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संदीप ने फोन पर पिता को कहा ..भइया की शादी की चिंता छोड़ बस धूमधाम से तैयारी करें

संदीप ने फोन पर पिता को कहा .भइया की शादी की चिंता छोड़ बस धूमधाम से तैयारी करें

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 May 2022 08:06 PM (IST)Updated: Sat, 28 May 2022 08:06 PM (IST)
संदीप ने फोन पर पिता को कहा ..भइया की शादी की चिंता छोड़ बस धूमधाम से तैयारी करें
संदीप ने फोन पर पिता को कहा ..भइया की शादी की चिंता छोड़ बस धूमधाम से तैयारी करें

संदीप ने फोन पर पिता को कहा ..भइया की शादी की चिंता छोड़ बस धूमधाम से तैयारी करें

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राहुल कुमार, हजारीबाग : लद्दाख हादसे में अपनी जान गंवाने वाला हजारीबाग का लाल संदीप कुमार पाल ने हादसे के आठ घंटे पहले शुक्रवार की सुबह अपने पिता जयनंद पाल से बात की थी। जयनंद पाल तीन जुलाई को बड़े बेटे की शादी को लेकर चिंतित थे। फोन पर संदीप ने कहा कि पिताजी आप भइया की शादी की बस तैयारी करें। कोई कमी नहीं रह जाए इसका ध्यान रखें। बाकी मुझ पर छोड़ दें। मैं ड्यूटी से लौटते ही सबकुछ देख लूंगा...इतना कहते ही पिता जयनंद की आंखें डबडबा गईं। वे फफक-फफक कर रोने लगे। उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि उनके लाल के साथ ऐसा कैसे हो गया। भगवान ने एक साल पहले पत्नी को छिन लिया था और घर का सहारा बेटा ही छोड़कर चला गया। जब संदीप की मौत की खबर आसपास के लोगों व उनके दोस्तों को मिली तो उनके भी आंसू थमने के नाम नहीं ले रहे थे।

एक माह के लिए मार्च में आए थे घर

स्वजनों ने बताया कि संदीप मार्च में एक माह की छुट्टी लेकर आया था। जहां सभी रिश्तेदारों व दोस्तों के साथ मिलकर छुट्टियां बिताया। उसके बाद संदीप 26 अप्रैल को ड्यूटी पर चला गया। जो अब कल रविवार को बलिदान होकर लौट रहा है। सभी के जुबान पर एक ही बात सामने आ रही है कि संदीप बेहद ही नेक व इमानदार लड़का था, जो अब इस दुनिया में नहीं है।

बड्डे पार्टी में आते थे कौन बुलाएगा

संदीप के दोस्तों में लालदेव कुमार ने बिलखते हुए शब्दों में कह रहा था कि मैंने एक सच्चा दोस्त खो दिया जब नौकरी नहीं लगी थी तो हमलोग सभी दोस्त घर पर ही बर्थडे की पार्टी मनाते थे। अब हमलोगों को कौन बुलाएगा।

तीन जुलाई को थी शादी : भाई मनीष

संदीप के बड़े भाई मनीष पाल ने रोते हुए कहा कि मेरी शादी अगले माह तीन जुलाई को होनी थी संदीप बहुत खुश था। वह कहा रहा था कि भइया आपकी शादी में पूरे मजे करेंगे। अब मेरा भाई इस दुनिया में नहीं है। इतना कहने के बाद मनीष के आंसू थम नहीं रहे हैं।

संदीप से ही चलता था घर

संदीप के पिता जयनंद पाल ने कहा कि हमलोग तंगहाली की स्थिति में थे। जब संदीप की नौकरी लगी। उसके सैलेरी से ही घर चलता था। इतना कहकर जयनंद पाल रो पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि आखिरी बार कल सुबह 8 बजे संदीप से बात हुई थी। वह कह रहा था कि भईया की शादी में आएंगे। आप सब शादी की तैयारी धूमधाम से कीजिए। संदीप की शिक्षा की बात की जाए तो वे कक्षा 6 तक गणेश मूर्ति स्कूल में पढ़ाई की। उसके बाद 7 से 10 तक मिशन स्कूल से मैट्रिक पास कर जिला स्कूल से प्लस टू किया और मार्खम कालेज से बीए कर था। इसी क्रम में वर्ष 2013 में सेना में बहाल हुए थे।

500 बाइक के साथ तिरंगा झंडे के लिए पार्थिव शरीर को लेन पहुंचेंगे मोहल्लेवासी

मोहल्ले के निवासी सच्चिदानंद पांडेय ने बताया कि इस घटना से पूरा शहर मर्माहत है। संदीप की पार्थिव शरीर रविवार की सुबह हजारीबाग पहुंच रहा है। उन्हें लेने यहां से 500 बाइक सवार हाथों में तिरंगा लिए क्षितिज अस्पताल के पास मौजूद रहेंगे। मोहल्ले के हर घर से तिरंगा लेकर लोग संदीप के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे।


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