Move to Jagran APP

Makar Sankranti in Telugu and Tamil Society : बोगी मंटलु से हुई तेलुगु और तमिल समाज में मकर संक्रांति की शुरुआत

Makar Sankranti in Telugu and Tamil Society. बोगी के दिन नए धान के चावल गन्ना खीर बोगी की आग से बनाकर भगवान विष्णु अग्निदेवता तथा सूर्य को अपिर्त किया जाता है। लोग इस दिन आग में गोयठा बैर व अन्य फल डालकर अपने अहंकार का नाश करते हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 08:30 AM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 08:30 AM (IST)
एडीएल सोसाइटी कदमा में बोगी जलाते तेलुगु समाज के सदस्‍य। जागरण

जमशेदपुर, जासं। शहर में रहने वाले तेलुगू एवं तमिल समाज के घरों में मकर संक्रांति की शुरुआत हो बुधवार सुबह से ही चुकी है। तेलुगु समाज में मकर संक्रांति को पंडुगू तथा तमिल समाज में इसे पोंगल के रूप में जाना जाता है। तेलुगु समाज में यह उत्सव तीन दिनों का तो तमिल समाज में चार दिनों का होता है। इसकी शुरुआत बुधवार को हो चुकी है।

loksabha election banner

समाज के सभी सदस्यों के घरों में बोगी का आयोजन किया गया। मंगलवार को समाज के सदस्यों ने बोगी मंटलु (लकड़ी का अलाव जलाने की परंपरा) मनाया गया। सामूहिक रूप से इसका आयोजन बिष्टुपुर राम मंदिर तथा एडीएल सोसाइटी कदमा में हुआ। बोगी मंटलु में समाज के लोगों ने अपने अहंकार व बुराइयों को जलाया। शाम को बिष्टुपुर राम मंदिर में मुग्गलू (रंगोली) प्रतियोगिता का आयोजन है। समाज के सदस्यों के प्रत्येक घर में बुधवार से रंगोली बनाई जाती है। इस परंपरा को बनाए रखने के लिए सामूहिक रूप से राम मंदिर में यह आयोजन होता है। इसमें महिलाओं एवं बालिकाएं अलग-अलग ग्रुप में भाग लेती हैं। खासकर इस दिन इडली के कई प्रकार बनाएं जाते हैं, जिसे लोग बड़े चाव से खाते हैं।

ये है बोगी की परंपरा

बोगी को लेकर पंडित उमा महेश्वर ने बताया कि बोगी के दिन गांव में नए धान के चावल, गन्ना, खीर से बोगी की आग से खीर बनाकर भगवान विष्णु, अग्निदेवता तथा सूर्य को अपिर्त किया जाता है। लोग इस दिन आग में गोयठा, बैर व अन्य फल डालकर अपने अहंकार का नाश करते हैं। दूसरे दिन उत्तरायण में पितृदेवता की पूजा अर्चना करते हैं तथा दान-पुण्य करते हैं। लोग इस दिन नए वस्त्र का धारण भी करते हैं। इस बार 14 को पंडूगा के दिन पितृदेवता की पूजा के लिए 8:45 बजे समय निर्धारित है। यह दिन भर रहेगा। इस दिन महिलाओं के बीच पान पत्ता, हल्दी-कुमकुम व अन्य फल वितरित किए जाने की भी प्रथा है।15 जनवरी को कणगु मनाया जाता है। इस दिन परिवार के सभी सदस्य मिलजुल कर खुशियां मनाते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.