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अयोध्या में पूजन के बाद इस मंदिर में स्थापित हुआ प्रभु श्रीराम का परिवार Jamshedpur News

चौंकाने वाली बात यह है इस मंदिर में प्रभु श्रीराम का पूरा परिवार पूजा जाता है। इसमें प्रभु श्रीराम सीता हनुमान लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न की मूर्ति शामिल हैं।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 08:19 PM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 08:19 PM (IST)
अयोध्या में पूजन के बाद इस मंदिर में स्थापित हुआ प्रभु श्रीराम का परिवार Jamshedpur News
अयोध्या में पूजन के बाद इस मंदिर में स्थापित हुआ प्रभु श्रीराम का परिवार Jamshedpur News

जमशेदपुर (वेंकटेश्वर राव) । जमशेदपुर शहर के कदमा क्षेत्र में अवस्थित राम पादुका आश्रम नामक मंदिर में प्रभु श्रीराम के पूरे परिवार की पूजा की जाती है। इस मंदिर में प्रभु श्रीराम के पूरे परिवार की पूजा के बारे में शहर के 80 प्रतिशत लोग नहीं जानते हैं। हालांकि इसका संचालन करने वाले आश्रम कमेटी के पदाधिकारियों ने कभी मंदिर के बारे में कुछ नहीं कहा, लेकिन पांच अगस्त को अयोध्या में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम को लेकर पदाधिकारियों ने मंदिर के पूरे इतिहास को पहली बार दैनिक जागरण के सामने खोला।

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पदाधिकारियों ने सबसे पहले राम पादुका आश्रम को परिभाषित किया।

आश्रम नाम रखने के बारे में बताया गया कि यहां दक्षिण भारत के कई बुजुर्ग रहते थे, इस कारण इसका नाम आश्रम पड़ गया, लेकिन मूल रूप से मंदिर ही है। चौंकाने वाली बात यह है इस मंदिर में प्रभु श्रीराम का पूरा परिवार पूजा जाता है। इसमें प्रभु श्रीराम, सीता, हनुमान, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न की मूर्ति शामिल हैं। इन सबके सामने सबसे पहले पादुका को रखा गया है। मूर्ति को पादुका के साथ एक ढांचा का रूप दिया गया है। इन मूर्तियों का निर्माण सोना, चांदी, तांबा समेत पांच धातु से मिलाकर किया गया है। मूर्ति को तमिलनाडु के स्वामी मलय में बनाया गया था। वहां से 50 लोग इसे लेकर अयोध्या गए थे। अयोध्या में विधिवत पूजा अर्चना के बाद ही उसे जमशेदपुर लाया गया। उसके बाद राम पादुका आश्रम में इसे वर्ष 1989 में स्थापित किया गया। इससे पहले वहां फोटो रखकर पूजा होती थी। 

दक्षिण भारतीय स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण 

यह मंदिर दक्षिण भारतीय स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण है। यहां विभिन्न प्रदेशों से भक्त आते हैं और मंदिर के प्रपत्र में राम नाम लिखकर जाते हैं। जुलाई माह तक यहां 2000 करोड़ से अधिक रामनाम जाम का प्रपत्र जमा हो चुके थे। इन सारे प्रपत्रों को मंदिर कमेटी पूरी तरह संरक्षित कर रखती है। यहां भगवान विष्णु के सभी अवतार तथा द्वादश ज्योर्तिलिंग, गणेश सहित हजारों देवी-देवताओं की मूर्तियां और उनकी कलाकृतियां बना उन्हें स्थापित किया गया है। सभी की पूजा तमिल कैलेंडर के अनुसार होती है। यहां 58 साल से बिना रुकावट प्रभु का भजन हर सप्ताह होता है। साथ ही हर साल सीता-राम कल्याणम (विवाह उत्सव) होता है, जो देखने लायक होता है। इसके अलावा राधा कृष्ण कल्याणम भी होता है। 

33 फीट की बजरंग बली की प्रतिमा बढ़ा रही मंदिर की शोभा

 राम पादुका आश्रम कदमा मंदिर के सामने 33 फीट की बजरंग बली की प्रतिमा स्थापित की गई है। वे एक पहरेदार की भूमिका में इस मंदिर की रक्षा कर रहे हैं। सभी आगंतुक अतिथि एक नजर इसे अवश्य निहारते हैं। 

मंदिर का इतिहास

इस मंदिर का अस्तित्व 1968 में आया। टूटी फुटी झोपड़ी में प्रभु श्रीराम की तस्वीर रख पूजा अर्चना होती थी। मंदिर के अस्तित्व में आने के पीछे भी प्रभु श्रीराम का ही हाथ बताया जा रहा है। मंदिर के पदाधिकारियों ने जानकारी दी कि मंदिर के संस्थापक टी मुथुकृष्णन को स्वपन आया कि यहां प्रभु श्रीराम का पूजन प्रारंभ कर सनातन धर्म का विस्तार करें। इसके बाद से ही उन्होंने यहां मंदिर बनाने की ठान ली। वर्ष 1987 में टाटा वर्कर्स यूनियन के पूर्व अध्यक्ष स्व. वीजी गोपाल ने मंदिर के भव्य स्वरूप के कार्य का शिलान्यास किया। इसके बाद इसका उद्घाटन विधिवत पूजा अनुष्ठान के साथ 3 मार्च 2004 को हुआ।

मंदिर में प्रभु श्रीराम के अलावा हजारों देवी देवताओं का निवास है। यह खुशी की बात है हमारे प्रभु को उनका मूल निवास स्थान मिल रहा है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण सभी सनातन धर्म को मानने वालों के लिए गौरव का दिन है। राम पादुका आश्रम का इतिहास भी अयोध्या से जुड़ा हुआ है। - वी नटराजन, अध्यक्ष, राम पादुका आश्रम, कदमा, जमशेदपुर।

वर्तमान में मंदिर के जीर्णोधार का कार्य चल रहा है। यहां भक्तों द्वारा लिखे गए 2000 करोड़ से अधिक रामनाम जाप पूरी तरह संरक्षित कर रखे गए हैं। बजरंग बली की विशालकाय मूर्ति प्रभु श्रीराम को आनंदित कर रही है। इस मंदिर में तमिल कैलेंडर के अनुसार सभी देवी देवताओं का पूजन होता है।  - एस श्रीराम, सचिव, राम पादुका आश्रम, कदमा, जमशेदपुर।


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