तकनीक से जोड़कर कांसा व्यापार को बढ़ावा देने की जरूरत
इचाक कांसा व्यापार में लगे लोग पुश्तैनी धंधा में मिले प्रशिक्षण के आधार पर अधिक समय और श्
इचाक : कांसा व्यापार में लगे लोग पुश्तैनी धंधा में मिले प्रशिक्षण के आधार पर अधिक समय और श्रम लगाकर कम मुनाफा कमा रहे है। अगर इन्हें प्रशिक्षित कर दिया जाए। तकनीक से जोड़ कर बाजार उपलब्ध करा दिया जाए तो इस धंधे में लगे लोगों का विकास की राह आसान हो जाएंगी। परंतु दुर्भाग्य हीं है कि गांव में विकसित होती इस कांसा के व्यापार को स्थायित्व देने के लिए प्रशासनिक, सरकार और न जन प्रतिनिधि कभी सामने आए। हर बार अपने खून पसीनें को एक कर कांसा व्यापार में लगे लोगों ने सरकार को अपने मेहनत के बल पर ध्यान खींचते रहे हैं। स्थानीय व्यापारी और मजदूरों की माने तो सरकार प्रशिक्षण देकर कांसा व्यापार में लगे लोगों का जीवन बेहतर कर सकती है। बताया कि समय का सही उपयोग तकनीक के साथ श्रम का मिश्रण कर हो सकता है। कांसा व्यापार में सबसे ज्यादा इसकी आवश्यकता होती है। ऐसे में सरकार प्रशिक्षण, बिजली, बाजार व कच्चा माल एक छत के नीचे उपलब्ध करा दे तो जिले के प्रवासियों को कहीं और हाथ फैलाने की आवश्यकता नहीं होगी। यह व्यवसाय पांच हजार लोगों को प्रत्यक्ष रुप से रोजगार देने के लिए सक्षम है।
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हजारीबाग के कई क्षेत्रों में उद्योग को मिल सकता है बढ़ावा
हजारीबाग में कतियातपुर में कांसा व्यवसाय में लगे लोगों का प्रशिक्षित सरकार इन्हें मास्टर ट्रेनर के रुप में भी इस्तेमाल कर सकती है। ताकि जिले के और भी क्षेत्रों में इस उद्योग बढ़ावा दिया जा सके। सरकार को इस दिशा में काम करने की दरकार है। यहां के व्यवसायी भी मानते हैं कि अगर सरकार इस उद्योग को बढ़ावा देने जोर दे। व्यापारियों को सब्सिडी दे तो यह राज्य में बड़ा उद्योग का रुप ले सकता है। हजारों की संख्या में पहुंचे प्रवासियों को भी इससे बड़ी राहत मिल सकती है।