े मौत की घाटी बन चुकी है दनुआ
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दनुआ घाटी में अक्सर होती हैं दुर्घटनाएं, सैकड़ों जान जा चुकी है एनएचएआइ की तकनीकी डिजाइनिग में निकाली गई थी खामी: संवाद सूत्र , चौपारण ( हजारीबाग) झारखंड बिहार सीमा का दनुआ घाटी कई सालों से दानव का रूप अख्तियार कर चुकी है। सुरसा के मुख समान इसकी विभीषिका भी लगातार बढ़ती जा रही है। बीते सालों में सैकड़ों जीवन को लील चुके इस घाटी में बदस्तूर दुर्घटनाओं का दौर जारी है। एनएचएआइ की लापरवाही इस दानव रूपी दुर्घटना को गति दे रहा है । इस घाटी की पहचान राष्ट्रव्यापी हो चुकी है। क्या आम , क्या खास हर कोई घाटी में जाने से डरते हैं। सोमवार को बस दुर्घटना में कोलकाता से देश के कई धार्मिक स्थलों के पर्यटन से निकले 30 से अधिक लोग बस दुर्घटना में घायल हो गए । इनमें पांच अति गंभीर भी थे । सालों से लगातार हो रहे दुर्घटनाओं से कई परिवार उजड़ गए। हर हादसे के बाद कोई सार्थक पहल नहीं हो पाता। नतीजतन दुर्घटनाओं का दौर लगातार जारी है। जीटी रोड पर प्रतिदिन औसतन हजारों गाड़ियां तथा मालवाहक वाहन चलते हैं । इसमें झारखंड से बिहार जाने वाले लेन में काफी दुर्घटनाएं होती हैं। सड़क काफी घुमावदार और सघन जंगल से घिरा है। इससे दूर तक दिखना मुश्किल होता है। दरअसल घाटी क्षेत्र में एनएचएआइ के प्लानिग व डिजाइनिग में काफी कमी पूर्व के सालों में पाई गई । बीते ढाई साल पूर्व तत्कालीन हजारीबाग उपायुक्त डॉ रवि शंकर शुक्ला ने सघन सड़क दुर्घटना के बाद घटनाओं के होने के कारण की जांच करवाई थी। उस वक्त दिल्ली से आई एनएचएआइ की टीम ने भी सड़क निर्माण में खामी पाई थी। दरअसल दनुआ संझा के बीच कई जंपिग ट्रैक बन गए हैं । यहां से गुजरने वाले वाहन असामान्य ढंग से उछलते हैं, जिसके परिणाम दुर्घटना होती है। घाटी क्षेत्र में लगभग चार ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए थे। तत्कालीन उपायुक्त डॉ रवि शंकर शुक्ला ने ढाई साल पूर्व ही चिन्हित ब्लैक स्पॉट के समीप कई सुधार करवाए थे । इसके बाद भी उन इलाकों में दुर्घटना जारी रहा। घाटी में अचानक सड़क पर ट्रक अथवा अन्य वाहन खड़े होने के बाद अक्सर बड़ी दुर्घटनाएं होती हैं। पीछे से चलने वाले वाहन खराब वाहन को देख नहीं पाते जिसके परिणाम में दुर्घटनाएं होती हैं । इन सबके बीच तेज गति से चलने वाले वाहन, शराब का अत्यधिक सेवन और लापरवाही भी दुर्घटना का एक प्रमुख कारण है । बताते चलें कि बिहार में शराबबंदी के कारण चौपारण के घाटी क्षेत्र में चलने वाले लाइन होटलों में बड़ी मात्रा में शराब की बिक्री होती है। प्रति संध्या बिहार से कई वाहन में सवार होकर लोग केवल शराब सेवन के लिए जाते हैं । ऐसे में नशा भी दुर्घटना के कारण है। साथ ही सड़क पर ही लोगों के होटल के सामने वाहनों के पार्किंग करते हैं। उपायुक्त ने लिया संज्ञान, भेजे कई एंबुलेंस
दुर्घटना की जानकारी मिलने के बाद उपायुक्त ने तत्काल संज्ञान लेते हुए बीडीओ प्रेमचंद सिन्हा से बात की। एसडीओ पूनम कुजूर ने भी संज्ञान लिया। घायलों के बेहतर इलाज के लिए पदमा, बरही, ईटखोरी, पांडेयबारा से अतिरिक्त एंबुलेंस भेजे गए। आपदा मित्र एंबुलेंस भी सेवा में पहुंचा। स्थानीय स्तर पर आपदा मित्र संजीत बर्णवाल व रंजीत केशरी , विधायक के निजी सचिव अजय राय, शिव सिंह आदि भी सहयोग को पहुंचे।