एक दिन की कनाडा उच्चायोग की राजदूत बनी सारथी का बहरागोड़ा में भव्य स्वागत Jamshdpur News
कनाडा उच्चायोग में एक दिन के लिए राजदूत बनने का सम्मान प्राप्त करनेवाली बहरागोड़ा की सारथी टुडू का गांव लौटने पर ढोल-नगाड़ों के साथ भव्य स्वागत किया गया।
जमशेदपुर (जेएनएन)। कनाडा उच्चायोग में एक दिन के लिए राजदूत बनने का सम्मान प्राप्त करनेवाली बहरागोड़ा की अदिवासी लड़की सारथी टुडू का वापस अपने गांव लौटने पर ढोल-नगाड़ों के साथ भव्य स्वागत किया गया। गांव पहुंचने पर उसे शाल देकर सम्मानित किया गया और ढोल-नगाड़ों के साथ जुलूस निकाला गया।पूरे गांव में उत्सव का माहौल रहा। सारथी टुडू झारखंड की पहली अदिवासी लडक़ी है जिसको एक दिन का कनाडा दूतावास में राजनयिक की जिम्मेदारी संभालने का सम्मान मिला। इस दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता व अन्य लोग मौजूद रहे।
इंटरनेशनल डे ऑफ गर्ल चाइल्ड के मौके पर 22 लड़कियों ने निभाई राजनियक की भूमिका
भारत के 10 राज्यों की प्लान इंडिया की गर्ल चेंजमेकर्स ने इंटरनेशनल डे ऑफ द गर्ल चाइल्ड (आइडीजी) के मौके पर नई दिल्ली में 22 राजनयिक मिशनों के राजदूतों और उच्चायुक्तों की भूमिका निभाई। बहरागोड़ा ब्लॉक की सारथी ने नई दिल्ली में कनाडा उच्चायोग का काम संभाला। उन्होंने सक्रिय रूप से भारत में कनाडा के उच्चायुक्त के पद पर काम किया और एक दिन के लिए अपनी भूमिका निभाई। बैठकों की अध्यक्षता की और मुख्य कर्मचारियों से मिलीं।
सारथी सात भाई-बहनों में से एक हैं जिन्हें उनकी मां ने अकेले पाला है। उन्होंने कम उम्र में शिक्षा की ताकत को समझा और अपने स्कूल की फीस का पैसा जमा करने के लिए अपनी मां के साथ खेतों में मजदूर के रूप में काम किया। सारथी यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत करती हैं कि उनकी तरह सभी लड़कियों को पढऩे का मौका मिले। वह बच्चों, युवाओं और उनके परिवारों की काउंसलिंग करती है ताकि बच्चे विशेषकर लड़कियां पढ़ाई जारी रखें और उसे पूरा करें। दूतावास में अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैंं कक्षाओं में डिजिटल और सीखने के मज़ेदार तरीकों की शुरुआत करना चाहती हूं ताकि लड़कियां स्कूल आने के लिए प्रेरित हों।
दूतावास के टेकओवर के अलावा झारखंड की लगभग 26 प्लान इंडिया गर्ल चेंजमेकर्स ने अपने संबंधित शहरों में महत्वपूर्ण ग्राम पंचायत में पद संभाले। दुनियाभर मेंए गल्र्स टेकओवर्स 60 देशों में आयोजित किया गया जिसमें 1,000 से अधिक लड़कियों ने भाग लिया। लड़कियों ने विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर काम किया और भेदभाव, शोषण और असमानता के खिलाफ अपनी राय रखी।