Jharkhand : चाईबासा के गांव में गर्भवती को गोद में उठाकर एक किलोमीटर तक पैदल चली महिलाएं
Tragedy of Jharkhand तस्वीर बदलने के सरकारी दावे के उलट यह तस्वीर झारखंड की हकीकत बयां करती है। दावे को झुठलाती इस तस्वीर की यह खबर है कि एक गर्भवती को गोद में उठाकर गांव की महिलाआें को एक किलाेमीटर पैदल चलना पडा।
जागरण संवाददाता, चाईबासा । झारखंड के पश्चिम सिंंहभूम जिले के सुदूर गांवों में सड़क नहीं होने का खामियाजा ग्रामीणों को किस तरह भुगतना पड़ रहा, इसका जीवंत उदाहरण शनिवार को मंझारी प्रखंड के इपिलसिंगी पंचायतत अंतर्गत जोजोबेड़ा गांव में देखने को मिला। यहां एक गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए गांव की महिलाओं ने गोद में उठाकर एक किलोमीटर दूर एंबुलेंस तक पहुंचाया। इसके बाद वह अस्पताल पहुंच सकी।
यह इलाका मझगांव विधानसभा में आता है। यहां के विधायक निरल पुरती हैं। हुआ यूं कि शनिवार को दोपहर में जोजोबेड़ा निवासी दिनेश तामसोय की पत्नी मालती तामसोय अचानक प्रसव पीड़ा से छटपटाने लगी। कई बार सरकारी एम्बुलेंस 108 पर संपर्क करने का प्रयास किया गया मगर संपर्क नहीं हो पाया। प्रसव पीड़ा से छटपटाता देख परिजनों ने प्राइवेट गाड़ी मंगवायी मगर बारिश की वजह से सड़क इतना कीचड़मय हो गयी है कि गाड़ी भी उसमें फंस गयी। किसी को कोई उपाय नहीं सूझा तो गांव की महिलाएं मालती तामसोय को गोद में उठा कर करीब एक किलोमीटर तक पैदल चलकर वाहन तक ले गयीं। इसके बाद उसे सदर अस्पताल चाईबासा में लाकर भर्ती करवाया गया। मालती की किस्मत अच्छी रही कि इतनी परेशानियों के बाद भी उसने अस्पताल में एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया और खुद भी सुरक्षित है।
विधायक से कइ दफा लगा चुके हैं गुहार
स्थानीय मजदूर नेता माधव चंद्र कुंकल ने गांवों में सड़कों की हालत पर अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि मंझारी प्रखंड के इपिलसिंगी पंचायत अंतर्गत संग्रामबासा से जोजोबेडा तक की सड़क पूरी तरह जर्जर और कीचड़युक्त हो गयी है। गाड़ी चलना तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल है। यहां के लोगों ने बहुत बार क्षेत्रीय विधायक से सड़क बनवाने की मांग की है मगर ग्रामीणों को चुनावी आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला।