पांच साल में हुआ 1269 करोड़ का घाटा, टाटा स्टील बढ़ा सकती 30 फीसद विद्युत दर Jamshedpur New
झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के साथ हुई ऑनलाइन बैठक में टाटा स्टील ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2020-21 तक 1269 करोड़ रुपये का रेवेन्यू गैप (घाटा) हुआ है।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। कोरोना काल में जमशेदपुर के कंपनी इलाकों के बिजली उपभोक्ता को एक और झटका लगने वाला है। टाटा स्टील के पावर डिवीजन ने झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के समक्ष बिजली दर में 20 से 30 फीसद की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव रखा है।
शुक्रवार को झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के साथ हुई ऑनलाइन बैठक में टाटा स्टील ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष 2015-16 से वित्तीय वर्ष 2020-21 तक 1269 करोड़ रुपये का रेवेन्यू गैप (घाटा) आया है। जन सुनवाई में टाटा स्टील यूटिलिटीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज, पावर डिविजन के महाप्रबंधक वीपी सिंह ने पावर प्रजेंटेशन द्वारा बढ़ोतरी की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि टाटा स्टील ने 2018 का ट्रूअप (दो बैलेंस सीट को एक में समाहित करना), 2019-20 का रिव्यू और 2020-21 का रिवाइज्ड एआरआर (एनुअल रेकरिंग रेवन्यू) की प्रस्तुति दी। वीपी सिंह ने रेवेन्यू गैप का हवाला देते हुए बिजली की दर में 20-30 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के कारण लगातार मजदूरी दर में बढ़ोतरी हो रही है। वहीं, देश के दूसरे राज्यों की तुलना में उनकी बिजली वितरण की दर अब भी सस्ती है। इसलिए इसमें बढ़ोतरी की जाए।
हालांकि उन्होंने बताया कि टाटा पावर शक्ति योजना के तहत जिस कोल का इस्तेमाल कर रही है उससे 50 करोड़ रुपये उत्पादन लागत में कमी आई है और बिजली की दर 40 पैसे प्रति यूनिट सस्ती होगी। लेकिन यह अगले वित्तीय वर्ष के ट्रूअप में आएगा। वीपी सिंह ने बताया कि कंपनी का रेवेन्यू गैप लगातार बढ़ रहा है। स्थिति यही रही तो उन्हें टैरिफ में 65 फीसदी की बढ़ोतरी की सिफारिश करनी होगी जो उचित नहीं होगा। उन्होंने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में अब तक पावर सप्लाई में 32 प्रतिशत की कमी आई है लेकिन हम अपनी सेवा, वितरण और इंफ्रास्ट्रक्चर में बढ़ोतरी लगातार कर रहे हैं इसके कारण ही पूरे वर्ष 99.9 प्रतिशत बिजली की उपलब्धता रहती है।
बढ़ोतरी प्रस्ताव का बियानी ने किया विरोध
जन सुनवाई में आशियाना गार्डेन वेलफेयर एसोसिएशन के संयुक्त सचिव अशोक बियानी ने कंपनी के प्रस्ताव का विरोध किया। बियानी ने कंपनी के आंकड़ों की जांच कराने की मांग आयोग से की। उन्होने दावा किया कि कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2015-16 से लेकर 2020-21 तक अपने पिछले बकाए पर 922 करोड़ रुपये का ब्याज का दावा किया है। वहीं, कंपनी ने पिछले पांच वर्षो में झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग की विधि के अनुसार 896.78 करोड़ रुपये का मुनाफा अर्जित किया है। इसके बावजूद कंपनी 1269 करोड़ रुपये का रेवेन्यू गैप दिखा रही है जबकि उसकी पेरेंट््स कंपनी ने बीते वित्तीय वर्ष 2018-19 में 16 हजार करोड़ रुपये ज्यादा मुनाफा अर्जित किया है। ऐसे में कोरोना वायरस के समय यह बढ़ोतरी कहीं से भी उचित नहीं है। उन्होंने आयोग से अपील की है कि इसे पास नहीं किया जाए।
आंकड़ों की होगी जांच : आयोग
जनसुनवाई के दौरान आयोग के तकनीकि सदस्य आरएन ङ्क्षसह ने कहा कि कंपनी ने जो भी आंकड़े दिए हैं उसकी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि आयोग अपने मन से कोई निर्णय नहीं ले सकती। लेकिन इस बार बढ़ोतरी नहीं की गई तो अगली बार कंपनी रेवेन्यु गैप पर सूद लगाकर वसूल करेगी। उन्होंने कहा कि इसमें दो राय नहीं कि कंपनी की सर्विस और ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन लांस बहुत बढिय़ा है। लेकिन आयोग भी औचित्य के आधार पर निर्णय लेगी।
किसने क्या कहा
टैरिफ बढ़ोतरी का प्रस्ताव किसी भी सूरत में लोगों के हित में नहीं है। कोविड के समय बिजली की दर में बढ़ोतरी समझ से परे है। लोग परेशान है। जुस्को के पास रिजर्व फंड इतना है कि बढ़ोतरी की कोई जरूरत नहीं है। -महेश सोंथालिया, उद्योग सचिव, सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री।
आयोग आने के बाद बिजली की दर में तीन गुणा बढ़ोतरी हो चुकी है। घरेलू उपभोक्ताओं का गर्मी व ठंड में बिजली की खपत में उतार-चढ़ाव होता रहता है। घरेलू उपभोक्ता को कई उत्पादन नहीं करते कि हमेशा एक समान रहे। हमारे पास कमाई का कोई जरिया नहीं है इसलिए बिजली की दर में बढ़ोतरी कर उपभोक्ताओं को मत मारें। -बीकेडी अग्रवाल।
बिजली दर में बढ़ोतरी का ये है प्रस्ताव
श्रेणी वर्तमान टैरिफ प्रस्तावित टैरिफ
0-100 यूनिट 13-2.60 30-3.00
100-400 यूनिट 30-4.55 70-6.00
हाई टेंशन डोमेस्टिक सप्लाई : 40 केवीए प्रतिमाह-4.20-90केवीए प्रतिमाह-5.50
सिचाई व कृषि क्षेत्र : 20-4.50-50-6.00
कॉमर्शियल सप्लाई : 100 केवीए प्रतिमाह-6.25-210 केवीए प्रतिमाह-7.00