Raksha Bandhan 2020 : कोरोना से जंग लड़ रहे भैया, वीडियो कॉल से राखी बांधेगी बहना Jamshedpur News
भाई और बहन का खूबसूरत पर्व रक्षा बंधन इस वर्ष कोरोना काल में पड़ रहा है। ऐसे में डॉक्टर नर्स टेक्नीशियन सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की छुट्टी रद है।
जमशेदपुर ( जासं) । भाई और बहन का खूबसूरत पर्व रक्षा बंधन इस वर्ष कोरोना काल में पड़ रहा है। ऐसे में डॉक्टर, नर्स, टेक्नीशियन सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की छुट्टी रद है। ये सभी दिन रात एक योध्दा की तरह मोर्चा संभाले हुए है। कोई मरीजों की जान बचाने में जुटा हुआ है तो कोई जांच रिपोर्ट तैयार करने में। मकसद सभी का एक ही कोरोना को हराना। रक्षाबंधन से एक दिन पूर्व ड्यूटी में तैनात योध्दाओं से जानने की कोशिश की गई कि इसबार वे राखी पर्व किस तरह से मनाएंगे, तो उनका कहना है कि इस महामारी में वह ड्यूटी छोड़कर कहीं नहीं जा सकते। हमारा मिशन कोरोना को हराना है।
हम जिसकी सेवा कर रहे वह भी हमारे लिए भाई-बहन जैसे ही
हर साल समय निकाल किसी तरह बहन के पास राखी बंधवाने जरूर जाता था लेकिन इस बार पहले जैसी परिस्थिति नहीं है। इस बात को मेरी बहन भी बखूबी समझती है। वह टाटा मुख्य अस्पताल में खुद भी डॉक्टर है। इसलिए उसे ज्यादा समझाने की जरूरत नहीं है। फोन कर मैं उसको शुभकामनाएं दूंगा। दूसरी बात हम जिसकी सेवा में दिन-रात जुटे हुए हैं, वह भी हमारे लिए भाई-बहन जैसे ही हैं। निस्वार्थ भाव से सेवा करना हमारा कर्तव्य बनता है, जो मैं निभा रहा हूं। - डॉ. एके लाल, जिला सर्विलांस पदाधिकारी।
भावनाओं में आकर गलती नहीं करें
इस बार रक्षाबंधन में मैं अपने भैया के पास नहीं जा पाउंगी या फिर वह भी नहीं आ सकेगा। अफसोस जरूर है लेकिन विकल्प भी नहीं है। ऐसे में एक विकल्प मोबाइल बनता है। वीडियो कॉल कर भैया को राखी बांध आशीर्वाद लूंगा। बहुत कठिन समय है। भैया को राखी नहीं बांधना दिल को मंजूर नहीं होता लेकिन दिमाग से काम लेने की जरूरत है। भावनाओं में आकर कोई भी ऐसा गलती न करें जिससे खामियाजा पूरे परिवार को भुगतना पड़े।
- डॉ. विशाखा वर्मा, टीएमएच
तिलक लगाते समय बरते सावधानी, दूर से ही राखी बांधे
कोरोना से बचना भी है और रक्षाबंधन पर्व मनाना भी है। मैं तो कहीं नहीं जा पाउंगा। मेरा अधिकांश समय कोविड वार्ड में ही गुजर रहा है। मरीजों की सेवा करना मेरी पहली प्राथमिकता है। लेकिन लोगों को मेरा सुझाव होगा कि राखी बांधते समय तिलक लगाने से बचे। ताकि एक दूसरे के संपर्क में लोग नहीं आए। कई ऐसे मामले आ चुके है जिन्हें भाई, बहन, मां, पिता या फिर परिवार के अन्य सदस्य से कोरोना फैला है। इसलिए बेहतर होगा कि दूर से ही राखी बांधे। - डॉ. बलराम झा, कोविड नोडल पदाधिकारी, एमजीएम
जो जहां है वहीं रहे
रक्षा बंधन त्योहार भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपनी भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं। लेकिन इस बार मैंने कोरोना को देखते हुए बहनों के पास नहीं जा पाउंगा। मेरी ड्यूटी महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज के कोविड काउंटर पर है। इसलिए इसे छोड़कर नहीं जा सकते। मेरा अधिकांश समय कोरोना मरीजों के बीच में ही गुजर रहा है इसलिए भी मैं खुद ही कहीं जाने से बच रहा हूं। - संजीव शर्मा, कोविड काउंटर, एमजीएम।
बहन के नाम से खुद ही राखी बांध लूंगा
कोरोना महामारी से लडऩे में सबकी सहभागिता जरूरी है। ऐसे में ड्यूटी छोड़ कहीं नहीं जा सकते। बहन के नाम मैं खुद ही एक राखी बांध लूंगा। यहां काम करने वाले दूसरे साथी भी यही निर्णय लिया है। बहनों से मोबाइल पर वीडियो कॉल से बात कर लूंगा। आजकल तो वीडियो कॉल पर ही पूजा-पाठ भी हो रहा है। ऐसे में राखी भी बांधा जा सकता है। अगला वर्ष शायद कोरोना खत्म हो जाएगा तो राखी बांधवाने जरूर जाउंगा।
- आलोक कुमार दास, कोविड काउंटर, एमजीएम।