कोविड के कारण सभी कंपनियों को मिले टैक्स में रियायत : संजय
वैश्विक महामारी कोविड 19 के कारण देश भर की कंपनियों ने लॉकडाउन के कारण आर्थिक मंदी का सामना किया। कंपनी बंद थी उत्पादन ठप थे इसके बावजूद केंद्र सरकार के एक निर्देश पर सभी कंपनियों ने मानवता के आधार पर अपने सभी कर्मचारियों को मासिक वेतन दिया।
जासं, जमशेदपुर : वैश्विक महामारी कोविड 19 के कारण देश भर की कंपनियों ने लॉकडाउन के कारण आर्थिक मंदी का सामना किया। कंपनी बंद थी, उत्पादन ठप थे इसके बावजूद केंद्र सरकार के एक निर्देश पर सभी कंपनियों ने मानवता के आधार पर अपने सभी कर्मचारियों को मासिक वेतन दिया। अनलॉक 1.0 होने के बावजूद कई माह तक कंपनियों को काम नहीं मिला। इसके कारण अधिकतर कंपनियों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा। ऐसे में हमारी वित्त मंत्री से मांग है कि कोविड 19 के कारण सभी कंपनियों को टैक्स में रियायत दें। वर्तमान में सभी कंपनियों को 25 प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है जबकि केंद्र सरकार ने नई कंपनियों के लिए टैक्स में रियायत देते हुए 15 प्रतिशत टैक्स का प्रावधान किया है। यह सुविध पुरानी कंपनियों को भी मिले। आम बजट में सरकार इसका लाभ सभी कंपनियों को दे ताकि आर्थिक रूप से कमजोर सभी कंपनियां आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सके। इसके अलावे देश में फैक्ट्री लाइसेंस, श्रम कानून, प्रदूषण पर्षद सहित कई तरह के कम्प्लायंस हैं। सरकार इनका सरलीकरण करें ताकि कंपनी मालिक अपना पूरा ध्यान उत्पादन और अर्थव्यवस्था में मजबूती प्रदान करने में कर सके। आगामी बजट में सरकार से अपील है कि गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) में सरलीकरण करें। साथ ही ऑटोमोबिल सेक्टर के लिए जीएसटी रेट को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत की जाए। इससे ऑटो इंडस्ट्री पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और उत्पादों की मांग भी बढ़ेगी। साथ ही वित्त मंत्री से आग्रह है कि व्यक्तिगत टैक्स स्लैब की अधिकतम सीमा को 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत किया जाए। क्योंकि कोविड 19 के कारण एक आम आदमी से लेकर पूंजीपति वर्ग, सभी का बजट गड़बड़ा गया है। प्रत्यक्ष कर कम होगा तो जनता के पास पैसा बचेगा जो बाजार में ही जाएगा। जब बाजार में खरीदने की क्षमता बढ़ेगी तो इसका फायदा देश की अर्थव्यवस्था पर पडेगा और देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) भी बेहतर होगा।
-संजय सिंह, उपाध्यक्ष, आदित्यपुर स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (एशिया) ।