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गुरु जी की लापरवाही का खामियाजा झेल रहे बच्चे

89 हजार बच्चों का नहीं खुल सका बैंक में खाता खुले 73 हजार खाता पर भी संदेह उपायुक्त के ब

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 09:25 PM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 09:25 PM (IST)
गुरु जी की लापरवाही का खामियाजा झेल रहे बच्चे
गुरु जी की लापरवाही का खामियाजा झेल रहे बच्चे

89 हजार बच्चों का नहीं खुल सका बैंक में खाता, खुले 73 हजार खाता पर भी संदेह उपायुक्त के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बैंक को पत्र भेज खाता खुलवाने का दिया था निर्देश

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अरविद राणा,

हजारीबाग : सरकार द्वारा छात्रवृति कई अन्य मद में दिए जाने वाले पैसे सीधे बच्चों के खाते में जाए, यह शिक्षक नहीं चाहते। यहीं कारण है कि पिछले पांच सालों में जिले के 1456 विद्यालयों में पढ़ने वाले 1.62 लाख छात्रों में मात्र 89 हजार छात्रों का खाता आज भी नहीं खुल सका है। झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय के आंकड़ों पर गौर करे तो 73 हजार खोले गए खातों पर भी संदेह है और करीब 40 प्रतिशत खाते जांच में गलत बताया जा रहा है। खाता खुले इसे लेकर समय समय पर उपायुक्त और जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय से पत्र लिखा जाता रहा है। कई बार बैंको को भी फटकार लगायी गयी। साथ ही साथ प्रधानाचार्याों के वेतन भी रोके गए थे। परंतु गुरुजी की लापरवाही से आज भी जिले के 89 हजार बच्चे सरकारी अनुदान से वंचित हो रहे है और इसका सीधा फायदा शिक्षक, बिचौलियों को मिल रहा है।

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एक माह पूर्व प्रधानाध्यापकों का रोक दिया गया था वेतन

खाता खोलने में दिलचस्पी नहीं दिखाने पर एक माह पूर्व जिला शिक्षा अधीक्षक ने पत्र जारी कर प्रधानाध्यापकों का पत्र

जारी कर वेतन पर रोक लगा दिया था। इसके बावजूद कोई प्रगति खाता खोलने को लेकर नहीं दिखाई दी। त्यौहारों का मौसम होने के कारण हालांकि विभाग ने अक्टूबर माह में सभी शिक्षकों क वेतन जारी कर दिया। खाता खोलने में देरी को लेकर उपायुक्त के अलावा जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय द्वारा शिक्षकों के साथ साथ सभी बैंकों को पत्र भेजकर खाता खोलने का निदेश दिया था। बावजूद इसके बच्चों का खाता खोला नहीं जा सका।

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किसी गुरूजी ने बैंकों के खिलाफ नहीं की शिकायत

बैंक खाता नहीं खोल रहे है या सहयोग नहीं कर रहे है, ये सारी बातें शिक्षक जुबां से बोलते है, पर किसी ने खाता नहीं खोलने वाले बैंकों का लिखित शिकायत विभाग में नहीं किया। जिसके कारण खाता खोलने को लेकर बैंकों पर भी कार्यवाही नहीं हो पा रही है। खाता नहीं खुलने का कारण अभिभावक, आधार कार्ड और बैंक भी है। अभिभावक समय देते नहीं, बच्चों का आधार कार्ड अपडेट ना होना है। इसके अलावा बैंकों में भी लोड की बात कह टाल दिया जाता रहा है। इस कारण खाता खुलने में देरी हो रही है। बावजूद इसके शिक्षक संगठन अपने बैठकों में इस विषय को लेकर सजग है। केवल शिक्षक को दोष देना तर्कसंगत नही है।

प्रेम प्रसाद राणा, प्रदेश महासचिव, जेपीपीएसएसी, झारखंड

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- लगातार पत्राचार के बाद भी खाता नहीं खुल रहा है, एक भी शिक्षक यह भी लिखकर देने को तैयार नही है कि बैंक काम नहीं कर रहा है। ऐसे में विद्यार्थियों को बढ़ा नुकसान हो रहा है। विभाग लगातार सक्रिय है और आने वाले दिनों में जल्दी हीं बच्चों का खाता खुलवा दिया जाएंगा - सुनीला लकड़ा, एडीपीओ, झारखंड शिक्षा परियोजना, हजारीबाग


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