बंदियों से मिलने परिजनों को नहीं जाना होगा जेल, अब कर सकेंगे ई-मुलाकात Jamshedpur News
एक बार में तीन व्यक्ति एकसाथ किसी बंदी से मुलाकात कर सकेंगे। 15 मिनट तक बात हो सकेगी। जेल एसपी को रहेगी वार्ता सुनने की छूट।
जमशेदपुर, जासं। कैदियों और बंदियों से मिलने के लिए उनके परिजन को अब जेल तक नहीं आना होगा। किसी भी सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के प्रज्ञा केंद्र से वह कैदियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ही आमने-सामने बात कर सकेंगे। नक्सल प्रभावित जिलों में शामिल पश्चिम सिंहभूम के चाईबासा मंडल कारा में इसकी तैयारी पूरी हो चुकी है। इसका नाम ई-मुलाकात रखा गया है।
19 सितंबर को ई-मुलाकात सेवा शुरू करने को लेकर सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी कर दी गई है। गाइइलाइन के अनुसार, ई-मुलाकात द्वारा बंदियों को अपने परिवार के सदस्य, मित्र व लीगर एडवाइजर से सप्ताह में मात्र दो दिन मुलाकात कराया जाएगा। रविवार को छोड़कर सुबह आठ बजे से 12 बजे तक तथा दोपहर में दो बजे से 4.30 बजे तक ई-मुलाकात का समय रहेगा। अधिकतम तीन व्यक्ति एकसाथ बंदी से मुलाकात कर सकेंगे।
पहचान पत्र जरूरी
पहचान पत्र अनिवार्य किया गया है। मुलाकात की अधिकतम अवधि 15 मिनट रहेगी। ई-मुलाकात की रिकार्डिंग होगी। जेल अधीक्षक समय-समय पर इस बातचीत को सुन सकते हैं। किसी प्रकार की अश्लील और आपत्तिजनक बातचीत नहीं कर सकते हैं। ऐसा करने पर बंदी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वहीं भविष्य में इस सुविधा से वंचित कर दिया जाएगा।
ये कहते जेल अधीक्षक
ई-मुलाकात के लिए राज्य से अनुमति पहले ही मिल चुकी थी। अब इस सेवा को शुरू करने के लिए गृह विभाग की ओर से गाइडलाइन जारी कर दी गई है। हमलोग बंदियों को यह सेवा देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। अब अंतिम आदेश का इंतजार है।
-जितेंद्र कुमार, जेल अधीक्षक, प. सिंहभूम