वीमेंस कॉलेज के बाद नेताजी सुभाष में बीएड एडमिशन पर रोक Jamshedpur News
एनसीटीई ने कोल्हान के बीएड कॉलेजों पर कसा शिकंजा पहले वीमेंस कॉलेज अब नेताजी सुभाष आगे किसकी बारी
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) कोल्हान क्षेत्र के बीएड कॉलेजों पर अपना शिकंजा लगातार कस रहा है। इन कॉलेजों की विधिवत शिकायत भी एनसीटीई से की गई थी। इसके आधार पर एनसीटीई बारी-बारी से इन कॉलेजों के मामले की जांच कर रही है। सबसे पहला प्रहार जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज पर किया। उसके बाद पोखारी स्थित नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट पर किया। दोनों ही बड़े शैक्षणिक संस्थान के रूप में जाना जाता है।
इन दोनों शैक्षणिक संस्थानों में बीएड में नामांकन पर अगले सत्र से रोक लगा दी है। इन दोनों संस्थानों पर एनसीटीई की शर्तो को निर्धारित समय पर पूरा नहीं किया है। इसके अलावा चांडिल स्थित आशु किस्कू मेमोरियल एंड रवि किस्कू टीचर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट पर खतरे की घंटी बज चुकी है। इस बीएड संस्थान को अंतिम नोटिस एनसीटीई ने जारी किया है। अगली बैठक में इस संस्थान पर भी फैसला होना है। चांडिल स्थित आशु किस्कू मेमोरियल एंड रवि किस्कू टीचर्स ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट 16 लाख रुपये काउंसिल के पास अब तक जमा नहीं किया है और न ही फैकल्टी की सूची सौंपी है। आधारभूत संरचना के बारे में कुछ जानकारी नहीं दी है और न कॉलेज के वेबसाइट को ही अपडेट किया गया है। इस कॉलेज को अंतिम रूप से नोटिस दिया गया है। इन सारी शर्तों को पूरा करने के लिए मात्र 21 दिन का समय दिया गया था। वह भी समय सीमा पार हो गई है।
सरायकेला स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन सरायकेला तथा चांडिल के आसनबनी स्थित एमबीएनएस इंस्टीट्यूट नामक बीएड संस्थानों पर भी गाज गिराने की तैयारी एनसीटीई ने कर ली है। इन दोनों संस्थानों को शो-कॉज जारी करते हुए एनसीटीई द्वारा निर्धारित शर्तो का 21 दिन में पूरा करने को कहा गया है। शो-कॉज जारी करते हुए बताया गया है कि इन संस्थानों ने फैकल्टी लिस्ट को अपडेट नहीं किया गया है। नेट और पीएचडी क्वालीफाई शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की है। बिल्डिंग प्लान का अप्रूवल भी नहीं दिखाया गया। यहां तक कि वेबसाइट भी अपडेट नहीं है। जमीन संबंधी दस्तावेज के साथ फायर सेफ्टी का प्रमाण पत्र भी अप्राप्त है। इस बैठक में डीबीएमएस कॉलेज ऑफ एजुकेशन कदमा को 60 दिन का समय देते हुए फैकल्टी लिस्ट को अपडेट करने को कहा गया है।
कोई भी एनसीटीई के मानक पर खरा नहीं उतरता
चारों बीएड कॉलेजों में से किसी में भी एनसीटीई के मानक के अनुसार शिक्षक नहीं हैं। एनसीटीई ने नियम में संशोधन कर शिक्षकों की संख्या 8 से बढ़ाकर 16 अनिवार्य कर दिया। इस 16 में 15 व्याख्याता व एक प्राचार्य का पद रखा गया। इस मानक पर कोई भी सरकारी व निजी बीएड कॉलेज खरा नहीं उतर रहा है। इस कारण बीएड कॉलेजों पर संकट गहरा रहा है।
अब तक हुई कारवाई
संस्थान का नाम - कार्रवाई
1. जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज - एडमिशन पर रोक
2. नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट - एडमिशन पर रोक
3. आशु किस्कू मेमोरियल इंस्टीटयूट - फाइनल नोटिस
4. इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन - नोटिस
5. एमबीएनएस इंस्टीट्यूट - नोटिस
6. डीबीएमएस कॉलेज ऑफ एजुकेशन - नोटिस
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