Jal Jagran कोल्हान आयुक्त बोले, हैं संकल्पित; प्रमंडल में बचाएंगे बारिश की बूंद-बूंद
कोल्हान के आयुक्त ने संकल्प लिया है कि निजी तौर पर सरकारी गैर सरकारी के साथ आम जनमानस के सहयोग पूरे कोल्हान प्रमंडल में 2.5 लाख पौधे रोपे जाएंगे।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। झारखंड में वर्षा जल संचयन को लेकर दैनिक जागरण कितना-कितना पानी अभियान चला रहा है। अलग-अलग चरणों में चल रहे इस अभियान के चौथे चरण में पूरे राज्य के विद्यालयों में जल सेना का गठन किया जा रहा है। यह जल सेना हर खास-ओ-आम को जल संचयन के प्रति जागरूक करेगी और इसके लिए प्रेरित करेगी। कुल मिलाकर जागरण और राज्य सरकार पानी अभियान में अब सहभागी बन कर काम कर रहे हैं। कोल्हान प्रमंडल में भी जल संरक्षण को लेकर प्रशासन के तमाम विभाग, अधिकारी-कर्मचारी और दैनिक जागरण मिलकर काम कर रहे हैं। ये रहे कोल्हान के आयुक्त विजय कुमार सिंह से बातचीत के प्रमुख अंश:
सवाल : पानी के मामले में कोल्हान प्रमंडल की क्या स्थिति। मौजूद समय में जल सरंक्षण क्यों जरूरी है?
जवाब : झारखंड में औसत बारिश 1200 मिमी में से लगभग 300 मिमी अधिक बारिश कोल्हान प्रमंडल में होती है। सबसे बड़ी बात है कि पूरे प्रमंडल में कहीं भी रेन शैडो नहीं है। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री ने मौजूदा जल संकट और भविष्य के विकट जल संकट को देखते हुए जलशक्ति अभियान की शुरुआत की है। इसमें मुख्यत: वर्षा जल के संरक्षण के लिए तालाब व जलस्रोतों का जीर्णोद्धार तथा पुराने सूख चुके बोरवेल को रिचार्ज करने का अभियान चल रहा है। इसकी निगरानी पूरे प्रमंडल स्तर पर की जा रही है। साथ ही जलछाजन विकास योजना भी चल रही है।
सवाल : इस अभियान में स्कूलों में गठित जलसेना का उपयोग किस तरह से करने की योजना है?
जवाब : लगातार स्कूलों में कार्यक्रम हो रहे हैं। बच्चों को मैं खुद भी विभिन्न अवसरों पर बता रहा हूं कि जल कितना महत्वपूर्ण है। महत्व जानने के बाद बच्चे मार्गदर्शक की भूमिका निभा रहे हैं। वे अपने अभिभावकों के साथ ही समाज को भी इससे जोडऩे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
सवाल : तालाब, नदी, डोभा आदि के संरक्षण के लिए पंचायतों में क्या-क्या किया जा रहा है?
जवाब: सरकारी व निजी सभी तरह के तालाबों के जीणोद्धार के लिए कृषि विभाग के भूसंरक्षण प्रभाग से काम हो रहा है।
सवाल : सरकारी भवनों में ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग नहीं है। इस दिशा में क्या पहल हो रही है?
जवाब : इसमें बहुत हद तक सच्चाई है, पर अब हर उस भवन में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने का प्रयास हो रहा है, जहां होना चाहिए। इस पर काम शुरू हो गया है। रेन वाटर हार्वेस्टिंग केवल शहर में ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी इस खास ध्यान दिया जा रहा है। गांवों में घरों से निकलने वाले बेकार पानी को एक छोटे गड्ढ़े में संरक्षित करने को ग्रामीणों को प्रेरित किया जा रहा है। गांवों में लगी सोलर जलापूर्ति के नल के पास सोख्ता बनाया जा रहा है।
सवाल : जल संरक्षण के लिए प्रमंडल में किस तरह जन जागरूकता अभियान चला रहे हैं?
जवाब : तमाम विभाग के अधिकारियों को छोटी-छोटी सभाएं कर जन जागरूकता के लिए कहा गया है।
सवाल : जल सरंक्षण में पौधरोपण की बहुत बड़ी भूमिका है। इस दिशा में क्या पहल कर रहे हैं?
जवाब : सरकार की योजना है कि ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाए जाएं। वर्षों से काम हो भी रहा है। इस बार तमाम सरकारी कार्यालयों को भी दायित्व दिया गया है कि अपने कार्यालय, आवास परिसर में स्कूलों आदि में अधिक से अधिक पौधे लगाए जाएं। मैंने निजी तौर पर संकल्प लिया है कि सरकारी, गैर सरकारी के साथ आम जनमानस के सहयोग पूरे कोल्हान प्रमंडल में 2.5 लाख पौधे रोपे जाएंगे। पूर्वी सिंहभूम में एक लाख, पश्चिमी सिंहभूम में एक लाख व सरायकेला में 50 हजार पौधे लगेंगे। बड़े जोर-शोर से अभियान शुरू हो गया है। अब तक प्रमंडल में 52 हजार पौधे लग चुके हैं। जो उत्साह नजर आ रहा है, उससे लगता है कि लक्ष्य से दोगुना पौधे लगाने में हम सफल होंगे। इससे महत्वपूर्ण ये है कि जो पौधे लगाए जा रहे हैं, लोग उसको संरक्षित करने का भी संकल्प ले रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में फलदार पौधे लगाए जा रहे हैं बच्चों को पौष्टिकता व पोषण भी मिले।