मयूर पंख से भगवान को काजल लगाकर मना नेत्रोत्सव
लौहनगरी में भगवान जगन्नाथ का नेत्रोत्सव कार्यक्रम धार्मिक विधि विधान से बुधवार को विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया गया। सुबह में प्रभु को मयूर पंख से काजल लगाया गया। भगवान जगन्नाथ को गंगाजल गुलाब जल फलों के रस आदि से स्नान कराया गया।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : लौहनगरी में भगवान जगन्नाथ का नेत्रोत्सव कार्यक्रम धार्मिक विधि विधान से बुधवार को विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया गया। सुबह में प्रभु को मयूर पंख से काजल लगाया गया। भगवान जगन्नाथ को गंगाजल गुलाब जल, फलों के रस आदि से स्नान कराया गया। स्नान के बाद प्रभु जगन्नाथ, वीर बलभद्र व बहन सुभद्रा का विशेष श्रृंगार किया गया। श्रृंगार के बाद मयूर के पंख को कपूर के जल में भींगोंकर इसी पंख से प्रभु की आखों में काजल लगाकर नेत्रोत्सव मनाया गया।
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बेल्डीह कालीबाड़ी स्थित नागामंदिर :
बेल्डीह के कालीबाड़ी स्थित नागामंदिर में ब्रह्मबेला में भगवान जगन्नाथ के नेत्रोत्सव के बाद मंदिर के पट खोल दिए गए। स्नान के बाद प्रभु जगन्नाथ, वीर बलभद्र व बहन सुभद्रा का विशेष श्रृंगार किया गया। नेत्रोत्सव के उपरात मंदिर के पट खोलते हुए पंडित नारायण पाडेय द्वारा प्रभु जगन्नाथ, वीर बलभद्र और बहन सुभद्रा की विशेष पूजा-अर्चना की गई। इस दौरान भक्तों को प्रभु ने नवयौवन दर्शन दिये। मौके पर मा वैष्णो देवी ट्रस्ट सह नागामंदिर के ट्रस्टी शशि तिवारी, सुरेश तिवारी, शभु तिवारी, कशिश तिवारी, सचिव कामेश्वर प्रसाद, सदस्य डॉण बीके सिंह, अर्जुन मूनका सहित कई सदस्य उपस्थित थे।
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गाधी आश्रम, बाराद्वारी
: मंदिर खुलने के बाद पंडित उ“वल चक्रवर्ती और सुदीप्तो दास द्वारा प्रभु की मंगल आरती व पूजा-अर्चना की गई। पूजा के बाद भोग लगाकर भक्तों में प्रसाद वितरण किया। मौके पर श्रीश्री जगन्नाथ प्रभु रथयात्रा समिति के संरक्षक शभु मुखी, मुखिया घासीराम बड़ियार, जयसागर बगदल, चंदन कुंभकार, संतोष सहित कई सदस्य मौजूद थे।
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इस्कॉन, बिष्टूपुर
: इस्कॉन बिष्टुपुर द्वारा केबुल टाउन मंदिर में सुबह छह बजे से नेत्रोत्सव कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। वहा सर्वप्रथम महाप्रभु जगन्नाथ वीर बलभद्र व बहन सुभद्रा को दिव्य स्नान कराया गया। नेत्रोत्सव के उपरात मंदिर के पट खोल भक्तों को प्रभु के दर्शन उपलब्ध कराये गये। इसके बाद विशेष भोग लगाया तथा इसे भक्तों के बीच वितरित किया गया। देर शाम प्रभु के रथोत्सव के लिए बिष्टुपुर राम मंदिर में रथों को भव्य रूप देने में कारीगर लगे रहे। प्रभु के दर्शन को मंदिर में भक्तों को ताता लगा दिखा।
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राधा-गोपीनाथ मंदिर, मानगो : मानगो स्थित राधा-गोपीनाथ मंदिर में सुबह ब्रह्मबेला में प्रभु को दिव्य स्नान कराकर काजल लगाया गया। इसके उपरात महाप्रभु जगन्नाथए वीर बलभद्र और बहन सुभद्रा का विधिवत श्रगार किया गया। मंदिर पट खोलते हुए भक्तों को प्रभु के नवजीवन दर्शन कराये गये। देर शाम प्रभु के रथ को राजस्थान भवन ले जाया गया, जहां उसकी साज सज्जा की गई। वहा भगवान के रथ का गंगाजल से शुद्धीकरण किया गया।
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खासमहल में पुरी से पहुंचे दो घोड़े
श्रीश्री जगन्नाथ मंदिर सेवा ट्रस्ट खासमहल द्वारा 2016 से ही रथ यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. राजू महंता, सचिव लालू सरदार, कोषाध्यक्ष सपन कुमार, प्रेस प्रवक्ता रितेश घोषाल ने बताया कि यहां रथ यात्रा के पुरी से लकड़ी के दो घोड़े को बनाकर मंगाया गया है। यहां यात्रा खासमहल मंदिर परिसर से निकलकर स्टेशन, लोको मोड तथा इंजीनियरिग कॉलोनी दुर्गाबाड़ी में जाकर समाप्त होगी। यहां तेजस्वी महिला संगठन द्वारा चिकित्सा शिविर भी लगाया जाएगा।
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बंटेगा 200 किलो पुलिहारम प्रसाद
बिष्टुपुर राम मंदिर से निकलने वाली इस्कॉन की रथ यात्रा झारखंड श्री वारी सेवा समिति की ओर से 200 किलो पुलिहारम (पीला चावल) प्रसाद के रूप में बांटा जाएगा। समिति के अध्यक्ष एबीए राव, एम महेश, गोपाल कृष्णा, नरसिंह राव, केवी राव ने बताया कि प्रसाद वितरण का कार्य दोपहर के दो बजे से प्रारंभ होगा।
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इस्कॉन रथयात्रा में शामिल होंगे 10 हजार से अधिक भक्त
बिष्टुपुर राम मंदिर से निकलने वाली इस्कॉन की रथयात्रा में 10 हजार से अधिक लोगों के शामिल होने की संभावना है। इस कारण यातायात व्यवस्था को दुरूस्त किया गया है।