15 नहीं, 150 दिन बाद भी नहीं हुआ टीडब्ल्यूयू में उपचुनाव
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : देश में सबसे बड़ी और सबसे पुरानी यूनियनों में से एक टाटा वर्कस
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : देश में सबसे बड़ी और सबसे पुरानी यूनियनों में से एक टाटा वर्कर्स यूनियन खुद ही अपने बनाई हुए नियमों की धज्जियां उड़ा रही है। यूनियन संविधान के तहत किसी कमेटी मेंबर के किसी भी रिक्त पद पर 15 दिनों के अंदर चुनाव कराना है, लेकिन 150 दिन बीते लेकिन उपचुनाव नहीं हुए।
टाटा वर्कर्स यूनियन नेतृत्व ने अपने पिछले कार्यकाल में ही संविधान में संशोधन किया था। संशोधित संविधान के तहत किसी भी कमेटी मेंबर का पद रिक्त होने पर उस सीट पर 15 दिनों के अंदर उपचुनाव कराना है। पिछले कार्यकाल में दो-दो उपचुनाव भी हुए, लेकिन यूनियन की नई कार्यकारिणी में एक-दो नहीं बल्कि पांच-पांच सीटों पर उपचुनाव होना है, लेकिन इस दिशा में यूनियन अध्यक्ष आर रवि प्रसाद की उदासीनता समझ से परे है।
हालांकि चर्चा ये भी है कि फील्ड मेंटनेंस इलेक्ट्रिकल से एक उम्मीदवार फरवरी 2019 में चुनाव लड़ने के योग्य हो जाएगा। इसलिए उक्त सदस्य के समर्थन में चुनाव की तारीख को टाला जा रहा है ताकि उक्त सदस्य को पीके वर्द्धन के रिक्त पद से लड़ाया जा सके। हालांकि यूनियन अध्यक्ष ने पूर्व में ऑफिस बियरर की बैठक कर प्रक्रिया शुरू करने की बात कही थी, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई है।
सोसाइटी चुनाव कराने में ज्यादा रही सक्रियता : टाटा स्टील द्वारा संचालित स्टील वर्कर्स वेलफेयर सोसाइटी में यूनियन ने नवंबर माह में ही चुनाव कराया था। जहां मात्र 77 कर्मचारी कार्यरत हैं, लेकिन उन पांच रिक्त पदों पर यूनियन नेतृत्व को कोई चिंता नहीं जहां 350 से ज्यादा सदस्यों को प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है।
कमेटी मेंबरों के इन रिक्त पदों पर होना है उपचुनाव
-फील्ड मेंटनेंस इलेक्ट्रिकल : पीके वर्द्धन
-स्टोर : बीके डिंडा
-एसएमडी : भगवान सिंह (सीनियर)
-इक्यूपमेंट मेंटनेंस : जुबेर आलम
-एलडी-2 : राजेश (निधन)
'पांच रिक्त पदों पर उपचुनाव हो इसके लिए मैनें नवंबर 2018 में ही अध्यक्ष को पत्र भेजा था, लेकिन उनकी ओर से कोई पहल नहीं हुई।'
-सतीश कुमार सिंह, महामंत्री