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जुलाई में होगा महिला विश्वविद्यालय में एडमिशन,कई नए कोर्स होंगे प्रारंभ

जमशेदपुर महिला कॉलेज को विश्वविद्यालय बनने की अधिसूचना जारी होने के बाद यह साफ हो गया है कि अब इसमें नामांकन सीबीसीएस पद्धति के अनुसार नए सत्र में ही हो पाएगा।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 12:53 PM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 12:53 PM (IST)
जुलाई में होगा महिला विश्वविद्यालय में एडमिशन,कई नए कोर्स होंगे प्रारंभ
जुलाई में होगा महिला विश्वविद्यालय में एडमिशन,कई नए कोर्स होंगे प्रारंभ

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। बिष्टुपुर स्थित जमशेदपुर महिला कॉलेज को विश्वविद्यालय बनने की अधिसूचना जारी होने के बाद यह साफ हो गया है कि अब इसमें नामांकन सीबीसीएस पद्धति के अनुसार नए सत्र में ही हो पाएगा। नया सत्र जुलाई से प्रारंभ होता है। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए इस महिला विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है।

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इस विश्वविद्यालय के कई नए पद सृजित किए जायेंगे। कुलपति से लेकर प्रोवीसी, रजिस्ट्रार सहित कई कर्मचारियों के पद सृजित होंगे।  स्थायी कुलपति की नियुक्ति तक प्रभारी कुलपति की तैनाती हो सकती है। इसके अलावा अलग-अलग विभाग में शिक्षकों के नये पद सृजित होंगे। ये पद वर्तमान शिक्षा नीति की आवश्यकतानुसार सृजित होंगे। विवि बनने के बाद महाविद्यालय नये कोर्स खोलने से लेकर अपना प्रमाण पत्र जारी करने तक के लिए पूरी तरह स्वतंत्र होगा। विवि को अपने वित्तीय फैसले लेने का अधिकार रहेगा। 

स्त्री अध्ययन केंद्र की स्थापना होगी

जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी में सबसे महत्वपूर्ण बात यह होगी यहां स्त्री अध्ययन केंद्र की स्थापना होगी। इसमें डिस्टेंस एजुकेशन, नर्सिंग सहित कई कोर्स शुरू होंगे। विश्वविद्यालय के अस्तित्व में आने के बाद कोर्स शुरू करने की पूर्ण आजादी होगी। नये कोर्स शुरू करनेे के लिए छात्राओं से भी सुझाव मांगा जा रहा है। डिस्टेंस एजुकेशन को तो अवश्य चालू किया जाएगा। झारखंड में पहला डिस्टेेंस एजुकेशन सेंटर के रूप में भी इसे विकसित किया जायेगा। प्रमाण पत्रों के लिए इधर-उधर भटकना नहंी पड़ेगा। स्त्री अध्ययन केंद्र की स्थापना होगी। इस केंद्र से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा। इस विश्वविद्यालय से बालिका शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। यूजी से लेकर पीजी तथा शोध कार्य भी इसी विश्वविद्यालय के अधीन होंगे। 

उच्च शिक्षा में बढ़ेगा बालिका शिक्षा अनुपात

इसके लिए काफी प्रयास किया गया। अंतत: इसमें सफलता प्राप्त हुई। इसमें केंद्र से लेकर राज्य सरकार मुस्तैद रही है। महिला विश्वविद्यालय बन जाने से क्षेत्र में उच्च शिक्षा में बालिका शिक्षा का अनुपात बढ़ेगा।  

- डॉ. शुक्ला माहांती, कुलपति, कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा

दूसरे राज्यों की छात्राएं भी ले सकेंगी नामांकन

महिला विवि में कई नए कोर्स प्रारंभ होंगे। इसमें झारखंड के साथ-साथ अन्य राज्य के छात्राएं नामांकन ले सकेंगी। विश्वविद्यालय की अधिसूचना जारी होने से काफी खुशी हो रही है।

- डॉ. पूर्णिमा कुमार, प्राचार्या, वीमेंस कॉलेज, जमशेदपुर। 

कुलपति की रेस में डॉ. शुक्ला व डॉ. कामिनी

जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय की कुलपति की रेस में सबसे आगे दो नाम शिक्षा के गलियारों में सबसे आगे चल रहा है। एक है कोल्हान विश्वविद्यालय की वर्तमान कुलपति डॉ. शुक्ला माहांती तथा दूसरा रांची विश्वविद्यालय की प्रति कुलपति डॉ. कामिनी कुमार। इन दोनों शिक्षाविदों के लिए बड़ी-बड़ी लॉबियां अलग-अलग तरीके से कार्य कर रही है। इसके अलावा रांची महिला कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. मंजू सिन्हा की भी चर्चा महिला विश्वविद्यालय की कुलपति को लेकर है। 

सर्च कमेटी करेगी कुलपति के नामों की अनुशंसा

झारखंड राज्य विश्वविद्यालय संशोधन अधिनियम के अनुसार, राज्य के विश्वविद्यालयों में कुलपति तथा प्रति कुलपतियों की नियुक्ति राज्यपाल सह कुलाधिपति द्वारा सर्च कमेटी से अनुशंसित पैनल से राज्य सरकार के परामर्श पर की जाएगी। राज्यपाल तीन सदस्यीय सर्च कमेटी द्वारा अनुशंसित नामों के पैनल (तीन से पांच नाम) में से राज्य सरकार के परामर्श से कुलपति की नियुक्ति करेंगे। राज्यपाल द्वारा नामित एक व्यक्ति कमेटी का अध्यक्ष होगा तथा उनके द्वारा नामित एक ख्यातिप्राप्त शिक्षाविद तथा राज्य सरकार द्वारा मनोनीत एक पदाधिकारी सदस्य होंगे। कुलपति का कार्यकाल तीन वर्ष का होगा। कुलपति के पद पर नियुक्ति के लिए अधिकतम आयु 65 वर्ष निर्धारित की गई है। कार्यकाल की समाप्ति के बाद राज्यपाल द्वारा राज्य सरकार के परामर्श पर अधिकतम तीन वर्ष या 70 वर्ष की आयु जो पहले हो के लिए फिर से नियुक्ति की जा सकेगी। प्रति कुलपति की नियुक्ति में वही प्रक्रिया अपनाई जाएगी जो कुलपति की नियुक्ति में अपनाई जाती है।  

ये हैं महिला विवि के महत्वपूर्ण तथ्य

  • कुल लागत : 89.26222 करोड़
  • क्या-क्या बनेगा : प्रशासनिक भवन, एकेडमिक भवन, गल्र्स हॉस्टल, ऑडिटोरियम, सेंट्रल लाइब्रेरी
  • कहां बनेगा भवन : सिदगोड़ा सूर्य मंदिर के सामने
  • कितनी जमीन पर बनेगा : 22 एकड़
  • कब मिली थी पहली स्वीकृति : नई दिल्ली में 08 फरवरी 2017 को आयोजित प्रोजेक्ट एप्रूवल बोर्ड की बैठक में।
  • विधानसभा से कब मिली स्वीकृति : 27 दिसंबर 2018
  • आठ तल्ले का होगा एकेडमिक भवन
  • 500 बेड का बनेगा गल्र्स हॉस्टल
  • 1953 में स्थापित हुआ था जमशेदपुर महिला कॉलेज, उस समय इसे पत्थर कॉलेज के नाम से जाना जाता था।

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