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श्ििशक्षकों व छात्रों की मेहनत से बदली नावाडीह विद्यालय की तस्वीर

हजारीबाग सशक्त प्रबंधन शिक्षकों की ईमानदार कोशिश और जल सैनिकों की मेहनत से उत्क्र

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Jan 2020 08:16 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jan 2020 08:16 PM (IST)
श्ििशक्षकों व छात्रों की मेहनत से बदली नावाडीह विद्यालय की तस्वीर
श्ििशक्षकों व छात्रों की मेहनत से बदली नावाडीह विद्यालय की तस्वीर

हजारीबाग : सशक्त प्रबंधन, शिक्षकों की ईमानदार कोशिश और जल सैनिकों की मेहनत से उत्क्रमित उच्च विद्यालय नावाडीह पदमा की तस्वीर बदल गई है। 1951 में विद्यालय को सरकारी प्राथमिक विद्यालय का दर्जा मिला था। प्राथमिक विद्यालय से शुरू होकर 2010 में इसे उच्च विद्यालय का दर्जा प्राप्त हुआ। बेहतर प्रबंधन के कारण यह विद्यालय अब पूरे प्रखंड में नीत नए आयाम गढ़ रहा है। गांव वालों के अनुसार इसकी स्थापना वर्ष 1928 में की गई थी। तब वहां नंदलाल राणा विद्यालय के प्रभारी हुआ करते थे। विद्यालय में कक्षा 1 से 5 तक की पढ़ाई होती थी। इस बीच विद्यालय लगातार प्रगति के पथ पर अग्रसर रहा और 1982 में यहां सातवीं तक की पढ़ाई होने लगी। तब यहां त्रिवेणी पांडे प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर रहते हुए विद्यालय को आगे बढ़ाने का काम जारी रखा। वर्तमान समय में अभी यहां 466 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे है। नवाडीह उत्क्रमित उच्च विद्यालय प्रखंड का एक मात्र उच्च विद्यालय है, जिसे स्वच्छता में फाइव स्टार की रेटिग मिली है। विद्यालय को पुरस्कार स्वरुप दो लाख रुपए भी मिलने वाला है। वर्तमान में विद्यालय में फूलों की क्यारी लगायी गयी है। इनमें गुलाब सहित कई प्रजाति है। वहीं जल सेना ने बरसात के दिनों में 500 पौधे लगाए है। जो अब मूर्त रुप लेने लगे है।

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विद्यालय प्रबंधन से लेकर छात्र यहां हर कार्य में बढ़ाते है हाथ

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त विद्यार्थियों को उपलब्ध करा रहा यह विद्यालय अब फूलों की बगीचा के रुप में बदल गया है। हर रोज यहां काम बांटकर फूलों और परिसर की देखरेख होती है। शिक्षक दीपक मेहता की अगुवाई में शिक्षकों की टोली अपने विद्यालय को बेहतर बनाने में लगी है। विद्यालय में जल व पर्यावरण संरक्षण को लेकर लगातार काम हो रहा है। दैनिक जागरण के जल सैनिक पानी संरक्षण की दिशा में महती भूमिका निभा रहे हैं। स्कूल में भूमिगत जल रिचार्ज सिस्टम से पानी संरक्षित किया जा रहा है।


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