इस एनएच के गड़ढे में समा गए 16 करोड़ Jamshedpur News
रांची-टाटा राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) 33 की मरम्मत पर पिछले साल दिसंबर में खर्च हुए 16 करोड़ रुपये डूब गए हैं।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। रांची-टाटा राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) 33 की मरम्मत पर पिछले साल दिसंबर में खर्च हुए 16 करोड़ रुपये डूब गए हैं। मरम्मत हुए नौ महीने भी नहीं बीते कि इस पर कदम-कदम पर गड्ढे उभर आए हैं। पारडीह चौक से डिमना चौक तक एनएच 33 आवागमन के काबिल नहीं है। गड्ढों की बदौलत आए दिन हादसे हो रहे हैं।
एनएच 33 पर डिमना चौक से पारडीह की तरफ आगे बढ़ते ही वाहन गड्डों में हिचकोले लेने लगता है। डिमना चौक पर ही गड्डों की भरमार है। यहां राजा कांप्लेक्स के सामने बड़ा गड्ढा बन रहा है। इसके बाद पारडीह चौक की तरफ बढऩे पर चंद्रप्रभा कांप्लेक्स के सामने गड्ढों की भरमार है। सिद्धो कान्हो बस्ती और रिपीट कॉलोनी के सामने सड़क पूरी तरह बदहाल हो गई है। अभिलाषा कांप्लेक्स के सामने भी एक गड्ढा है। सनशाइन कांप्लेक्स के सामने गड्ढे का आकार दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। सहारा सुंदरवन से पारडीह चौक तक सड़क की स्थिति कुछ बेहतर है। फिर भी यहां आठ-10 गड्ढे मौजूद हैं।
एक बरसात में बह गया तारकोल
पिछले साल सड़क पर बिछाया गया सारा तारकोल बह गया है। पिछले साल नवंबर में जमशेदपुर में एनएच 33 की स्थिति बदहाल थी। इस पर सवा सौ से ज्यादा छोटे-बड़े गड्ढे थे। एनएचएआइ ने एनएच 33 की मरम्मत कराई थी। मरम्मत का काम जयमाता दी कांस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को मिला था। कंपनी ने इसकी मरम्मत दिसंबर में कराई। तभी लोगों ने एनएचएआइ से घटिया निर्माण की शिकायत की थी लेकिन, किसी ने नहीं सुना। कंपनी काम करने के बाद चली गई। लेकिन, अब बरसात के बाद एनएच 33 की हालत पहले जैसी ही हो गई है। सड़क एक बरसात भी नहीं झेल पाई है।
धीमा काम कर रही आयरन ट्रायंगल
जमशेदपुर के चिलगू से महुलिया तक एनएच 33 के चौड़ीकरण का काम आयरन ट्रायंगल कंपनी को मिला है। कंपनी को अप्रैल में ही कार्यआदेश जारी कर दिया गया था। लेकिन, अभी कंपनी का काम बेहद धीमा चल रहा है। पांच महीने में कंपनी कुछ मीटर नाला का ही निर्माण कर पाई है। जबकि, एनएच 33 के अन्य खंडों पर अलग-अलग एजेंसियां चौड़ीकरण का काम तेजी से कर रही हैं।