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Lockdown Update : मानगो, साकची और सोनारी में मुख्यमंत्री कैंटीन से पांच रुपये में फूड पैकेट, जानिए ताजा हाल

Lockdown Jamshedpur Update. लॉकडाउन की वजह से हो रही परेशानी को देखते हुए आज से पांच रुपये में फूड पैकेट उपलब्‍ध कराया जा रहा है। जानिए कहां-कहां हो रहा उपलब्‍ध।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Fri, 27 Mar 2020 08:27 AM (IST)Updated: Fri, 27 Mar 2020 04:20 PM (IST)
Lockdown Update : मानगो, साकची और सोनारी में मुख्यमंत्री कैंटीन से पांच रुपये में फूड पैकेट, जानिए ताजा हाल

जमशेदपुर,जासं। Lockdown Jamshedpur Update लॉकडाउन की वजह से हो रही परेशानी को देखते हुए आज से पांच रुपये में फूड पैकेट उपलब्‍ध कराया जा रहा है। पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन ने गुरुवार से मुख्यमंत्री कैंटीन योजना और दाल-भात केंद्र शुरू कराने की घोषणा की थी, लेकिन अब यह शुक्रवार यानी आज से शुरू किया गया । 

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आज से मुख्यमंत्री कैंटीन योजना की गाड़ी मानगो चौक, साकची स्थित ऑटो स्टैंड और सोनारी के झाबरी बस्ती में लगनी शुरू हुई। इसमें एक और राहत यह रही कि फूड पैकेट 10 रुपये की जगह पांच रुपये में मिल रहे। इसके बाद कैंटीन की संख्या धीरे-धीरे बढ़ाई जाएगी। ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री कैंटीन योजना के भोजन की लागत 20 रुपये आती है, जिसमें पहले जिला प्रशासन 10 रुपये सब्सिडी देती थी। अब सब्सिडी की राशि बढ़ाकर 15 रुपये कर दी गई है।

दुकानों के सोशल डिस्‍टेंसिंग पर जोर

यह निर्णय गुरुवार को जिला समाहरणालय की बैठक में लिया गया था। उपायुक्त ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान विधि-व्यवस्था बनाए रखने व लोगों को परेशानी से निजात दिलाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा अलग-अलग क्षेत्रों के लिए दंडाधिकारी नियुक्त किए गए हैं । प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी अपने क्षेत्रों में अलग-अलग समय में निरीक्षण करें व लोगों को जागरूक करें। हाट-बाजार की दुकानों में एक निश्चित दूरी पर ग्राहक खड़े होकर खरीदारी करें, यह सुनिश्चित करें। निकाय के पदाधिकारी दुकान के सामने और सब्जी बाजार में मार्किंग कराएं। विधि-व्यवस्था संधारण में प्रतिनियुक्त पदाधिकारी प्रतिदिन निरीक्षण से संबंधित प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं। यह पदाधिकारियों की जिम्मेदारी है कि लोगों को उचित मूल्य पर सामान उपलब्ध हो। कालाबाजारी या अत्यधिक मूल्य लेने की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करें।

बाहर से आए लोगों की सूचना देने का निर्देश

उपायुक्त ने र्सिवलांस अधिकारियों को निर्देश दिया कि अन्य राज्यों या विदेश से आए लोगों के बीमार होने की सूचना कंट्रोल रूम के साथ सिविल सर्जन को भी दें। इससे उस व्यक्ति को त्वरित चिकित्सा सुविधा दी जा सकेगी। पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि कंट्रोल रूम से संपर्क करते रहें। कंट्रोल रूम से प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करें। पदाधिकारी अपने क्षेत्र में बने क्वारंटाइन सेंटर का नियमित निरीक्षण करें। उपायुक्त ने निकाय के विशेष पदाधिकारियों को वैसे सामुदायिक भवन चिह्नित करने का निर्देश दिया, जहां लोगों को खाद्य सामग्री उपलब्ध कराया जा सके। उपायुक्त ने निकाय के विशेष पदाधिकारियों से लोगों को सैनिटाइजर उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया।

ये रहे थे मौजूद

बैठक में अपर उपायुक्त सौरव कुमार सिन्हा, अपर जिला दंडाधिकारी नंदकिशोर लाल, अनुमंडल पदाधिकारी धालभूम चंदन कुमार, निदेशक डीआरडीए अनिता सहाय, निदेशक एनपी ज्योत्सना सिंह, जिला योजना पदाधिकारी अजय कुमार, डीटीओ दिनेश रंजन, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रोहित कुमार, जिला कल्याण पदाधिकारी राजेश कुमार पांडेय व डीसीएलआर सहित तीनों निकाय के विशेष पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री दाल-भात योजना बंद, एमजीएम में 400 रह गए भूखे

लॉकडाउन के बीच गरीब व देहाड़ी मजदूरी करने वाले शहरवासियों के लिए मुख्यमंत्री दाल-भात केंद्र ही सहारा बना हुआ था। जहां किसी को भी दस रुपये में दाल-भात व सोयाबिन या चने की सब्जी मिल जाती थी। लेकिन एमजीएम अस्पताल परिसर में संचालित केंद्र सहित सभी जगहों पर चलने वाली मुख्यमंत्री कैंटीन गुरुवार को बंद रही। ऐसे में ओल्ड एज होम सहित एमजीएम अस्पताल की कैंटीन में दोपहर का भोजन करने वाले 400 लोग भूखे रह गए। दुकानें बंद रहने के कारण कुछ लोग तो बिस्कुट भी खरीद कर नहीं खा पाए।

 बंदी की ये रही वजह

लॉकडाउन के कारण पुलिस स्थानीय लोगों पर सख्ती बरतते हुए उन्हें कहीं बाहर निकलने नहीं दे रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री दाल-भात योजना केंद्र चलाने वाले डरे हुए हैं। एमजीएम अस्पताल में भी सिख महिला स्वयं सहायता समूह की दस महिलाएं हर दिन यहां आकर भोजन तैयार करती है। लेकिन केंद्र की संचालिका वैष्णव कौर बताती है कि सख्ती के कारण वे भी घरों से नहीं निकल पा रही हैं। इसलिए दो दिनों से कैंटीन बंद है। इसी कैंटीन से बाराद्वारी ओल्ड एज होम का भी दोपहर का खाना सप्लाई होता है लेकिन उन्हें भी भूखा रहना पड़ रहा है। इसके कारण गुरुवार को उन्हें कैंटीन संचालित करने और खाना खिलाने के लिए कई फोन आए। ऐसे में केंद्र के संचालक विशिष्ट अनुभाजन पदाधिकारी से मिले। वहीं, एमजीएम अस्पताल प्रबंधन ने भी उन्हें आपात सेवा का पास बनाकर दिया है ताकि उन्हें आने-जाने में कोई परेशानी न हो।

कई संस्थाओं ने मांगा पैकेट

कुछ सहायता समूहों ने भी एमजीएम केंद्र के संचालकों से संपर्क किया है और हर दिन 150 पैकेट खाने का पहले से आर्डर दे दिया है ताकि जरूरतमंदों में खाना का वितरण कर सके। इसमें रॉबिन हूड व आदित्यपुर के विनीत सहाय शामिल हैं।


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