कहीं बारिश से परेशानी तो कहीं छाई हरियाली
संस हजारीबाग सावन माह बीतने के बाद भादो चढ़ते ही रविवार को जमकर वर्षा हुई। शहरी क्ष
संस, हजारीबाग : सावन माह बीतने के बाद भादो चढ़ते ही रविवार को जमकर वर्षा हुई। शहरी क्षेत्र सहित पूरे हजारीबाग जिले में अच्छी बारिश हुई। बारिश के कारण जहां शहरी क्षेत्र के लोगों को जलजमाव के कारण फजीहत झेलनी पड़ी, वहीं बारिश ने किसानों के मुरझाए चेहरे पर मुस्कान लाने का काम किया है। दिन की तेज बारिश से लोगों को थोड़ी देर की परेशानी का सामना करना पड़ा, लेकिन यह बारिश किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है।
सभी छोटी-बड़ी नदियों का जल स्तर बढ़ गया है। खेतों में भरपूर पानी का जमाव हो चुका है। बारिश के पानी से साल भर किसानों को राहत मिलेगी।
जगह-जगह दिखा जलजमाव का नजारा
भादो की बारिश जहां किसानों के लिए वरदान बनकर आयी। वहीं बारिश के कारण जगह-जगह हुए जलजमाव के कारण शहरवासियों को भारी फजीहत का सामना करना पड़ा। नालियों की बारिश के पूर्व सफाई नहीं होने के कारण मात्र एक घंटे की बारिश में शहर में कई जगहों पर तालाब का नजारा दिख रहा था। शहर के वार्ड संख्या दो में मिल्लत कॉलोनी हो या ओकनी, शिवपुरी, बुंदेलनगर, दक्षिणी गांधी मैदान, आनंदपुरी सहित कई मोहल्लों में जलजमाव का नजारा दिख रहा था। वहीं मिल्लत कॉलोनी सहित कुछ जगहों पर लोगों के घरों में पानी भी घुस गया था। वहीं बारिश के कारण नालियों का कचरा बाहर आकर सड़क पर फैल गया था। इससे वहां से गुजरनेवालों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। भरपूर बारिश से किसानों के चेहरे खिले
: सावन महीने में खेती कार्य के लिए किसानों को खेतों में बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ा था। ठीक इसके विपरीत भादो चढ़ते ही हर रोज जमकर बारिश हो रही है। खेतों में धानों की रोपाई के बाद नित्य पानी की पूर्ति हो जा रही है। बारिश नहीं होने के कारण धान सहित अन्य फसलों की खेतों में पड़ी दरारें किसानों की चिता को बढ़ाने का काम कर रही थी। लेकिन बारिश होने के बाद किसानों ने राहत की सांस ली। किसानों ने बारिश के लिए इंद्र भगवान को धन्यवाद देते हुए कहा कि अब धान की फसल सूखेगी नहीं। वहीं मक्के की फसल को भी यह पानी राहत पहुंचाने का काम करेगी। जबकि सब्जी की खेती करनेवालों ने कहा कि अब कुछ दिन तो खेतों में पानी देने से मुक्ति मिलेगी। पहले तो बारिश नहीं होने के कारण सब्जी की खेती करनेवाले किसानों को अपनी सब्जी की फसल को बचाने के लिए सिचाई करनी पड़ती थी। वहीं यह मूसलाधार बारिश एक बार खेतों में नमी बनाने का भी काम करेगी। जिससे अगले महीने आलू , सरसों व अन्य फसलों की खेती करने में सहायक सिद्ध होगी।
चरही के किसानों ने कहा एक कहावत भी है। धान-पान नित्य स्नान। किसानों को और कुछ भी नहीं चाहिए। गिनती की बारिश त्योहारों के साथ होते जाय तो धान की फसल में जो विलंब हो रहा था, वह पूरा हो गया। भदई सब्जियां भी धीरे-धीरे निकलना शुरू हो गई हैं।