38 लाख रेलवे को देने पर पेयजल को मिलेगा एनओसी
बागबेड़ा जलापूर्ति योजना के तहत रेलवे क्षेत्र की 30 बस्तियों को एन
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : बागबेड़ा और छोटा गोविंदपुर जलापूर्ति योजना के तहत रेलवे क्षेत्र की 43 बस्तियों को एनओसी पर 38 लाख रुपये का पेच फंस गया है। रेलवे ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग से रेलवे इलाके की इन बस्तियों का सर्वे करने और सर्वे रिपोर्ट तैयार करने के बाद एनओसी देने की पूरी प्रक्रिया के लिए 38 लाख रुपये की मांग की है। लेकिन, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की दिक्कत ये है कि उसके पास इस मद में कोई पैसा नहीं है। अधिकारियों ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की सचिव से मंतव्य मांगा है। दोनों स्थानों पर 238 करोड़ रुपये की लागत योजना पूरी होनी है।
बागबेड़ा जलापूर्ति योजना के दायरे में रेलवे क्षेत्र की 30 और छोटा गोविंदपुर में 13 बस्तियां भी आती हैं। इन बस्तियों में अब तक न तो पानी की टंकी बन पाई है और ना ही पाइप लाइन बिछ पाई है। पहले तो रेलवे इन बस्तियों में पाइप लाइन बिछाने के लिए एनओसी देने को तैयार ही नहीं था। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की कोशिशों के बाद वो उन बस्तियों में एनओसी देने को राजी हुआ है, जिनमें रेलवे द्वारा निर्माण की कोई भावी योजना नहीं है। इसी के लिए रेलवे और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारियों को बस्तियों का संयुक्त सर्वे करना है। इसके पहले रेलवे ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग से 38 लाख रुपये मांगे हैं। ये रकम रेलवे को नहीं मिलने की वजह से सर्वे खटाई में पड़ा हुआ है। ये रकम रेलवे को कौन दे इसे लेकर चर्चा चल रही है। ये रकम या तो बागबेड़ा जलापूर्ति योजना में निर्माण कर रहे ठेकेदार को देना है या फिर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को। समाजसेवी सुबोध झा योजना पूरी कराने के लिए भाग-दौड़ कर रहे हैं। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता शिशिर कुमार सोरेन का कहना है कि उनके पास ये रकम देने का कोई आवंटन नहीं है। इसी पर विभाग से मंतव्य मांगा गया है।