इस पहल से तीन साल में बने 20 हजार लखपति किसान
वैज्ञानिक तरीके से किसानों को ट्रेंड कर कलेक्टिव्स फॉर इंटीग्रेटेड लाइवलीहुड इनीशिएटिव्स ने तीन वर्षो के भीतर बीस हजार किसानों की वार्षिक आय बढ़ाकर एक लाख से अधिक कर दी है।
जमशेदपुर [विकास श्रीवास्तव]। वैज्ञानिक तरीके से किसानों को ट्रेंड कर कलेक्टिव्स फॉर इंटीग्रेटेड लाइवलीहुड इनीशिएटिव्स ने तीन वर्षो के भीतर बीस हजार किसानों की वार्षिक आय बढ़ाकर एक लाख से अधिक कर दी है। संस्था किसानों को बीज मुहैया कराने से लेकर उन्हें कृषि व पशुपालन का प्रशिक्षण देने व उनकी ऊपज की मार्केर्टिंग में मदद करती है। इस पहल के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय उद्यमिता पुरस्कार स्वरूप संस्था को दस लाख रुपये से नवाजा है।
यह संस्था ओडिशा, महाराष्ट्र, गुजरात व झारखंड में काम कर रही है। झारखंड के पूर्वी सिंहभूम के गुड़ाबांधा, धालभूमगढ़, रांची के खूंटी, हजारीबाग के चुंचू, देवघर के बालाजोड़ी, दुमका के जामा, धनबाद के टुंडी प्रखंडों में सक्रिय है। यह संस्था आदिवासी किसानों की आर्थिक बदहाली दूर करने के लिए उन्हें बेहतर बीज व खाद मुहैया कराती है। सामुदायिक संगठनों की मदद से वित्तीय सहायता दिलाती है। उन्हें प्रशिक्षित कर बहुफसली खेती करने वास्ते तैयार कर देती है। किसान खुद कुएं खोदते हैं। संस्था पम्प व पाइप का खर्च देती है। हजारीबाग के चुंचू में लाह की प्रोसेसिंग यूनिट शुरू की गई है। यहां चूड़ियों के अलावा हैंडीक्रॉफ्ट तैयार कर किसान आर्थिक स्थिति बेहतर कर रहे हैं।
झारवीर के जरिए लघु उद्यमिता को बढ़ावा
झारवीर इस संस्था का एक अंब्रेला ब्रांड है जिसके अंतर्गत झारखंड के करीब 100 कारोबारी जुड़े हैं। कारोबारी कृषि, लाह, लाइवस्टॉक ब्रांड तैयार करते हैं, मार्केटिंग में मदद करते हैं। पूर्वी सिंहभूम जिले के धालभूमगढ़ व गुड़ाबांधा प्रखंडों में मुख्य रूप से कृषि व पशुपालन में प्रशिक्षण व सहयोग प्रदान कर इसके जरिए लघु उद्यमिता को बढ़ावा दिया जा रहा है।
राष्ट्रीय उद्यमिता अवार्ड में मिला दस लाख
स्टार्टअप व नए उद्यमियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उद्यमिता एवं कौशल विकास मंत्रलय की ओर से नई दिल्ली में पिछले दिनों राष्ट्रीय उद्यमिता पुरस्कार प्रदान किए गए। करीब 20 हजार किसानों के जीवन में खुशहाली लानेवाली संस्था कलेक्टिव्स फोर इंटीग्रेटेड लाइवलीहुड इनीशिएटिव (सीनी) को दस लाख रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया। यह पुरस्कार इस संस्था को वाटर सेनिटेशन व इको सिस्टम कैटेगरी में मिला। राष्ट्रीय उद्यमिता पुरस्कार के आयोजन में लीड पार्टनर की भूमिका जेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट (एक्सएलआरआइ) ने निभाई।
दो स्तर पर होता है काम
खेती से जोड़कर लाभ कमाने का काम दो स्तर पर होता है। पहला व्यक्तिगत स्तर, इसमें किसानों को खेती के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाता है। इनमें मार्केट नर्सरी व बीज उत्पादन का काम शामिल होता है। दूसरा ग्रामीण संगठनों को प्रोत्साहित कर टाटा स्वच्छ वाटर प्यूरीफायर, धूमरहित चूल्हा के अलावा सामुदायिक नर्सरी का विकास, सब्जियों के संग्रहण केंद्र आदि के माध्यम से।
क्या कहते हैं लाभुक
पहले हमारी हालत अच्छी नहीं थी। अब बैगन व अन्य सब्जियों को उगाते हैं और अच्छी कमाई हो जाती है। इससे हमारा घर-परिवार चल रहा है।
- बिराम टुडू, जानबोनी
हमें सिखाया गया कि किस तरह खेती करने से ज्यादा फसल लेकर फायदा कमाया जा सकता है। आज हम बहुत खुश हैं कि हमारी मेहनत का पूरा फल मिल रहा है।
-फूलमनी हांसदा, जोनबनी गांव
पहले भी हम सब्जी उगाते थे लेकिन हमें पता नहीं था कि यहां की मिट्टी में बैगन की फसल काफी अच्छी हो सकती है। आज अपनी मेहनत से उगाए बैगन को देखकर काफी खुशी होती है। पैसे भी ठीक मिलते हैं।
-कपरा सोरेन, गोगलो
इस इलाके में कभी भी इतनी अच्छी ऊपज नहीं होती थी। हमने सीखा कि किस तरह खेती करने से अच्छी कमाई की जा सकती है। आज हम बहुत खुश हैं।
-रूपाली मंडी, रौतेरा
सीनी संस्था के सहयोग से हम इतनी सब्जियां उगा रहे हैं जिससे हमारी आर्थिक स्थिति काफी सुधर रही है। सब्जी उगाने और बेचने से हमारा-घर परिवार की हालत काफी सुधर गई है।
-मालोती टुडू, जोनबनी गांव
आज लोग आते हैं हमारी उगाई सब्जियों को देखने। यह हमारे ही नहीं हमारे जैसे अन्य लोगों के लिए भी काफी खुशी की बात है। संस्था के सदस्य कृषि के अलावा पशुपालन भी सिखाते हैं।
लघु उद्यमिता को बढ़ावा
पूर्वी सिंहभूम में आजीविका के लिए लघु उद्यमिता को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसमें संस्था की ओर से वाटर सैनीटेशन, इको सिस्टम कल्टीवेशन के लिए प्रेरित किया जाता है। जिले में पांच जबकि झारखंड में 20 लघु उद्यमियों को तैयार किया जा चुका है।
-शिरशेंदु, राज्य प्रबंधक, कलेक्टिव्स फोर इंटीग्रेटेड लाइवलीहुड इनीशिएटिव्स