Lok Sabha Election 2019 : देश की प्रतिष्ठा तो बढ़ी, रोजगार भी चाहिए..
ओडिशा में विधानसभा चुनाव होने के कारण चुनावी चर्चा में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी प्रमुखता से शामिल हैं।
(राउरकेला से टाटानगर एलेप्पी एक्सप्रेस से दिलीप कुमार)। सुबह के छह बज रहे हैं। अल्लापूजा से टाटानगर जाने वाली एलेप्पी एक्सप्रेस अब राउरकेला स्टेशन पर पहुंच चुकी है। यहां पर ट्रेन दो हिस्सों में बंट जाती है। धनबाद और टाटानगर के लिए। थोड़ी देर में अलग होने के बाद टाटानगर जाने वाली ट्रेन एक नंबर प्लेटफार्म पर लगी। निर्धारित समय से कुछ विलंब से ट्रेन टाटानगर के लिए रवाना हुई। राउरकेला से टाटानगर के लिए लगने वाली जनरल बोगी में खचाखच भीड़ है।
ओडिशा में बीते 18 अप्रैल को लोकसभा व विधानसभा का चुनाव संपन्न हुआ है। जब देश के हर गली-मोहल्ले और चौराहों पर लोकतंत्र के महापर्व की चर्चा हो रही है, ऐसे में ट्रेन से सफर करने वाले भला कैसे चर्चा से दूर रहें। चाय की दुकानों से गांव के चौपालों तक एक ही चर्चा मोदी और राहुल। हां, इससे हटकर ओडिशा में विधानसभा चुनाव होने के कारण चुनावी चर्चा में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी प्रमुखता से शामिल हैं। इस बीच पता चला कि ट्रेन बंडामुंडा पहुंच चुकी है। यहां एक युवा ट्रेन में चढ़ा। पता चला कि नाम सूरज तांती है। सरायकेला खरसावां के सीनी तक जाना है। बताया- दो दिन पहले ही मतदान किया है। कहने लगा, देश और राज्य हित के लिए सभी को मतदान करना चाहिए। अपनी पसंद की स्वच्छ सरकार चुनना चाहिए। तभी सामने बैठे एक बुजुर्ग ने फरमाया- अब चुनाव में मूलभूत समस्याओं की बात ही नहीं होती है। सभी राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप लगाने और जनता को मूर्ख बनाने में ही व्यस्त हैं। सूरज ने जवाब दिया- देश का विकास तो हुआ है। विदेश में हमारे देश का प्रतिष्ठा बढ़ी है। हां, यह सही है कि केंद्र सरकार को रोजगार दिलाने पर विशेष ध्यान देना चाहिए था।
देश में बुलेट ट्रेन चले, लेकिन उसमें चढ़ने के लिए पैसे भी तो होने चाहिए। सामने बैठे चक्रधरपुर के अब्बास चर्चा में कूद पड़े। कहने लगे कि केंद्र और राज्य सरकार की तानाशाही के कारण ही झारखंड का जो विकास होना चाहिए था, नहीं हो रहा है। राजनीतिक लड़ाई होनी चाहिए, लेकिन विकास कार्य में रुकावट पैदा नहीं होनी चाहिए। सूरज फिर टपक पड़ा। बोला- ओडिशा में तो बीजद की सरकार ही ठीक है। महिला, युवा, स्टूडेंट, सभी वर्ग का सरकार ख्याल रखती है। ऐसी ही सरकार देश में भी चाहिए। इसी बीच ट्रेन चक्रधरपुर स्टेशन पहुंच गई। मैं चुनावी चर्चा के लिए स्लीपर बोगी में घुस गए। चक्रधरपुर से ट्रेन खुलते ही बोगी में चुनावी चर्चा शुरू हो गई। वेल्लोर से बेटी का इलाज कराकर लौट रहे पश्चिम बंगाल के पुरुलिया निवासी शिवाशीष राय बोल रहे थे- सरकार को स्वार्थ का त्याग कर राष्ट्रहित और देश के विकास के लिए कार्य करना चाहिए। नेता चुनाव के समय लंबी बातें करते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद उसे पूरा नहीं करते हैं। सरकार को ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य सेवा पर विशेष ध्यान देना चाहिए। तभी जमशेदपुर के नरेंद्र कहने लगे कि कोल्हान क्षेत्र के सबसे बड़े महात्मा गांधी मेमोरियल अस्पताल की हालत दयनीय है। न डाक्टर, न दवा। कुछ नहीं। पता नहीं सरकार इसे सुधारना नहीं चाहती। केंद्र सरकार बेहतर कार्य कर रही है। आयुष्मान भारत गरीबों के लिए बढ़िया है। लाभ भी मिल रहा, लेकिन अस्पताल की हालत भी तो सुधरे। इसी बीच ट्रेन में हलचल सी मची। पता चला कि टाटानगर स्टेशन पर ट्रेन पहुंचने वाली है।