Coronavirus Jharkhand Lockdown : सरायकेला के मुड़िया में ईंट भट्टा में फंसे छत्तीसगढ़ के 18 मजदूर परिवार, खेती करने जाना चाहते हैं घर
Coronavirus Jharkhand Lockdown.छत्तीसगढ़ के 18 मजदूर परिवार लॉकडाउन में फंस गए हैं। वे खेती का काम करने के लिए घर वापस जाता चाहते हैं परंतु भट्टा मालिक सहयोग नहीं कर रहा।
सरायकेला,जेएनएन। कोल्हान प्रमंडल के सरायकेला-खरसावां जिले के गम्हरिया प्रखंड की मुड़िया पंचायत के हाथीटांड़ बैगनबाड़ी स्थित एसएचएम ईंट भट्टा में काम करने आए छत्तीसगढ़ के 18 मजदूर परिवार लॉकडाउन में फंस गए हैं। वे खेती का काम करने के लिए घर वापस जाता चाहते हैं परंतु भट्टा मालिक से उन्हें सहयोग नहीं किया जा रहा है। जिसके कारण उनकी घर वापसी का रास्ता साफ नहीं हो रहा है।
सरायकेला के हमारे संवाददाता प्रमोद सिंह ने बताया है कि छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिला के शक्ति प्रखंड की विभिन्न पंचायतों के शिवदास मोहन, धर्मदास मोहन, चैत मान, नरेश कुमार बंजारे, हरिलाल जांगड़े, वैधराम बंजारे, हीरालाल जांगड़े, मुनीलाल जांगड़े, अमृत लाल बंजारे, लालदास बंजारे, शंकर सिद्धार्थ, राजकुमार खुंट, भुवनलाल नवरतन, जगेश्वर नवरतन, कन्हैया केवट, विषम कुमार पाटिल, संतोष कुमार पाटिल व उदय कुमार पाटिल समेत 18 ईंट मजदूरों का परिवार मुड़िया पंचायत के हाथीटांड़ स्थित एसएचएम ईंट भट्टा में काम करने आए थे। लॉकडाउन में काम बंद हो गया और सभी मजदूर बेरोजगार हो गए हैं।
घर भेजने के लिए पहल नहीं कर रहा भट्टा मालिक
उनके खाने-पीने के लिए भट्टा मालिक द्वारा समुचित व्यवस्था नहीं की जा रही है और घर में जाकर उन्हें गांव में खेती का काम करना है। इसलिए सभी मजदूर घर जाना चाहते हैं । परंतु भट्टा मालिक न तो इन्हें बकाया पैसा दे रहा है और न ही घर भेजने के लिए सकारात्मक पहल कर रहा है। मजदूर परिवारों ने पंचायत सचिवालय में आकर मुखिया को बताया कि वे सितंबर महीने में काम करने आए थे। काम के बदले में उन्हें खुराखी के लिए पैसे दिया जाता था। सीजन समाप्त होने पर जब भट्टा का काम बंद होता तो हिसाब कर बाकी पैसा देना था। मजदूरों ने बताया कि लॉकडाउन में उनका काम बंद हो गया और वे बेरोजगार हो गए हैं।
अब नहीं कर रहा अपनी तरफ से मदद
उन्होंने बताया कि भट्टा मालिक काम बंद होने पर एक सप्ताह खाने के लिए अपनी तरफ राशन दिया और उसके बाद जो भी पैसा दे रहा है उसके खाते में चढ़ा रहा है। इस तरह उनका खर्च बढ़ता जा रहा है और काम से मिलने वाले पैसे कम हो रहे हैं। मजदूरोंने बताया कि वे घर जाना चाहते हैं, परंतु भट्टा मालिक न तो उनका हिसाब कर रहा है और न ही घर जाने की व्यवस्था कर रहा है। श्रम अधीक्षक कार्यालय में घर जाने के लिए आवेदन दिया गया है परंतु अब तक कार्रवाई नहीं हुई है।
ये कहतीं मुखिया
मुखिया सबिता महतो ने बताया कि मजदूरों को घर भेजने के लिए पंचायत स्तर पर कार्रवाई की जा रही थी, परंतु भट्टा मालिक ने मना कर दिया। कहा गया कि 20 अप्रैल के बाद छूट मिलने पर इन्हीं मजदूरों से काम कराएंगे।
ये कहते श्रम अधीक्षक
श्रम अधीक्षक राकेश कुमार सिन्हा ने कहा कि गम्हरिया प्रखंड के कई ईंट भट्टा के मालिक ने छत्तीसगढ़ के मजदूरों को घर भेजने का आवेदन दिया था, जिसके बाद कई बसें रायपुर तक गई। उसमें सैकड़ों मजदूर घर गए। परंतु मुड़िया के इस ईंट भट्टा द्वारा समय पर आवेदन नहीं दिया गया। अब जो आवेदन दिया गया है उसे स्वीकृति के लिए छत्तीसगढ़ भेजा गया है। प्रक्रिया में समय लग सकता है। श्रम अधीक्षक ने कहा कि मजदूरों को घर भेजने एवं जब तक भट्टा में रहेंगे खाने-पीने की जिम्मेदारी भट्टा मालिक की है। अगर वह अपनी जिम्मेवारी नहीं निभा रहा है तो उसके विरुद्ध कार्रवाई हो सकती है।