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Lok Sabha Polls 2019: वीवीपैट मशीन करेगी मतदाताओं की शंकाओं का समाधान

Lok Sabha Polls 2019. मतदाताओं के मन में बैठी शंका को दूर करने के लिए चुनाव आयोग वीवीपैट मशीन (वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल मशीन) का इस्तेमाल कर रहा है।

By Edited By: Published: Sat, 16 Mar 2019 10:31 PM (IST)Updated: Sun, 17 Mar 2019 02:39 PM (IST)
Lok Sabha Polls 2019: वीवीपैट मशीन करेगी मतदाताओं की शंकाओं का समाधान
Lok Sabha Polls 2019: वीवीपैट मशीन करेगी मतदाताओं की शंकाओं का समाधान

रामगढ़, जासं। लोकतंत्र के महाकुंभ में हर कोई अपनी सहभागिता निभाने को आतुर दिख रहा है। क्योंकि देश को एक सशक्त और सुरक्षित हाथ में देना हर देशवासी का पहला कर्तव्य है। तभी तो लोकतंत्र के महापर्व में इस बार मतदान के बाद मतदाताओं के मन में बैठी शंका को दूर करने के लिए चुनाव आयोग ने वीवीपैट मशीन (वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल मशीन) का इस्तेमाल कर रहा है।

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यह मशीन मतदाताओं की शंकाओं का पूरी तरह समाधान प्रत्यक्ष रूप से करेगा। मतदाता वोट करने के बाद वहीं पर सात सेकेंड में अपने मनपसंद प्रत्याशी को दिए वोट को वीपीपैट मशीन में देख सकेंगे। चुनाव के दिन इस मशीन का उपयोग मतदान केंद्र पर पहली बार मॉक पोल कर किया जाएगा। उसके बाद वोटरों के बीच इसका इस्तेमाल हो पाएगा।

वीवीपैट मशीन को मतदान केंद्र पर ईवीएम मशीन, बैलेट व वीवीपैट को एक साथ जोड़कर रखा जाएगा। जैसे ही वोटर अपने मत का प्रयोग करेंगे सात सेकेंड के अंदर वीवीपैट पर प्रत्याशी का नाम और चुनाव चिह्न वोटर स्वयं देख पाएंगे। उसके बाद वह पर्ची सील बॉक्स में गिर जाएगी। उसके बाद मतदाता को पूर्ण संतुष्टि हो जाएगी कि उसने अपना मत सही तरीके से और सही जगह पर दिया है।

जिले के अधीन बड़कागांव विधानसभा के अंतर्गत कुल 228 मतदान केंद्र होंगे। जबकि रामगढ़ विधानसभा के अंतर्गत कुल 405 मतदान केंद्र होंगे। मांडू विधानसभा के तहत 239 मतदान केंद्र होंगे। इन सभी मतदान केंद्रों में वीवीपैट मशीन लगाई जाएगी। वीवीपैट मशीन का इस्तेमाल होने की जानकारी के बाद से मतदाताओं में भी एक अजीब सा उत्साह है, कि वे अपने पसंद के प्रत्याशी को वोट देने के बाद स्वयं भी देख पाएंगे।

यह अनुभव उनके लिए खास होगा। क्योंकि चुनाव आयोग के अनुसार ईवीएम यानी इलेक्ट्रॉनिक वो¨टग मशीन पूरी तरह सुरक्षित और भरोसेमंद है। इस मशीन के साथ किसी तरह का कोई भी छेड़छाड़ नहीं कर सकता है। उसके बाद भी तमाम आरोपों के बाद चुनाव आयोग ने वीवीपैट मशीन के इस्तेमाल पर अपनी सहमति देकर प्रत्यक्ष को प्रमाण की क्या आवश्यकता वाली कहावत को बल दे दिया है।

मशीन में कई खासियत भी हैं, इसके आगे पतली परत का शीशा लगा होगा। यहां से मतदाता आसानी से निर्धारित सेकेंड में अपने मत के इस्तेमाल की स्वयं पुष्टि कर लेंगे। वीवीपैट मशीन मतदाताओं और मत के बीच की कड़ी को जोड़ने का महत्वपूर्ण साधन बनकर इस बार चुनाव में अपनी भूमिका निभाएगा। छह मई को होने वाले लोकतंत्र के महापर्व को लेकर पूरे जिलाभर के मतदाताओं में काफी उत्साह है।

किसी प्रकार की डिस्प्यूट की स्थिति में इन पर्चियों की भी हो सकती हैं गणना। मतगणना के समय किसी तरह के उहापोह होने या किसी प्रकार का डिस्प्यूट होने की स्थिति में इन पर्चियों की भी गणना कि जा सकती है। मशीन के जानकारों ने बताया कि मतदाता के रूप में वोटर सात सेकेंड तक इस पर्ची को देख जाएंगे। फिर यह सील बंद बॉक्स में गिर जाएगी। यह पर्ची वोटरों को नहीं मिलेगी। यहां तक सिर्फ पो¨लग अधिकारी ही वीवीपैट तक पहुंच सकते हैं। यह मशीन मतदाताओं के उत्साह को और बढ़ा देगा।


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