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जमशेदपुर में ठीक होने के बाद भी कई दिनों तक अस्पताल में रह रहे हैं मरीज, परिजन कहते हैं- अस्पताल में रहो, पूरी तरह ठीक होकर आनाJamshedpur News

कोरोना काल में लोग अजब-गजब अनुभवों से भी दो-चार हो रहे हैं। एक ओर जहां बढ़ते संक्रमण के बीच अस्पतालों में बेड कम पड़ रहे हैं।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Mon, 10 Aug 2020 01:02 PM (IST)Updated: Mon, 10 Aug 2020 01:02 PM (IST)
जमशेदपुर में ठीक होने के बाद भी कई दिनों तक अस्पताल में रह रहे हैं मरीज, परिजन कहते हैं- अस्पताल में रहो, पूरी तरह ठीक होकर आनाJamshedpur News
जमशेदपुर में ठीक होने के बाद भी कई दिनों तक अस्पताल में रह रहे हैं मरीज, परिजन कहते हैं- अस्पताल में रहो, पूरी तरह ठीक होकर आनाJamshedpur News

जमशेदपुर (जासं) । कोरोना काल में लोग अजब-गजब अनुभवों से भी दो-चार हो रहे हैं। एक ओर जहां बढ़ते संक्रमण के बीच अस्पतालों में बेड कम पड़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कोविड अस्पतालों में कई लोग लंबे समय से भर्ती हैं। कोई 20 दिन से पड़ा हैं तो कोई 25 दिन से। कई को परिजन भी यही सलाह दे रहे हैं कि थोड़े दिन और अस्पताल में ही रहो, पूरी तरह ठीक होकर आना। इधर, अस्पताल प्रबंधन इन्हें घर भेजने के लिए परेशान है, ताकि बेड खाली हो और नए मरीजों को भर्ती किया जा सके। जमशेदपुर में अब प्रशासन ने सख्ती दिखाने का मन बनाया है। यहां  ऐसे  लोगों को घर भेजने के लिए दो दिवसीय अभियान की शुरुआत रविवार को होगी।

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पहले दिन महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कोविड वार्ड से कुल 30 लोगों को चिन्हित कर घर भेजा गया। इसमें बारीडीह के एक मरीज 22 दिन से पड़ा हुआ था। उन्होंने बताया कि मेरा रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद यहां भर्ती किया गया और 14 दिन के बाद छुट्टी देने की बात कही गई थी, लेकिन उसके बाद कोई खोज खबर लेने नहीं आया। जिसके कारण मैं यहीं पड़ा था। घर जाने को कहता तो कर्मचारी कहते थे कि जांच रिपोर्ट आने के बाद छुट्टी दी जाएगी, लेकिन नमूना लेने कोई आता ही नहीं।

घर वालों का भी कहना था कि रिपोर्ट निगेटिव आने दीजिए। इसके बाद ही घर आइएगा। इसी तरह, भुइयांडीह निवासी एक युवक का नमूना 16 दिन पूर्व भर्ती किया गया था, लेकिन अभी तक रिपोर्ट आई नहीं, जिसके कारण वह भी पड़ा हुआ था। इसी तरह और भी कई लोग हैं जो पड़े हुए हैं। हालांकि, शहर के सभी कोविड अस्पताल व क्वारंटाइन सेंटर में वैसे लोगों को चिन्हित किया गया है। उन सभी का रैपिड एंटीजन डिटेक्शन जांच कर रिपोर्ट निगेटिव आने पर घर भेजा जा रहा है।

बाकी मरीजों को मिल सकेगा बेड

हाल के दिनों देखा जा रहा है कि कई ऐसे मरीज है जिन्हें इलाज की जरूरत है, लेकिन उन्हें अस्पतालों में बेड मिलने में दिक्कत हो रही है। जबकि अस्पतालों में ऐसे लोग भी भर्ती हैं जिन्हें कोई परेशानी नहीं है और वे अपना समय भी पूरा कर चुके हैं।


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