी के चुनाव को लेकर विगत दस वर्षो तक कोई चर्चा तक नहीं है। वर्तमान कमेटी ने नए ट्रस्टी के चयन को लेकर प्रक्रिया प्रारंभ कर दी। इस कारण ट्रस्टियों के बीच बौखलाहट प्रारंभ हो गई थी। इसकी भनक लगते ही उनकी ओर से वर्तमान कमेटी को भंग करने का साहस किया, लेकिन एसडीओ के हस्तक्षेप के कारण वे ऐसा नहीं कर पाएं। एसोसिएशन के सारे कार्य पूर्ववत संचालित होते रहे।

हार नहीं पचा पा रहे ट्रस्टी व पूर्व महासचिव

आंध्र एसोसिएशन के तीनों ट्रस्टी एम भास्कर राव, टी आदिनारायण राव, के वेणुगोपाल राव व पूर्व महासचिव ओएसपी राव एक वर्ष पूर्व हुई अपनी हार को नहीं पचा पा रहे हैं। वे दुबारा से सत्ता में आना चाहते हैं। एसोसिएशन के महासचिव ए भास्कर राव ने बताया कि शुरू से इन पदाधिकारियों को हार बर्दाश्त नहीं हो रही थी। वे तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे थे। निर्वाचित कमेटी के कार्यो में बाधा डालना संविधान का उल्लंघन है। इस कारण इन सभी पदाधिकारियों को बर्खास्त भी किया जा चुका है। उन्होंने सदस्यों से अपील की कि वे इन पदाधिकारियों से करतूतों से वाकिफ हो जाए।


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