Coronavirus Effect: कोरोना वायरस ने बुजुर्गों को बना दिया टेक्नो फ्रेंडली
Coronavirus Effect. कोरोना का असर कई तरह से देखा जा रहा है। बुजुर्ग भी इससे अछूता नहीं हैंं। अब पोते-पोतियां अपने दादा-दादी को टेक्नो फ्रेंडली बनाने में जुटे हैं।
जमशेदपुर, गुरदीप राज। Coronavirus Effect कोरोना का असर कई तरह से देखा जा रहा है। बुजुर्ग भी इससे अछूता नहीं हैंं। पांच महीने से स्कूल बंद है और 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को बाहर जाने पर मनाही है। ऐसे में अब पोते-पोतियां अपने दादा-दादी को टेक्नो फ्रेंडली बनाने में जुटे हैं।
आजकल इनकी अंगुलियां लैपटॉप व स्मार्ट मोबाइल फोन पर सरपट दौड़ रही हैं। घरों में तकनीक की इस पाठशाला में वाट्सएप, फेसबुक, यूट्यूब का धड़ल्ले से प्रयोग हो रहा है। कोई यूट्यूब पर अपने पोते-पोतियों की पसंद के व्यंजन बनाना सीख रहे हैं तो कोई लाइव क्लासेस के माध्यम से शरीर को स्वास्थ रखने के तरीके जान रहा है। भजन मंडली व लाइव कीर्तन दरबार में शामिल हो रहे हैं। कई तो जूम एप व वीडियो का¨लग से अपने पुराने इष्टजनों से बात कर रहे हैं।
लॉकडाउन ने सिखा दिया अपनों से वीडियो काल से बात करना
परसुडीह की रहने वाली 74 वर्षीय आशा देवी वीडियो का¨लग के माध्यम से जूम पर खुद कनेक्ट हो जाती हैं। आशा देवी ने बताया कि बच्चों ने उन्हें फोन का इस्तेमाल करना सिखाया है। अब मोबाइल पर अन्य फीचर्स की जानकारी हासिल कर रही हों।
कीर्तन सुनने का शौक है इसलिए सीखा मोबाइल
रिफ्यूजी कॉलोनी निवासी 70 वर्षीय सुरजीत कौर को गुरवाणी कीर्तन सुनने का शौक है। उधर, गुरुद्वारों में कीर्तन बंद है। लॉकडाउन के दौरान बच्चों ने उन्हें स्मार्टफोन व लैपटॉप चलाना सीखा दिया। अब वह कभी लैपटॉप व कभी मोबाइल पर लाइव कीर्तन सुनती हैं। सुरजीत कौर ने बताया कि लॉकडाउन में घर मन नहीं लगता था। इसकी जानकारी जब बच्चों को हुई तो उनलोगों ने मुझे लैपटॉप व मोबाइल चलाना सिखा दिया।
घर बैठे बैठे योग देखकर करता हू्ंं अभ्यास
मानगो निवासी 75 वर्षीय सुमन कुमार ने बताया कि घर बैठे बैठे तकनीकी शिक्षा बच्चों से मिली। पहले लगा इस उम्र में टेक्नोलॉजी सीखना उनके वश की बात नहीं। फिर सोचा कि कोशिश करने में क्या हर्ज है। अब मैं फेसबुक लाइव पर योग क्लास में शामिल होने लगा हूं। अभी मोबाइल पर ही आपरेट करना सीखा है। अब लैपटॉप भी सीखने वाला हूं।