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जेपीसी के दो उग्रवादी गिरफ्तार, तीन बंदूक व कारतूस बरामद

पुलिस ने गिरफ्तार नक्सलियों की निशानदेही पर बेंदी जंगल की जमीन में गाड कर रखे गए गई तीन देसी बंदूक व 14 कारतूस को भी बरामद किया।

By Sachin MishraEdited By: Published: Thu, 06 Sep 2018 06:04 PM (IST)Updated: Thu, 06 Sep 2018 06:04 PM (IST)
जेपीसी के दो उग्रवादी गिरफ्तार, तीन बंदूक व कारतूस बरामद
जेपीसी के दो उग्रवादी गिरफ्तार, तीन बंदूक व कारतूस बरामद

संवाद सहयोगी, हजारीबाग। कटकमदाग पुलिस व सीआरपीएफ ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए उग्रवादी संगठन जेपीसी (झारखंड प्रस्तुति कमेटी) के दो हार्डकोर उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार उग्रवादियों में आधा दर्जन लेवी व अपहरण सहित कई मामलों का आरोपित विनोद गंझू उर्फ समीर जी सदर थाना चतरा तथा नरेश गंझू सिमरिया चतरा निवासी हैं।

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एसपी मयूर पटेल ने गुरुवार को प्रेसवार्ता में बताया कि पुलिस लंबे समय से इनकी तलाश में थी। गुप्त सूचना मिली कि ये लोग कटकमदाग जंगल में बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए जमा हुए हैं, जिसकी भनक मिलते ही सीआरपीएफ व कटकमदाग पुलिस की एक टीम का गठन किया गया था। टीम ने छापेमारी कर बेंदी जंगल से दोनों को गिरफ्तार किया। अन्य नक्सली जंगल का लाभ लेकर फरार हो गए।

पुलिस की पूछताछ में हथियार के बारे में गिरफ्तार नक्सलियों ने कई जानकारियां उपलब्ध करवाईं। पुलिस ने गिरफ्तार नक्सलियों की निशानदेही पर बेंदी जंगल की जमीन में गाड कर रखे गए गई तीन देसी बंदूक व 14 कारतूस को भी बरामद किया। इसके अलावा पुलिस ने एक काले रंग की होंडा मोटरसाइकिल व मोबाइल भी बरामद किया है। प्रेसवार्ता में सीआरपीएफ कमाडेंट विष्णु गौतम के अलावा थाना प्रभारी कटकमदाग अजित कुमार भी उपस्थित थे।

बेस-रेशाम गांव से किया था रेलवे ठेकेदार का अपहरण

गिरफ्तार जेपीसी के हार्डकोर नरेश गंझू के ऊपर चतरा व कटकमदाग सहित कटकमसांडी थाने में मामला दर्ज है। इनमें चार साल पूर्व बेश-रेशाम के जंगल से रेलवे ठेकेदार एम के कलिंगा रेड्डी का अपहरण का मामला भी है। वह चार बार जेल जा चुका है। इन दिनों वह जेल से बाहर आने के बाद जेपीसी को संगठित करने का काम कर रहा था। इसके अलावा विनोद

पहली बार 2008 में माओवादियों को बिस्किट व पानी देने के आरोप में गया था जेल

नरेश गंझु पहली बार 2008 में माओवादियों को पानी बिस्किट देते हुए पकड़े जाने के बाद केरेडारी से जेल गया था। जेल से छूटने के बाद वह जेपीसी के लिए कार्य करने लगा। 


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