कोरोना ने बिगाड़ा बहनों का बजट, सोनेे- चांदी की राखियों की नहीं हो रही बिक्री Jamshedpur News
। जिन भाइयों की कलाई पर पिछले वर्ष सोना- चांदी की राखी बहनें बांधा करती थी इस वर्ष मामूली राखियों से ही बहनें काम चला रही है।
जमशेदपुर (गुरदीप राज) । कोरोना वायरस संक्रमण ने प्रत्येक व्यक्ति की आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित किया है। ऐसे में इसका सबसे ज्यादा प्रभाव त्योहारों पर पड़ा है। कोरोना को लेकर हुए लॉकडाउन के कारण जहां मध्यवर्गीय परिवार आर्थिक रुप से खस्ताहाल हो गए है। उस पर महंगाई की मार असहनीय हो रही है। इसका असर रक्षा बंधन पर पड़ा है और बहनों का बजट ही बिगाड़ कर रख दिया है। बजट के बिगड़ने के कारण बहनों की दरियादिली भी छू मंतर हो गई है। जिन भाइयों की कलाई पर पिछले वर्ष सोना- चांदी की राखी बहनें बांधा करती थी इस वर्ष मामूली राखियों से ही बहनें काम चला रही है। दूसरी ओर भाइयों ने भी इस बार बहनों को सोने के तोहपा देने पर अपने हाथ को कस लिया है। पहले की तुलना में इस वर्ष सोने का गिफ्ट से बहनें महरूम रहेंगी।
15 फीसद ही बनी चांदी की राखियां, सोना की बोहनी तक नहीं
इस वर्ष रक्षा बंधन को लेकर 15 फीसद बहनों ने ही चांदी की राखियां बनवाई है, जबकि पिछले वर्ष इसका आकड़ा 60 फीसद से पार था। सोना की राखियों का निर्माण तो इस बार शुरु भी नहीं हुआ। सोने की राखियां आर्डर मिलने पर ही सोनार बनाते है। लेकिन इस वर्ष किसी भी बहन ने सोना का राखी बनाने का आर्डर ज्वेलर्स को नहीं दिया।
52400 रुपये हुआ सोना प्रति दस ग्राम
इस वर्ष 10 ग्राम 22 कैरेट सोना का का मूल्य 52400 है, जबकि पिछले वर्ष इसका मूल्य 35757 रुपये प्रति दस ग्राम था। चांदी का मूल्य 70 हजार प्रतिकिलो है। जबकि पिछले वर्ष 47500 रुपये प्रति किलो बेचा गया था।
800 रुपये से शुरु है चांदी की राखी की कीमत
चांदी की कीमतों में इस वर्ष 24,500 रुपये प्रति किलो में बढ़ोतरी हुई है। इसके कारण ज्वेलर्स दुकान में चांदी की राखी की कीमत 800 रुपये प्रति पीस से शुरु हो रही है। चांदी का राखियों की कीमतों में इजाफा होने के कारण 15 से 20 फीसद ही राखियां इस वर्ष बिकी।
कोरोना संक्रमण व लॉकडाउन से बिगड़े आर्थिक स्थित के कारण इस वर्ष रक्षा बंधन के दौरान सोना की राखी का आर्डर मिला ही नहीं। चांदी की राखियां भी इस वर्ष 15-20 फीसद ही बिक्री हुई है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष सोना-चांदी का बाजार ठंडा पड़ा हुआ है।
पियुस अडेसरा, छगनलाल दयाल, साकची संचालक