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Jharkhand Budget 2021 : झारखंड बजट को लेकर क्या कहते हैं जमशेदपुर के शिक्षाविद, जानिए उनकी नजर में कैसा है यह बजट

झारखंड बजट 2021 पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एलबीएसएम कॉलेज (LBSM College) जमशेदपुर के प्रिंसिपल डा. अमर सिंह (Dr. Amar Singh) ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए वित्त मंत्री रामेश्वर उराँव द्वारा झारखंड का बजट पेश किया गया।

By Jitendra SinghEdited By: Published: Thu, 04 Mar 2021 11:11 AM (IST)Updated: Thu, 04 Mar 2021 01:54 PM (IST)
Jharkhand Budget 2021 : झारखंड बजट को लेकर क्या कहते हैं जमशेदपुर के शिक्षाविद, जानिए उनकी नजर में कैसा है यह बजट
झारखंड बजट को लेकर क्या कहते हैं जमशेदपुर के शिक्षाविद

जमशेदपुर : झारखंड बजट 2021 पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एलबीएसएम कॉलेज (LBSM College) जमशेदपुर के प्रिंसिपल डा. अमर सिंह (Dr. Amar Singh) ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए वित्त मंत्री रामेश्वर उराँव द्वारा झारखंड का बजट पेश किया गया। कोविड -19 महामारी के प्रभाव से समाज के अनेक क्षेत्र जैसे शिक्षा, रोजगार, उद्योग, यातायात, स्वास्थ इत्यादि प्रतिकुलरूप से प्रभावित हुए है।

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महामारी का प्रभाव समाज के गरीब तबके पर अत्यधिक रहा है। ऐसे में झारखंड सरकार ने 91,277 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत कर एवं समाज के सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए अनेक योजनाओं के लिए यथोचित वितीय आवंटन की कोशिश की है। शिक्षा के क्षेत्र में कुल बजट का लगभग 14.52% आवंटन इसमें गुणात्मक सुधार की सरकार की प्रतिबद्धता दिखलाता हुआ प्रतीत होता है। किसानों की कर्ज माफी, मछुआरों के लिए नाव जैसी व्यवस्था समाज के कमजोर वर्ग को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की सरकार की कोशिश के रूप में देखा जा सकता है। बजट में, सोशल सेक्टर पर विशेष तवज्जु दी गई है। शहीदों की जन्मस्थली को आदर्शग्राम के रूप में विकसित करने की सरकार  की योजना, उन्हें उचित सम्मान प्रदान करना है, जो उचित लगता है। सरकार की मनसा एक संतुलित बजट पेश करने की रही है लेकिन यह अभी बजट की सभी बातें विस्तार से सामने आने पर ही प्रतिक्रिया देना उचित होगा। यह  अभी देखना होगा कि कोविड-19 महामारी से उत्त्पन्न आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, शैक्षणिक सत्रों को पटरी पर लाते हुए शिक्षा के विभिन्न स्तरों की गुणवत्ता में सरकार कैसे सुधार लाती है एवं जन आकांक्षाओं पर कहाँ तक खरा उतरती है।

 शिक्षा पर सबसे ज्यादा बजट से सरकार की सोच होती है परिलक्षित : डा. झा

 कोल्हान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलानुशासक सह साहित्य अकादमी नई दिल्ली के मैथिली भाषा के कोर्डिनेटर डा. अशोक कुमार झा अविचल ने कहा कि झारखंड सरकार द्वारा 92.277 करोड़ का बजट पेश किया गया है और इसमें 14.52% शिक्षा के लिए रखा गया है। यानी शिक्षा के लिए समवेत रूप  38000 करोड़ के लगभग बजट निर्धारित किया गया है ।कोविड-19 के प्रभाव के मद्देनजर सोचे तो यह कहा जा सकता है कि बजट को संतुलित रखने का प्रयास किया गया है । शिक्षा क्षेत्र की अपेक्षाएं तो निश्चित रूप से बढी हुई है और अभी सारे विवरणों  के अध्ययन के बाद ही पता चल पाएगा कि उच्च शिक्षा में शिक्षा कर्मियों को सातवां वेतनमान देने के लिए बजट का प्रावधान किया गया है या नहीं , सातवां वेतन जिन शिक्षकों को मिल रहा है उनके भत्तों आदि के संबंध बजटीय प्रावधान है या नहीं पता चलेगा। तत्काल परिस्थितियों के मद्देनजर बजट को संतुलित  संतुलित माना जा सकता है । शिक्षा के प्रति सबसे ज्यादा बजट से सरकार की सोच परिलक्षित होती है।


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