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झल को साफ तो नहीं किया, कचरा भी नहीं हटा सका नगर निगम

लीड फोटो - 15 16 पिछले एक माह से झील की सीढि़यों में जमा है जलकुंभियों का कचरा जास

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Oct 2021 07:47 PM (IST)Updated: Wed, 20 Oct 2021 07:47 PM (IST)
झल को साफ तो नहीं किया, कचरा भी नहीं हटा सका नगर निगम

लीड फोटो - 15, 16

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पिछले एक माह से झील की सीढि़यों में जमा है जलकुंभियों का कचरा जासं, हजारीबाग : एक ओर नगर निगम द्वारा झील परिसर से जलकुंभियों से मुक्त करने में असमर्थ होने के बाद सीआरपीएफ के जवानों और मत्स्यजीवी समिति के सदस्यों द्वारा शहर के ऐतिहासिक झील को जलकुंभियों से मुक्त तो कर दिया गया मगर करीब एक माह बीतने के बाद भी झील की सीढि़यों से उसका कचरा हटाया नहीं जा सका है। छठ महापर्व सामने है ऐसे में यहां अ‌र्घ्य देने वाली व्रतियों और उनके परिजनों का सवाल खडा करना वाजिब हैं। दरअसल पिछले चंद महीने में एक समय ऐसा हो गया था जब शहर के हृदयस्थली में स्थित ऐतिहासिक झील जलकुंभियों से पट गई थी। हालत यह थी कि झील परिसर में सुबह शाम चहलकदमी और सैर करने वाले लोगों का शायद ही झील का पानी का दर्शन हो पाता था। जहां तक झील से जलकुंभियों का निकालने की बात थी उसे हटाने में नगर निगम के पास न तो संसाधन थे और न ही मानव बल। नगर निगम अपने सीमित संसाधन और मुख्यमंत्री श्रम कल्याण योजना से जुटाए गए सफाई कर्मियों के सहयोग से विगत दिनों इन जलकुंभियों को हटाने की जद्दोजहद और प्रयास किया भी गया मगर यह प्रयास उंट के मुंह में जीरा साबित हुआ। क्योंकि जिस रफ्तार से नगर निगम के द्वारा गिनती के श्रमिक इन जलकुंभियों को हटाते थे उससे दुगुनी रफ्तार से वहां जलकुंभियों का प्रसार हो जाता था। नतीजा यह होता था कि स्थिति फिर जस की तस हो जाती थी। इतना सब कुछ होने के बाद नगर निगम द्वारा इस अभियान से हाथ खड़ा करना स्वाभाविक था। ऐसे में एक बार फिर अपनी उपयोगिता साबित की अ‌र्द्धसैन्य बलों के जवानों ने। दर असल झील की बदहाली को देखकर सीआरपीएफ 22 बटालियन द्वारा पहल करते हुए झील को जलकुंभियों से निजात दिलाने की पहल की गई।

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शहरवासियों की प्रतिक्रिया

1. सत्यजीत अग्रवाल

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शहर की एतिहासिक झील न सिर्फ सैलानियों के लिए बल्कि छठ व्रततियों और उनके परिजनों के लिए विशेष महत्व रखती है। छठ महापर्व सामने है ऐसे में उसकी जल्द से जल्द साफ-सफाई हो जानी चाहिए। नगर निगम को इसके लिए जल्द पहल करना चाहिए।

2. ओम प्रकाश गुप्ता

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आस्था का महापर्व छठ सामने है। ऐसे में शहर के जलस्त्रोतों विशेषकर एतिहासिक झील की साफ सफाई जल्द से जलद शुरू हो जानी चाहिए। झील से जलकुंभियों को निकाल तो दिया गया तक अब तक झील की सीढियों पर इन जलकुभियों का कचरा जमा है। इसे जल्द से जल्द हटाया जाना चाहिए।

3. निर्मल गंगवाल

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झील परिसर में सुबह शाम टहलने वाले सैलानियों का तांता लगा रहता है। झील को जलकुंभियों से निजात तो मिल गइ है। मगर अब भी झील की सीढियों पर इनका कचरा अटा पड़ा है। यह नजारा नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है। इसे जल्द से जल्द हटाया जाना चाहिए।

4. चिन्मय सरकार

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शहर की ऐतिहासिक झील को लंबे समय के बाद सीआरपीएफ की पहल पर जलकुंभी से मुक्त कर दिया गया है। इसके लिए केंद्रीय बल के जवान बधाई के पात्र हैं। अब नगर निगम को झील की सीढि़यों से जलकुंभियों के कचरे का हटा दिया जाना चाहिए। ताकि लोगों को अच्छा महसूस हो सके।


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