सेल्फ फाइनेंस कोर्स का विरोध करेंगे झारखंड के शिक्षक
यूजीसी के सेल्फ फाइनेंस कोर्स के प्रस्ताव का चौतरफा विरोध शुरू हो गया है। झारखंड के शिक्षक इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं।
जमशेदपुर(जासं)। यूजीसी के सेल्फ फाइनेंस कोर्स के प्रस्ताव का चौतरफा विरोध शुरू हो गया है। झारखंड के शिक्षक इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं। झारखंड के कई शिक्षकों का कहना है कि यह शिक्षा का बाजारीकरण है। सेल्फ फाइनेंस कोर्स के माध्यम से सरकार अपनी जिम्मेदारियों को यूनिवर्सिटी पर थोप रही है। शिक्षा का बाजारीकरण किया जा रहा है। शिक्षक पढ़ाने पर ध्यान देंगे कि आय बढ़ाने पर। दरअसल यूजीसी चाहती है कि विश्वविद्यालय सेल्फ फाइनेंस कोर्स के माध्यम से आय बढ़ाये। मालूम हो कि झारखंड में बीएड, बीबीए, बीसीए, बीएससी आइटी, मॉसकॉम सहित कई कोर्स सेल्फ फाइनेंस है।
झारखंड के शिक्षको के विरोध की जानकारी देते हुए अखिल भारतीय विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ (एआईफुक्टो) के राष्ट्रीय संगठन सचिव डॉ. विजय कुमार पीयूष ने बताया कि इस मुद्दे पर 23 से 25 जनवरी को कन्याकुमारी में शिक्षक प्रतिनिधियों का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया है। इस सम्मेलन में झारखंड के 40 शिक्षक डॉ. रामकुमार, डॉ. मिथिलेश कुमार, डॉ. एनके कुंदन के नेतृत्व में भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि आज विश्वविद्यालय में अधिकतर कोर्स सेल्फ फाइनेंस हो रहे हैं, यह आने वाले दिनों के लिए घातक है। सामान्य व गरीब वर्ग के छात्र इससे शिक्षा से वंचित हो सकेंगे। इस मामले को लेकर सभी शिक्षक संघ एक साथ मिलकर नई दिल्ली में रैली करने की तैयारी कर रहे हैं।