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भाजपा की हार के बाद 26 मंडल अध्यक्षों पर गिरेगी गाज, लिए जाएंगे इस्तीफे Political development

Jharkhand Assembly Election 2019. ये बात सामने आई है कि जमशेदपुर पूर्वी और जमशेदपुर पश्चिमी के अधिकतर मंडल अध्यक्षों ने पार्टी लाइन से हटकर दूसरे दलों के लिए काम किया।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 26 Dec 2019 10:20 AM (IST)Updated: Thu, 26 Dec 2019 02:14 PM (IST)
भाजपा की हार के बाद 26 मंडल अध्यक्षों पर गिरेगी गाज, लिए जाएंगे इस्तीफे Political development
भाजपा की हार के बाद 26 मंडल अध्यक्षों पर गिरेगी गाज, लिए जाएंगे इस्तीफे Political development

जमशेदपुर, जासं।  Jharkhand Assembly Election 2019 पूर्वी सिंहभूम में पार्टी का सूपड़ा साफ होने को भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने गंभीरता से लिया है। हार की समीक्षा के बाद दोषी पाए गए जिले के 26 मंडल अध्यक्षों पर गाज गिरा दी गई है। इन मंडल अध्यक्षों से इस्तीफा देने को कहा गया है।

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इनमें से कई मंडल अध्यक्षों पर भितरघात का आरोप है। कुछ पर पार्टी के निर्देशों को मानने में कोताही बरतने और लापरवाही का आरोप है। मंडल अध्यक्षों से कहा गया है कि वो जनवरी के मध्य तक अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दें। इसके अलावा, पार्टी के कई पदाधिकारियों के खिलाफ भी पार्टी की जांच चल रही है। कई मंडल अध्यक्षों पर भितरघात का आरोप है। पार्टी की सूत्रों की मानें तो केंद्रीय नेतृत्व के आदेश पर संगठन ने पूर्वी सिंहभूम की सीटों पर हार की समीक्षा कराई है।

दूसरे दलों को दिया साथ

समीक्षा में ये बात सामने आई है कि जमशेदपुर पूर्वी और  जमशेदपुर पश्चिमी के अधिकतर मंडल अध्यक्षों ने पार्टी लाइन से हटकर गुपचुप तौर से दूसरे दलों के उम्मीदवार का साथ दिया। जमशेदपुर पश्चिमी से पिछला चुनाव लडऩे वाले सरयू राय की पकड़ जमशेदपुर पश्चिमी क्षेत्र पर थी। जब सरयू राय का टिकट कटा तो इससे कई मंडल अध्यक्ष भी नाराज हो गए। सरयू के आवास पर अगले दिन होने वाली बैठक में कई मंडल अध्यक्ष शामिल थे। हालांकि, बाद में मंडल अध्यक्ष खुले तौर पर सरयू राय के साथ नहीं दिखते थे। लेकिन, पार्टी की जांच में सामने आया है कि जमशेदपुर पश्चिम के कई मंडल अध्यक्ष सरयू राय के ही इशारे पर काम कर रहे थे।

गढ़ में पिछड़े भाजपा प्रत्‍याशी

यही वजह थी कि भाजपा के उम्मीदवार देवेंद्र सिंह को भाजपा के गढ़ सोनारी, बिष्टुपुर, कदमा, डिमना रोड आदि इलाकों से उतनी लीड नहीं मिल सकी जितनी पिछले विधानसभा चुनाव में सरयू राय को मिली थी। माना जा रहा है कि भितरघात के ही नतीजे में जमशेदपुर पश्चिम सीट में पार्टी की लुटिया डूबी। यही हाल, जमशेदपुर पूर्वी का भी रहा। यहां भी मुख्यमंत्री के के इर्द-गिर्द रहने वाले चार महानुभावों की वजह से कई मंडल अध्यक्ष भी अंदरखाने चिढ़े हुए थे और उन्होंने चुनाव में भाजपा को छोड़ कर सरयू राय का साथ दिया। सूत्रों की मानें तो पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल मंडल अध्यक्षों को चिन्हित कर लिया गया है। इनकी सूची तैयार कर ली गई है। इन पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 

पश्चिमी के पंफलेट पर थी बन्ना की तस्वीर 

भितरघात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि डिमना रोड के शंकोसाई में भाजपा के पंफलेट पर बन्ना गुप्ता की तस्वीर छपी थी। इस पंफलेट को लेकर उलीडीह इलाके में मतदान के दिन बवाल भी हुआ था। तभी ये बात पकड़ में आई थी कि पार्टी के ही कुछ लोग अंदरखाने बन्ना का साथ दे रहे हैं। 

पार्टी की हार पर 23 को नगर अध्यक्ष ने दिया था इस्तीफा 

नगर में भाजपा की हार के बाद इसकी जिम्मेदारी लेते हुए 23 दिसंबर की रात को नगर अध्यक्ष दिनेश साहू ने इस्तीफा दे दिया। लेकिन, संगठन ने फिलहाल उनका इस्तीफा कुबूल नहीं किया है। 

चिन्हित किए जा रहे हैं भीतरघात करने वाले पदाधिकारी

पार्टी के केंद्रीय संगठन के आदेश पर जिले में भितरघात करने वाले अन्य पदाधिकारियों को भी चिन्हित किया जा रहा है। ऐसे पार्टी पदाधिकारियों की सूची तैयार हो रही है जिन्होंने जमशेदपुर पूर्वी व पश्चिमी के अलावा बहरागोड़ा में पार्टी के साथ धोखा किया है। सूत्र बताते हैं कि इन पदाधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। 

ये कहते अध्‍यक्ष

चुनाव में भितरघात करने वाले मंडल अध्यक्षों को चिन्हित कर लिया गया है। इनको नोटिस जारी की गई है। इन सभी से इस्तीफा मांगा गया है। 

-दिनेश साहू, नगर अध्यक्ष भाजपा जमशेदपुर 


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