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ताक पर यातायात नियम, खतरे में स्कूली बच्चों की जान

हजारीबाग शहरी क्षेत्र में जाम से त्राहिमाम कर रही जनता और बे लगाम हो चुकी यातायात नियम का पालन नहीं किया गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Mar 2019 08:34 PM (IST)Updated: Tue, 26 Mar 2019 08:34 PM (IST)
ताक पर यातायात नियम, खतरे में स्कूली बच्चों की जान
ताक पर यातायात नियम, खतरे में स्कूली बच्चों की जान

हजारीबाग : शहरी क्षेत्र में जाम से त्राहिमाम कर रही जनता और बे लगाम हो चुकी यातायात नियम तो बड़कागांव रोड के आगे कुछ भी नहीं है। यहां तो नियम को ताक पर रख वाहन चालक, वाहन मालिक, जिला प्रशासन और खुद बच्चों के अभिभावक अपने ही बच्चे के जान से खेल रहे है। हर माह दो माह पर होने वाली सड़क दुर्घटना में जान जाने के बाद सड़क जाम कर मुआवजा की मांग करने वाले लोगों के लिए घटना से पूर्व कभी यह मुद्दा नहीं बनता है। घटना के बाद दो दिनों के हो हंगामे के बाद सबकुछ सामान्य जो जाता है, जबकि इस रोड रात में हीं नहीं दिन में भी सड़क पर मौत दौड़ती है।

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पांच सालों में सड़क पर 20 गुणा बढ़ गया दबाव

बड़कागांव रोड में पिछले पांच सालों में 20 गुणा दबाव बढ़ गया है। सड़कों पर दबाव का कारण एनटीपीसी जैसे बड़ी कंपनियों का खनन और कोल परियोजना है। जिसे लेकर भारी वाहनों का आना जाना इस सड़क में दिन दूनी रात चौगुणी गति से आगे बढ़ती जा रही है। वहीं इसके विपरीत पिछले पांच सालों से सड़क को बनाने की कवायद की जा रही है, लेकिन पूरी आजतक नहीं हुई। बड़कागांव रोड एनएच 33 और 100 को जोड़ती है। सड़कों पर दबाव के बावजूद इस दिशा में प्रशासनिक पहल नहीं हो सका और न कोई वैकल्पिक मार्ग निकाला जा सका।

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हर पांचवे दिन एक की लेती है जान

बड़कागांव रोड हर पांचवे दिन एक व्यक्ति की जान लेती है। करीब दो हजार हाइवा और ट्रक एक दिन में यहां चलते है। इसके अलावा यहां से कोयला लेकर जाने वाले वाहनों की संख्या 500 के करीब है। इसमें आम्रपाली और मग्ध कोल परियोजना को जोड़ दिया जाए तो इस सड़क पर हर दिन पांच हजार वाहन कोयला लेकर गुजरते है।

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हुरहुरु से मार्खम कालेज तक तीन किलोमीटर में एक कालेज और 10 स्कूल है संचालित

एनएच 33 को जोड़ने वाला बड़कागांव रोड के तीन किलोमीटर के इलाके में मार्खम कालेज के अलावा उच्च विद्यालय स्तर के 10 विद्यालय है। यहां करीब पांच हजार से अधिक छात्र शिक्षा ग्रहण करते हैं। कालेज को इसमें जोड़ दिया जाए तो यह संख्या दस हजार हो जाएंगी। बेतरतीब दौड़ते वाहन को इस रोड पर कभी किसी ने भी नियंत्रित करने का प्रयास किया।

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वसूली एक मात्र धंधा

बड़कागांव रोड पीसीआर और कटकमदाग पुलिस के लिए कमाउ पूत के तरह काम करती है। एसपी के निदेश पर सड़क की सुरक्षा और नो इंट्री के लिए यहां पर्याप्त बल उपलब्ध कराया गया है। लेकिन ये सभी पुलिस व गश्ती दल सुबह के चार बजे से प्रति ट्रैक्टर दो सौ रुपए बालू से वसूली और रात में प्रति ट्रक - हाइवा 20 -50 रुपए की वसूली करती है। रसुलीगंज से लेकर कोनार पूल तक पीसीआर और रसुलीगंज से खपरियांवा कुंडील बागी रोड में कटकमदाग पुलिस वसूली करती मिल जाएगी। दस -बीस रुपये के चक्कर में ये पुलिस जवान भी स्कूली बच्चों के जीवन से खेल रहे है। इस पर कोई कुछ बोलना हीं नहीं चाहता है।

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बड़कागांव रोड में नहीं होता नो इंट्री का पालन

स्कूल और घटनाओं को ध्यान में रखते हुए बड़कागांव रोड में जिला प्रशासन ने नो इंट्री लगा रखी है। सुबह आठ से 11 और संध्या में तीन से आठ इस रोड पर नो इंट्री रहती है, लेकिन आज तक कोई जवान इस दिशा में पहल और पदाधिकारी इसे लेकर चितित नहीं दिखाई दिए। इसका परिणाम है कि हर दिन सड़क पर दौड़ती मौत के बीच यहां के नव निहाल अपना भविष्य गढ़ने का काम कर रहे है।


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