आशीर्वाद टॉवर हादसे के बाद जमशेदपुर में भी सुरक्षा को लेकर उठे सवाल, आगजनी से निपटने के क्या हैं इंतजाम
धनबाद के आर्शीवाद टावर में मंगलवार शाम को आग लगने की घटना मेंं लोगों के झुलसने से मौत के बाद जमशेदपुर में इस बात की चर्चा शुरू हो गई कि शहर में अधिकतर बहुमंजिला इमारतों में आग लगने पर उसके बचाव के उपाय नहीं है।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता: धनबाद के आर्शीवाद टावर में मंगलवार शाम को आग लगने की घटना मेंं लोगों के झुलसने से मौत के बाद जमशेदपुर में इस बात की चर्चा शुरू हो गई कि शहर में अधिकतर बहुमंजिला इमारतों में आग लगने पर उसके बचाव के उपाय नहीं है। अगर इमारतों में आग लगी तो क्या होगा। थोड़ी सी अनदेखी भयावह रूप ले सकती है।
विभाग के पास महज चार मंजिल तक आग बुझाने की छमता
अग्निशमन विभाग के मानकों का पालन कुछ ही आवासीय कालोनियों और अपार्टमेंट में है। विभाग के पास चार मंजिल तक आग बुझाने लायक दमकल उपलब्ध है। यदि इससे ऊपर की मंजिल में आग लगी तो स्थिति भयावह हो सकती है।
जमशेदपुर में घट चुकी हैं आगजनी की घटनाएं
इसका उदाहरण मानगो के डिमना चौक में 29 मई 2022 को एक टायर गोदाम में आग लगने की घटना है। गोदाम से सटे फ्लैट तक आग फैल गई थी। शीशे, पाइप लाइन और दीवार को नुकसान पहुंचा था। फ्लैट में अफरा-तफरी मच गई थी। किसी तरह लोगों को बाहर निकाला गया था। धुंआ के कारण लोग परेशान हो गए थे।
इसी तरह साकची के शारदा अपार्टमेंट की बेसमेंट में 28 मार्च 2020 को आग लगने से अफरा-तफरी मच गई थी। शहर के मानगो, जुगसलाई, साकची, बिष्टुपुर, सोनारी, कदमा, गोलमुरी, बिरसानगर, गोविंदपुर और परसुडीह के गली-मुहल्लों में बहुमंजिला इमारतों और अपार्टमेंट बन गए है।