झारखंड बार काउंसिल अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव
झारखंड बार काउंसिल अध्यक्ष सह महाधिवक्ता अजीत कुमार के खिलाफ बार सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया है।
संवाद सहयोगी, हजारीबाग : झारखंड बार काउंसिल अध्यक्ष सह महाधिवक्ता अजीत कुमार के खिलाफ बार के निर्वाचित राज्य सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया है। शहर के एक होटल में राज्य बार काउंसिल सदस्य राजकुमार राजू के आह्वान पर 14 सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं। पांच अन्य सदस्य सोमवार को रांची में अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने की बात कही है। अविश्वास प्रस्ताव बैठक की अध्यक्षता वरीय बार सदस्य अमर सिंह ने की। बैठक में एक प्रस्ताव भी पारित किया गया है। अविश्वास प्रस्ताव लाने वालों में बालेश्वर सिंह( देवघर) गोपेश्वर झा( दुमका) धर्मेद्र नारायण (गोड्डा) अनिल तिवारी ( जमशेदपुर), रिकू भकत (रांची) संजय विद्रोही (रांची) मृत्युंजय श्रीवास्तव( बोकारो) राधेश्याम गोस्वामी (धनबाद), अमर सिंह (देवघर) प्रयाग महतो (धनबाद) परमेश्वर मंडल, (गिरिडीह) राजकुमार राजू (हजारीबाग) व राजेश कुमार शुक्ला उपाध्यक्ष बार काउंसिल झारखंड शामिल है। वरीय सदस्य अमर कुमार सिंह ने कहा कि अध्यक्ष अगर तीन दिनों के अंदर पद का त्याग नहीं करते हैं तो सात दिनों बाद हटाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। आरोप है कि उन्होंने पीपी और एपीपी बहाली में पूर्व नियमों में हुए बदलाव पर सरकार से बात नहीं की। अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए काम नहीं किया। आयुष्मान योजना से भी अधिवक्ताओं को जोड़ना था। यहां भी पीछे रह गए। कहा कि राज्य के 25 हजार अधिवक्ताओं के सम्मान, सिविल कोर्ट के सदस्यों का मान और बार के संविधान की रक्षा के लिए यह कदम उठाया गया है। बैठक में चेयरमैन बनाने की बात चली, अन्य सदस्यों में राजकुमार राजू का भी नाम आया, लेकिन वे इंकार कर गए। बैठक में तय किया गया कि पद मुक्त करने के बाद नए चेयरमैन सिविल कोर्ट का होगा।
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सदस्यों ने बैठक की है, संज्ञान में है। उनका सम्मान करता हूं और उनकी हर भावना को सहर्ष स्वीकार करने को तैयार हूं। वास्तव में महाधिवक्ता होने के कारण मेरा ध्यान राज्य के कार्यों में ज्यादा केंद्रित रहने के कारण हो सकता है, कुछ एक विषयों पर मेरा ध्यान नहीं गया हो। लेकिन मैंने कभी भी किसी को अपमानित नहीं किया। सबके सम्मान का ख्याल रखा। बार में सदस्यों की संख्या 25 होती है और मुझे लेकर 26 है। यदि सबों की राय होगी तो मैं सहर्ष पद त्याग के लिए तैयार हूं। मुझे पद का न कोई मोह है न मैंने कभी लाभ उठाने का प्रयास किया। कुछ सदस्यों को किसी भी कारण से मुझसे शिकायत हो सकती है। परंतु इन्हीं सदस्यों ने बल्कि इनसे भी ज्यादा ने मेरा चुनाव किया था। मैंने अपने कार्यकाल में सच्चाई, ईमानदारी और दृढ़ता से अपने कर्तव्यों का पालन किया है। यदि मुझे बहुमत का समर्थन प्राप्त है तो मैं अपने कर्तव्य का निर्वहन भविष्य में करता रहूंगा।
-अजित कुमार, महाधिवक्ता सह अध्यक्ष बार काउंसिल, झारखंड