E-Waste : जमशेदपुर से एक साल में निकला 100 टन ई-कचरा Jamshedpur News
E-Waste. ई-वेस्ट बेचने वालों के लिए दर निर्धारित है। बेचने के बाद उपभोक्ता को सर्टिफिकेट भी मिलता है। इस कचरा को कोलकाता भेजा जाता है।
जमशेदपुर, निर्मल। झारखंड के जमशेदपुर से एक साल में 100 टन ई-वेस्ट निकला है। टाटा स्टील यूटिलिटीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज (पूर्व में जुस्को) और री-साइकिल एजेंसी हुलादेक पिछले एक वर्ष से शहरवासियों को उनके घरों से ई-वेस्ट उठाव करने की सुविधा दे रही है।
हमारे घरों में अक्सर पुराने कंप्यूटर, मोबाइल, उसकी बैटरी, खराब टीवी पड़े रहते हैं। लोग इन्हें कचरा समझ कर किसी कोने में रखकर किसी दिन बेचने की बात सोच कर भूल जाते हैं। लेकिन, इन इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट से काफी हानिकारक विकिरण निकलते हैं। यह पर्यावरण व मानव शरीर के लिए काफी हानिकारक होते हैं। इसी बात को ध्यान में रखकर एक वर्ष से जुस्को ने घर-घर से ई-वेस्ट उठाव की सेवा शुरू की है। इसके लिए जुस्को की ओर से नंबर भी जारी किया गया है। ई-वेस्ट बेचने वालों के लिए दर निर्धारित है। बेचने के बाद उपभोक्ता को सर्टिफिकेट भी मिलता है। इस कचरा को कोलकाता भेजा जाता है। वहां सभी ई-वेस्ट पृथक किए जाते हैं। इसके बाद मानव शरीर व पर्यावरण के लिए हानिकारक कचरे को बेंगलुरु की इको बर्ड री-साइकिलिंग व इको ई-वेस्ट री-साइकिलिंग कंपनियों को भेजा जाता है। जहां शीशा, आर्सेनिक व कैडियमम को अलग किया जाता है।
ये कहती जुस्को प्रवक्ता
हमारी कोशिश है कि जमशेदपुर को ई-वेस्ट मुक्त करें। इसके लिए हमने कई स्कूलों व कंपनियों में जागरूकता अभियान चलाया। इसका नतीजा अब हमारे सामने हैं।
- सुकन्या दास, प्रवक्ता, जुस्को।
अब तक कितना निकला ई-वेस्ट व प्रति किलोग्राम कीमत
- इंडस्ट्रियल इलेक्ट्रॉनिक्स : 39.2 हजार किलोग्राम : 42 रुपये
- टेलीविजन (एलईडी और एलसीडी) : 5.88 हजार किलोग्राम : 15 रुपये
- कंप्यूटर, मोबाइल, अन्य पार्ट : 29.41 हजार किलोग्राम : 75 रुपये
- लैपटॉप व नोट पैड : 0.98 हजार किलोग्राम : 75 रुपये
- एसी : 5.88 हजार किलोग्राम : 30 रुपये
- फ्रिज, वॉशिंग मशीन, मिक्सी, कैलकुलेटर, ईयर फोन आदि : 13.73 हजार किग्रा : 10 रुपये
- प्रिंट्रिंग व फोटोकॉपी मशीन, एटीएम व मरकरी लैंप : 6.92 हजार किलोग्राम : 10 रुपये