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Coronavirus Lockdown Update : लौहनगरी के पाठकों को खबरों से अपडेट करने में कर्मयोगी निभा रहे अहम भूमिका

Coronavirus Lockdown Update. पाठकों तक कोरोना से जुड़ी हर सच्चाई को पहुंचाना हमारे अखबार वितरक का कर्तव्य है। जिसे वे कभी नहीं भूल सके।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 02 Apr 2020 08:04 AM (IST)Updated: Thu, 02 Apr 2020 08:04 AM (IST)
Coronavirus Lockdown Update : लौहनगरी के पाठकों को खबरों से अपडेट करने में कर्मयोगी निभा रहे अहम भूमिका
Coronavirus Lockdown Update : लौहनगरी के पाठकों को खबरों से अपडेट करने में कर्मयोगी निभा रहे अहम भूमिका

जमशेदपुर,जासं। Coronavirus Lockdown Update झारखंड की राजधानी  रांची के हिंदपीढ़ी में विदेशी महिला के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने की खबर पाठकों तक पहुंच चुकी थी, लेकिन इसकी ठीक-ठीक पूरी जानकारी उन्हें नहीं थी। इसलिए पाठक बुधवार को तड़के सोकर उठ गए।

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वे अखबार में खबर पढ़ना चाहते थे, क्योंकि अखबार ही एक ऐसा माध्यम है जिससे पूरी जानकारी सच्चाई के साथ हासिल की जा सकती है। इसे पढ़कर पाठक सूचनाओं से अपडेट हो सकते हैं। सो, बुधवार की सुबह बार-बार दरवाजा खोलकर व बॉलकानी में जाकर पाठक यह देख रहे थे कि अखबार आया या नहीं। जब सब्र टूटने लगा तो कई पाठकों ने अखबार वितरक (कर्मयोगी) को फोन कर अखबार जल्दी लाने के लिए भी कहा। पाठक इस खबर की पूरी सच्चई जानने के लिए व्याकुल थे।

झारखंड में कोरोना की दस्तक से पाठक परेशान हो गए थे। लेकिन पूरे खबर की सच्चाई तो अखबार के माध्यम से ही मिल सकती थी। इस कारण पाठकों ने अति व्याकुल वश फोन पर ही वितरकों से हिंदपीढ़ी के पॉजिटिव मरीज के बारे में जानकारी हासिल करने लगे। अखबार वितरकों को जितनी जानकारी थी उतनी जानकारी पाठकों को देखकर उनके कुछ देर के लिए संतुष्ट किया और तुरंत ही अखबार उनके दरवाजे पर पहुंचाया। बुधवार को तो पाठकों ने अपने अखबार वितरक से मुलाकात भी कर ली और अखबार लिया।

झारखंड में पहला कोरोना का पहला मरीज पॉजिटिव मिलने से अखबार वितरक सुधीर शर्मा, रविश कुंडरा, प्रभु व अंकित की समस्या और बढ़ा दी है, क्योंकि पहले पॉजिटिव मरीज नहीं था तो थोड़ी छूट थी लेकिन अब तक झारखंड में भी कोरोना का पॉजिटिव पहुंच चुका है। ऐसे में घर से निकलना खतरे से खाली नहीं है। बावजूद इसके पाठकों तक कोरोना से जुड़ी हर सच्चाई को पहुंचाना हमारे अखबार वितरक का कर्तव्य है। जिसे वे कभी नहीं भूल सके। किसी कारणवश अगर वे पाठक के दरवाजे तक अखबार लेकर नहीं पहुंच पाते हैं तो वैसे स्थिति में उसका दूसरा साथी अखबार लेकर पाठक तक पहुंचता है।

अखबार पढ़ना पाठकों के लिए उतना ही जरुरी है जितना सुबह सुबह उठकर चाय की चुस्की लेना। चाय की चुस्की देर से मिले तो चलेगा लेकिन अखबार समय पर ही पाठको को चाहिए। जब कोरोना जैसे महामारी से झारखंड ने दस्तक दे दी है।


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