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दबोचे गए 19 घूसखोर, थानेदार से लेकर पंचायत सचिव शामिल, जानिए

Acb. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने बीते वर्ष यानी 2018 में कुल 19 सरकारी मुलाजिमो को रिश्वतखोरी में रंगे हाथों पकड़ा। पकड़े गए लोगों में थानेदार से लेकर पंचायत सचिव तक शामिल हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 16 Jan 2019 04:40 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2019 04:40 PM (IST)
दबोचे गए 19 घूसखोर, थानेदार से लेकर पंचायत सचिव शामिल, जानिए
दबोचे गए 19 घूसखोर, थानेदार से लेकर पंचायत सचिव शामिल, जानिए

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। हालांकि, यह आंकड़ा बहुत बड़ा नहीं है, लेकिन इतना तो जाहिर है कि कोल्हान में भ्रष्टाचार किस कदर फल-फूल रहा है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने बीते वर्ष यानी 2018 में कुल 19 सरकारी मुलाजिमो को रिश्वतखोरी में रंगे हाथों पकड़ा और उन्हें जेल की सलाखों के पीछे डाला गया। पकड़े गए लोगों में थानेदार से लेकर पंचायत सचिव तक शामिल हैं।

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भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार सिन्हा ने वर्ष 2018 का लेखा-जोखा पेश किया। जमशेदपुर के सोनारी स्थित प्रमंडलीय कार्यालय में उन्होंने बताया कि 2018 में एसीबी टीम द्वारा प्रमंडल में कुल 18 मामले दर्ज किए थे। इनमें 15 कांडों में ट्रैप कर टीम द्वारा 19 आरोपितों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार सभी आरोपितों को भ्रष्टाचार के आरोप में जेल भेज दिया गया था। इन मामलों में कुल एक लाख 25 हजार रुपये की राशि बरामद की गई।

ये आ सकते एसीबी की जद में

सिन्हा ने कहा कि भ्रष्टाचारी कितने भी ऊंचे पद पर क्यों न हो, अगर उसपर भ्रष्टाचार का आरोप सिद्ध होता है तो उसे गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे जाने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने बताया कि एसीबी की जद में राज्य सरकार के चतुर्थ ग्रेड से लेकर क्लास वन, आइएएस, आइपीएस आदि आते हैं। सिन्हा ने आम जनता से भी अपील की है अगर किसी भी सरकारी कर्मचारी या पब्लिक सर्वेंट द्वारा उनके काम के एवज में रिश्वत मांगी जाती है तो वह इसकी शिकायत बेखौफ होकर सोनारी स्थित कार्यालय में कर सकते हैं, उनकी पूरी मदद की जाएगी। उन्होंने बताया कि एक साल में भ्रष्टाचार के कुल 56 मामले चाईबासा न्यायालय में विचाराधीन हैं। इसमें आय से अधिक संपत्ति के छह, वित्तीय अनियमितता के छह और भ्रष्टाचार के 44 मामले शामिल हैं।

भ्रष्टाचार के मामले में अदालत ने दिया फैसला

एसपी सिन्हा ने बताया कि भ्रष्टाचार के एक मामले में 17 दिसंबर 2018 को चाईबासा न्यायालय द्वारा आरोपित के खिलाफ फैसला सुनाते हुए तीन वर्ष की सजा और 20,000 रुपये जुर्माना लगाया गया है। इस मामले में आरोपित स्वर्णरेखा परियोजना के क्लर्क ने भुक्तभोगी सेन गोप से काम कराने की एवज में 7000 रुपये रिश्वत की मांग की थी।

भ्रष्टाचार मामले में इन पर हुई कार्रवाई

सिन्हा ने बताया कि 2018 में भ्रष्टाचार के मामले में एसीबी टीम द्वारा की गई कार्रवाई में बहरागोड़ा अंचल के राजस्व कर्मचारी शंकर राम, चाईबासा अवर निबंधक कार्यालय के नागेश्वर बिरुवा और शशिकांत राम, पूर्वी सिंहभूम के ड्रग इंस्पेक्टर राम कुमार झा, पश्चिम सिंहभूम चाईबासा हाटगम्हरिया पुलिस अवर निरीक्षक रामजतन पांडे, पूर्वी सिंहभूम टेल्को थाना के सहायक अवर निरीक्षक मो. औरंगजेब, चाकुलिया नगर पंचायत के सिटी मैनेजर चेतन वर्मा, पश्चिम सिंहभूम झींकपानी थाना के सहायक अवर निरीक्षक विजय कुमार, जुगसलाई नगरपालिका के लेखापाल बिनय कुमार शर्मा, पश्चिम सिंहभूम चाईबासा के जिला मत्स्य कार्यालय के प्रधान लिपिक सह लेखपाल अर्जुन गोप और निर्मल कुमार भगत, खरसावां प्रखंड कार्यालय के पंचायत सचिव रतन सिंह मुंडा और लिपिक सह प्रभारी शिव शंकर सामल, सरायकेला खरसावां के नीमडीह अंचल कार्यालय के लिपिक अरुण महतो, पूर्वी सिंहभूम बोड़ाम प्रखंड कुइयानी पंचायत के मुखिया मंसाराम सिंह, सरायकेला खरसावां चांडिल अनुमंडल पदाधिकारी कार्यालय के प्रधान लिपिक सत्यनारायण षाडंगी, सरायकेला खरसावां चांडिल स्वर्ण रेखा बांध प्रमंडल के लिपिक कार्यपालक अभियंता आनंद महतो और पश्चिम सिंहभूम चाईबासा प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी तांतनगर श्रीकांत ठाकुर शामिल हैं।  


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