कभी थी जमशेदपुर की तीसरी सबसे बड़ी यूनियन, अब वजूद मिटने के बचे हैं चंद दिन Jamshedpur News
टेल्कॉन वर्कर्स यूनियन कभी जमशेदपुर की तीसरी सबसे बड़ी यूनियन मानी जाती थी। अब इसे भंग करने की तैयारी है। इस बाबत 29 जुलाई को आमसभा हाेगी।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। प्रख्यात मजदूर नेता गोपेश्वर की सींची बगिया उजड़ जाएगी। टेल्कॉन वर्कर्स यूनियन का विघटन हो जाएगा, ऐसा किसी ने सोचा भी नहीं होगा। लेकिन यह कड़वा सच है। टाटा हिताची के खडग़पुर शिफ्टिंग के बाद यहां की यूनियन भी भंग होने जा रही है। इसे लेकर आगामी 29 जुलाई को यूनियन की आमसभा है। इसमें यूनियन को विघटन करने पर मुहर लगेगी।
एक समय था जब टेल्कॉन वर्कर्स यूनियन शहर की तीसरी सबसे बड़ी यूनियन कही जाती थी। कंपनी का टर्नओवर भी शहर की कंपनियों में तीसरे स्थान पर था। कर्मचारियों की कुल संख्या 1350 थी, जो अब 50 रह गई है। 30 मार्च 1999 में टाटा मोटर्स से अलग होकर टाटा हिताची (एक्सवेटर डिवीजन) बनी थी। फिर गोपेश्वर की पहल पर दो फरवरी 2000 में यहां यूनियन का गठन किया गया तथा तत्कालीन बिहार सरकार से यूनियन का निबंधन (3850) भी हो गया। यूनियन का पहला अध्यक्ष स्व. केपी सिंह व महामंत्री गोपेश्वर बने। यूनियन में कुल कार्यकारिणी सदस्यों की संख्या 14 थी।
कंपनी हो रही खड़गपुर शिफ्ट
उस समय टाटा का 80 तो हिताची का 20 फीसद शेयर था तथा कंपनी का नाम टेल्कॉन था। 2014 में हिताची का शेयर बढ़ा तथा कंपनी का नाम टेल्कॉन से टाटा हिताची हो गया। इधर एक साल पूर्व से जमशेदपुर से खडग़पुर में टाटा हिताची की शिफ्टिंग शुरू है।
यूनियन चंदे की होगी वापसी
टेल्कॉन वर्कर्स यूनियन के कोष में चार लाख से ज्यादा रुपये जमा हैं। इस राशि को कर्मचारियों के बीच बांटने की बात है। चंदे के रुपये को किस आधार पर कर्मचारियों के बीच बांटा जाए, इस पर सहमति बनाई जाएगी। इसकी कवायद शुरू है। श्रम विभाग से लेकर कानूनी जानकारी ली गई है। इस पर भी आमसभा में मुहर लगेगी।
29 हो होगी अामसभा
टाटा हिताची कंपनी का खडग़पुर शिफ्टिंग होने की वजह से यूनियन की सदस्यता समाप्त होने की ओर है। ऐसे में यूनियन का विघटन, चंदे के पैसे आदि मसले पर निर्णय लेने के लिए 29 जुलाई को आमसभा बुलाई गई है।
- एसके सिंह, महामंत्री, टेल्कॉन वर्कर्स यूनियन